शहबाज शरीफ बने पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री

पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को शहबाज शरीफ को निर्विरोध देश का 23वां प्रधानमंत्री चुन लिया। इसके साथ ही इमरान खान के खिलाफ आठ मार्च को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद से देश में बनी अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हो गयी। पीएम चुने जाने के बाद शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुरूप ही होना चाहिए।

शहबाज शरीफ बने पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री
  • कहा- कश्मीर मुद्दे का समाधान वहां के लोगों की इच्छा के अनुरूप ही होनी चाहिए
  • सुख-दुख का साथी चीन, कयामत तक रहेगी दोस्ती 
 इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को शहबाज शरीफ को निर्विरोध देश का 23वां प्रधानमंत्री चुन लिया। इसके साथ ही इमरान खान के खिलाफ आठ मार्च को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद से देश में बनी अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हो गयी। पीएम चुने जाने के बाद शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुरूप ही होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान (Pakistan) बेहतर संबंध चाहता है, लेकिन कश्मीर मुद्दे के हल होने तक यह संभव नहीं है। शहबाज ने कहा कि हम कश्मीर के लोगों को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया, तब इमरान की सरकार ने कुछ भी नहीं किया। शहबाज शरीफ ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी दोनों ओर है। लोगों के पास दवाई नहीं है। ऐसे में हम आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद क्यों करना चाहते हैं। पीएम की शपथ लेने से पहले ही शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की न्यूनतम आय 25 हजार रुपये करने का ऐलान कर दिया.
सुख-दुख का साथी चीन
 शहबाज शरीफ ने चीन को दुख-सुख का साथी बताते हुए कहा कि कयामत तक पाकिस्तान की उसके साथ दोस्ती सलामत रहेगी। शाहबाज ने कहा कि चीन पाकिस्तान का एक वफादार और सुख-दुख का साथी है. चीन ने हर वक्त पाकिस्तान का साथ दिया है। इंटरनेशनल लेवल पर भी हमारा साथ दिया। चीन ने हमेशा पाकिस्तान को अपना एक हमसाया दोस्त माना। ये दोस्ती हुकूमतों की दोस्ती नहीं आवामों की दोस्ती है।'उन्होंने कहा, कोई कुछ भी कर ले लेकिन चीन से हमारी दोस्ती छीन नहीं सकता। पिछली सरकार ने इस दोस्ती को कमजोर करने के लिए जो कुछ भी कुछ किया वह बहुत तकलीफदेह दास्तान है। पाकिस्तान और चीन की शानदार दोस्ती है। यह कयामत तक कायम रहेगी। हम CPEC पर और तेजी से काम करेंगे। हम शी जिनपिंग सरकार के शुक्रगुजार हैं।'
चीन ने शहबाज को इमरान से अच्छा दोस्त बताया
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि नई सरकार बनने के बाद उसके रिश्ते पाकिस्तान से और बेहतर हो सकते हैं। अखबार में शरीफ की तारीफ की गई और कहा गया कि वह उसी परिवार से हैं जिसने हमेशा चीन और पाकिस्तान के मजबूत रिश्ते का समर्थन किया।  अब इमरान के कार्यकाल से भी मजबूत रिश्ते हो सकते हैं।
शहबाज के पक्ष में पड़े 174 वोट
स्पीकर अयाज सादिक ने इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए नतीजों की घोषणा की। स्पीकर ने कहा कि शहबाज शरीफ को 174 वोट मिले हैं। उन्हें पाकिस्तान इस्लामी गणराज्य का प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है। इससे पहले डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा था कि उनकी अंतरात्मा सत्र के संचालन की इजाजत नहीं देती। 342 सदस्यीय सदन में जीत के लिए कम से कम 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी।
पीटीआई ने किया सदन से वॉकआउट
संसद में वोटिंग से पहले पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के संसद में मतदान में भाग नहीं लेने और वॉकआउट करने की घोषणा की थी। इसके बाद 70 साल के शहबाज प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अकेले उम्मीदवार रह गये थे।
पहली बार किसी पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब
सदन में अपने पहले भाषण में बतौर पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है.’ उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए आज बड़ा दिन है, जहां एक चुने हुए प्रधानमंत्री को कानूनी और संवैधानिक तरीके से घर भेज दिया गया है।
डॉलर के मुकाबले आठ रुपये मजबूत हुई पाकिस्तानी मुद्रा
शहबाज ने कहा कि अमेरिकी डॉलर का मूल्य पाकिस्तान के रुपये के मुकाबले आज आठ रुपये कम होना ‘जनता की खुशी’ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस दिन फैसला सुनाया, उसे पाकिस्तान के इतिहास में ‘ऐतिहासिक दिन’ के तौर पर दर्ज किया जाना चाहिए। पत्र विवाद’ पर शहबाज शरीफ ने कहा कि खत सात मार्च को आया था, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला उससे पहले ले लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘इसलिए यदि (पूर्ववर्ती सरकार ने जो दावा किया वह) गलत है, तो मामले को पारदर्शिता के साथ जनता के सामने रखा जाना चाहिए.’
...तो मैं इस्तीफा दे दूंगा- शहबाज शरीफ
उन्होंने घोषणा की कि संसद की सुरक्षा संबंधी समिति इसके सदस्यों को ‘धमकी भरे पत्र’ मिलने के मामले में सशस्त्र बलों के अधिकारियों और नौकरशाहों, आईएसआई प्रमुख, विदेश सचिव तथा इसे लिखने वाले राजदूत की मौजूदगी में सदस्यों को ब्रीफिंग देगी। सुरक्षा समिति की बैठक बंद कमरे में जल्द से जल्द करने का संकल्प जताते हुए शहबाज ने कहा, ‘अगर इस बात के रत्ती भर भी सबूत मिलते हैं कि हमें विदेशी साजिशकर्ताओं से मदद मिली, तो स्पीकर साहब मैं आपको और अल्लाह को साक्षी मानकर एक भी सेकेंड पद पर नहीं रहना चाहूंगा और इस्तीफा दे दूंगा।