नई दिल्ली: अब ट्रेनों के सेकंड क्लास में भी मिलेगा AC का मजा, जनरल कोच को लेकर रेलवे का मास्टर प्लान

इंडियन रेलवे पैसेंजर्स की यात्रा को और आरमदेह बनाने के लिए अब सेकेंड क्लास के कोच को एसी में कनवर्ट करने के बारे में विचार कर रही है। इससे लंबी दूरी का सफर आरामदेह हो जायेगी।

नई दिल्ली: अब ट्रेनों के सेकंड क्लास में भी मिलेगा AC का मजा, जनरल कोच को लेकर रेलवे का मास्टर प्लान

नई दिल्ली। इंडियन रेलवे पैसेंजर्स की यात्रा को और आरमदेह बनाने के लिए ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जो आम आदमी के सफर करने के तरीके को पूरी तरह से बदल देगा। रेलवे अब सेकेंड क्लास के कोच को एसी में कनवर्ट करने के बारे में विचार कर रही है। इससे लंबी दूरी का सफर आरामदेह हो जायेगी। इसके लिए लोगों को अपनी ज्यादा किराया देने पड़ सकती है।

अनरिजर्व सेकेंड क्लास के कोचों को एसी बनाने का काम

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसाहर इकोनॉमी एसी 3-टियर कोच शुरू करने के बाद, इंडियन रेलवे अब अनरिजर्व सेकेंड क्लास के कोचों को एसी बनाने की दिशा में काम कर रही है। सेकेंड क्लास के नये कोच का निर्माण कपूरथला में रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) में किया जायेगा।आरसीएफ के जीएम रविंद्र गुप्ता के अनुसार इस प्रोजेक्ट से आम आदमी के लिए देश में रेल सफर का चेहरा बदल जाएगा। एसी जेनरल सेकेंड क्लास की यात्रा पहले जैसी सहज हो जायेगी। नए एसी जनरल क्लास कोच के लिए लेआउट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आरसीएफ को इस साल अंत तक एक प्रोटोटाइप को रोल आउट करने की उम्मीद है।

130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा

अभी जनरल सेकेंड क्लास के कोच में अधिकतम 100 पैसेंजर्स बैठ सकते हैं। इसे बनाने में लगभग 2.24 करोड़ रुपये का खर्च आता है। नये एसी जनरल सेकेंड क्लास के कोच में बेहतर यात्री सुविधाओं की पेशकश के साथ अधिक यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था करने की उम्मीद है। इन कोचों का इस्तेमाल लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए किया जायेगा जो 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा कर सकती हैं।

सेकेंड क्लास के एसी डिब्बे बनाने की योजना को अंतिम रूप

इंडियन रेलवे ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटे करने की दिशा में काम कर रहा। राजधानी और शताब्दी जैसी लंबी रूट की ट्रेनों में इसके लिए इंजन भी बदले गये हैं। अब स्लीपर और जनरल कोच एसी किये जा रहे हैं। हाल ही में RCF ने एक इकोनॉमी AC 3-टियर कोच के प्रोटोटाइप को रोलआउट किया है जो मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर क्लास के कोच की जगह लेगा। इकोनॉमी एसी कोच का हाल ही में 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर ट्रायल किया गया।बताया जाता है कि इडियन रेलवे वित्त वर्ष 20-21-22 के अंत तक 24 ऐसी ट्रेन तैयार करेगी, जिसमें इकोनॉमी एसी थ्री टायर कोच होंगे। रेलवे बोर्ड द्वारा लेआउट और अन्य डिजाइनों को मंजूरी दिये जाने के बाद सेकेंड क्लास के एसी डिब्बे बनाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

पिछली बार 2016 में अनरिजर्व पेसेंजर्स के लिए दीन दयालु कोचों की शुरुआत के साथ इंडियन रेलवे ने अपने जनरल सेकेंड क्लास के डिब्बों को अपग्रेड किया था। दीन दयालु कोचों ने कई यात्री सुविधाओं जैसे कि गद्दीदार सामान रैक, गद्देदार सीटें, कोट हुक, साफ पानी की सुविधा दी। इन कोचों में बॉयो टॉयलेट, अधिक मोबाइल चार्जिंग पॉइंट जैसी भी व्यवस्था दी गई।