नई दिल्ली: आठ वर्ष से पुराने वाहनों पर लगेगा ग्रीन टैक्स, रोड ट्रांसपोर्ट व हाईवे मिनिस्टरी ने प्रोपोजल को दी मंजूरी

ट्रांसपोर्ट से जुड़े आठ वर्ष से पुराने सभी वाहनों पर अब ग्रीन टैक्स लगेगा।यह रोड टैक्स का 10-25 परसेंट हो सकता है। सेंट्रल रोड ट्रांसपोर्ट व हाईवे मिनिस्टरी ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए कई अहम बदलावों के तहत इस प्रोपोजल को मंजूरी दे दी है। 

  • नितिन गडकरी ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के प्रोपोजल को दी मंजूरी 
  • नोटिफिकेशन होने से पहले प्रोपोजल अब स्टेट के परामर्श के लिए जायेगा

नई दिल्ली। ट्रांसपोर्ट से जुड़े आठ वर्ष से पुराने सभी वाहनों पर अब ग्रीन टैक्स लगेगा।यह रोड टैक्स का 10-25 परसेंट हो सकता है। सेंट्रल रोड ट्रांसपोर्ट व हाईवे मिनिस्टरी ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए कई अहम बदलावों के तहत इस प्रोपोजल को मंजूरी दे दी है। 

15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल, 2022 से होगा कैंसिल
इस टैक्स से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किया जायेगा। उक्त प्रोपोजल को नोटिफिकेशन करने से पहले इस मामले में राज्यों से सलाह ली जायेगी। प्रोपोजल को राज्यों के पास भेजा जा रहा है। मिनिस्टरी ने 15 वर्ष से अधिक के सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाले वाहनों की डिरजिस्ट्रेशन और स्क्रैपिंग की नीति को भी मंजूरी दी है। पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल, 2022 से कैंसिल कर दिया जायेगा। वे वाहन कबाड़ घोषित कर दिये जायेंगे। जल्द ही इसकी नोटिफिकनेशन भी जारी कर दी जायेगी। नये नियमों को एक अप्रैल 2022 को नोटिफाइ किया जायेगा।

कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट
प्रोपोजल अनुसार ट्रांसपोर्ट से जुड़े आठ वर्षो से अधिक पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूयल के दौरान ग्रीन टैक्स देना होगा। वहीं, 15 वर्ष पुराने प्राइवेट वैकिल्स के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के रिन्युअल पर भी ग्रीन टैक्स लगेगा। हालांकि सिटी बस जैसे पब्लिक वैकिल पर कम ग्रीन टैक्स देना होगा। बहुत अधिक प्रदूषित शहर में गाडि़यों की संख्या को कम करने के लिए वहां वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोड टैक्स के 50 परसेंट तक ग्रीन टैक्स देना पड़ सकता है। हालांकि कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट रहेगी।

ग्रीन टैक्स से एकत्र होने वाले रेवन्यू को अलग अकाउंट में रखा जायेगा
मिनिस्टरी को प्रोपोजल के अनुसार ग्रीन टैक्स से एकत्र होने वाले रेवन्यू को अलग अकाउंट में रखा जायेगा। इसका इस्तेमाल प्रदूषण पर काबू पाने में किया जायेगा। ग्रीन टैक्स के लगने से कई फायदे होंगे। लोग प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का कम इस्तेमाल करेंगे। ग्रीन टैक्स की वजह से लोग नये और कम प्रदूषण वाले वाहन यूज करेंगे।आठ साल से पुराने परिवहन वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू करते समय रोड टैक्स के 10 से 25 फीसदी तक ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है। निजी वाहनों पर 15 सालों के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू करते समय ग्रीन टैक्स लगाया जायेगा। सार्वजनिक परिवहन के वाहनों जैसे सिटी बसों पर कम ग्रीन टैक्स लगेगा। सरकार ने अत्यधिक प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों के लिए अधिक टैक्स (रोड टैक्स का 50%) प्रस्तावित किया है।
मिनिस्टरी ने कहा है कि यह अनुमान लगाया जाता है कि कॉमर्शियल वाहन, जो कुल वाहन बेड़े का लगभग 5% हिस्सा हैं। कुल वाहन प्रदूषण में लगभग 65-70% योगदान करते हैं। वर्ष 2000 से पहले निर्मित वाहन कुल बेड़े का 1% है, लेकिन कुल वाहनों के प्रदूषण में इनका योगदान 15 परसेंट है।हालांकि कुल वाहनों में इनकी संख्या एक परसेंट से भी कम है।