नई दिल्ली: जून 2021 में मिल जायेगा कांग्रेस को नया प्रसिडेंट, CWC की बैठक में लिया गया फैसला

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में फैसला लिया गया है कि कांग्रेस को जून 2021 तक अपना नया अध्यक्ष मिल जायेगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति ने निर्णय लिया है कि जून 2021 तक कांग्रेस के पास एक निर्वाचित अध्यक्ष होगा।

नई दिल्ली: जून 2021 में मिल जायेगा कांग्रेस को नया प्रसिडेंट, CWC की बैठक में लिया गया फैसला

नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।बैठक में फैसला लिया गया है कि कांग्रेस को जून 2021 तक अपना नया अध्यक्ष मिल जायेगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति ने निर्णय लिया है कि जून 2021 तक कांग्रेस के पास एक निर्वाचित अध्यक्ष होगा।

बताया जाता है कि कांग्रेस संगठन के चुनाव मई महीने में कराए जा सकते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति का प्लेनरी सत्र 29 मई को आयोजित किया जायेगा। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।

गहलोत ने चुनाव की मांग पर बोला हमला 

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और अंबिका सोनी ने सीईसी के चुनाव की मांग को नेतृत्व पर अविश्वास जैसी बात करार देते हुए असंतुष्ट खेमे के नेताओं की हैसियत पर सवाल उठाया।इस पर पलटवार करते हुए गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा सरीखे असंतुष्ट नेता सीईसी का चुनाव कराने की मांग पर डटे रहे।पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने संगठन चुनाव मई तक पूरा करने का कार्यक्रम कार्यसमिति को दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ ही असंतुष्ट खेमे के नेताओं ने भी राज्यों के चुनाव को देखते हुए संगठन चुनाव को कुछ आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। मई के बजाय जून के आखिर तक कांग्रेस के नये अध्यक्ष का चुनाव कराने पर बैठक में सर्वसम्मति बन गई। महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आगे बढ़ाने के निर्णय पर सर्वसम्मति होने की बात भी कही। सूत्रों के अनुसार बैठक में पार्टी संविधान के हिसाब से अध्यक्ष के चुनाव के बाद कांग्रेस के प्लेनरी सत्र में कार्यसमिति के आधे सदस्यों का चुनाव कराए जाने की बात भी तय हो गई। कार्यसमिति का चुनाव असंतुष्ट खेमे की एक बड़ी मांग रही है। 

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और मुकुल वासनिक ने एंटनी से असहमति जताते हुए कहा कि पार्टी संविधान के हिसाब से सीईसी के नौ सदस्य चुनकर आते हैं। आधे का चयन कांग्रेस अध्यक्ष के हाथ में है। इस पर अंबिका सोनी ने कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद जब नए अध्यक्ष का कार्यकाल बाकी बची अवधि दिसंबर, 2022 तक के लिए ही है तो सीईसी चुनाव की मांग समझ से परे है। हरीश रावत, रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडेय ने अंबिका सोनी से सहमति जताई। हालांकि आनंद शर्मा ने फिर पार्टी संविधान के हिसाब से चुनाव की अनिवार्यता बताई। अशोक गहलोत इसके बाद बिफर पड़े और गुलाम नबी, आनंद शर्मा सरीखे नाराज नेताओं पर निशाना साधते हुए उनकी पहचान और हैसियत पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी आज जो पहचान है वह केवल कांग्रेस की वजह से है। 

आनंद शर्मा ने किया पलटवार 

गहलोत ने कहा कि पार्टी और उसके नेतृत्व ने इन नेताओं को मौका देकर इस मुकाम तक पहुंचाया है। ऐसी मांग करना सोनिया गांधी पर अविश्वास करने जैसा है। आनंद शर्मा ने भी इसके बाद तल्ख जवाब देते हुए गहलोत के बिफरने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि कार्यसमिति में शालीनता व शिष्टाचार की मर्यादा इस तरह तोड़ा जाना अनुचित है। आनंद शर्मा ने कहा कि बेशक कांग्रेस की वजह से सबकी पहचान है मगर संगठन को दुरुस्त करने की बात उठाने में ऐसी कटुता ठीक नहीं। शर्मा ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी के प्रति भरोसा और विश्वास तो हम सबका भी है। गहलोत और शर्मा के बीच हुई तकरार पर राहुल गांधी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अशोक गहलोत की भावनाएं अपनी जगह चाहे सही हों मगर बैठक के दौरान कड़वाहट को लेकर आनंद शर्मा के उठाए सवाल भी सही हैं। 

कई अहम प्रस्ताव पारित 
CWC ने किसानों के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया। COVID टीकाकरण के लिए वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने और लोगों से आगे आने की अपील करने के लिए भी प्रस्ताव पारित किया। बैठक में सीडब्ल्यूसी ने अर्नब गोस्वामी की व्हाट्सएप चैट लीक को राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करने का आरोप लगाया है। इसकी जेपीसी की जांच कराने का भी प्रस्ताव भी पारित हुआ।सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर हमले किए। सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने परामर्श के सारथी के माध्यम से किसानों के मुद्दे पर चौंकाने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाई है। यह स्पष्ट है कि तीन खेती कानून जल्दबाजी में तैयार किए गए थे, संसद ने जानबूझकर उन्हें जांचने के अवसर से वंचित किया गया। सोनिया गांधी ने अर्थव्यवस्था पर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि घबराहट के निजीकरण ने सरकार को जकड़ लिया है।

अर्नब के चैट लीक पर हमला

सोनिया गांधी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर भी हमला बोला। सोनिया गांधी ने कहा है कि जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाण पत्र देते हैं, वे अब पूरी तरह से उजागर हो गए हैं। सोनिया ने सरकार पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से पूरी तरह से समझौता गया है। सरकार की चुप्पी बहरे जैसी है।सोनिया गांधी ने कहा कि आशा है कि कोविड टीकाकरण प्रक्रिया जारी रहेगी। पूरी तरह से पूरी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने अनकही पीड़ा झेली है, जिस तरह से सरकार ने COVID-19 महामारी का प्रबंधन किया है। उन्होंने कहा कि दाग को ठीक होने में कई साल लगेंगे।