मुंबई: मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले संदिग्ध कार केस में पुलिस अफसर उठे सवाल, सचिन वाझे का ट्रांसफर 

इंडस्ट्रलिस्ट मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले संदिग्ध कार की जांच कर रहे पुलिस अफसर सचिन वाझे का ट्रांसफर कर दिया गया है।

मुंबई: मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले संदिग्ध कार केस में पुलिस अफसर उठे सवाल, सचिन वाझे का ट्रांसफर 

मुंबई। इंडस्ट्रलिस्ट मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले संदिग्ध कार की जांच कर रहे पुलिस अफसर सचिन वाझे का ट्रांसफर कर दिया गया है। महाराष्ट्र  गवर्नमेंट ने एनकाउंर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर कर दिया है। संदिग्ध कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध हालात में मौत को लेकर सचिन वाझे पर सवाल उठ रहे थे। मनसुख हिरेन की पत्नी ने भी एफआईआर में वाझे का नाम लिया है। 
सचिन वाझे का विवादों से पुराना नाता रहा है। वर्ष 2008 में पुलिस की नौकरी से हटने के बाद शिवसेना जॉइन करने वाले सचिव वाझे वर्ष 2020 में फिर पुलिस सेवा में आये। उद्धव ठाकरे सरकार में वाझे को एक बार फिर से पुलिस सेवा में वापस लाया गया था। इसके बाद उन्हें कई विवादित और हाईप्रोफाइल केस सौंपे गये थे।

क्राइम ब्रांच-सीआईडी में तैनाती के दौरान सचिन वाझे(49) के पास ही हाल ही में चर्चा में आया अर्णब गोस्वामी का केस भी था। सनसनीखेज टीआरपी केस, अन्वय नाइक की सुसाइड के केस की जांच सचिन के ही पास थी। सचिन वाझे और उनकी टीम ने ही रिपब्लिक टीवी के मैनेजिंग एडिटर अर्णब गोस्वामी को उनके घर से अरेस्ट किया था। उन्होंने स्पोर्ट्स कार स्कैम के मामले में दिलीप छाबड़िया के खिलाफ भी जांच की थी। इस केस में कपिल शर्मा का नाम भी सामने आया था। कॉमेडियन ने छाबड़िया के खिलाफ फ्रॉड का केस दर्ज कराया था। 

सचिन वाझे को टेक्नीकल मामलों का जानकार माना जाता है। साइबर क्राइम के कई मामलों को वह सुलझा चुके हैं। वह फाइनेंशल फ्रॉड्स के केसों को भी आसानी से सुलझाते रहे हैं। उन्होंने  एक इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड फ्रॉड केस को भी सुलझाया था। वर्ष 1990 के दौर में पुलिस जॉइन करने वाले सचिन वाझे ने सब इंस्पेक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। नौकरी की शुरुआत के दिनों में वह महाराष्ट्र के नक्सली गतिविधियों के सेंटर गढ़चिरौली इलाके में तैनात थे। 
पुलिस से हो गये थे सस्पेंड
सचिन बाझे कुछ सालों के बाद मुंबई पुलिस का हिस्सा बने और टाउन में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर पहचान बनाई। उन्होंने दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन जैसे खूंखार गैंगस्टर्स के कई लोगों को खत्म किया था। वर्ष 2004 की तीन3 मार्च को सचिन वाझे को 14 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ सस्पेंड कर दिया गया था। घाटकोपर बम धमाके के केस में संदिग्ध ख्वाजा युनूस की कस्टडी में मौत के मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया था।

नौकरी छोड़ शिवसेना में हो गये थे शामिल
वर्ष 2007 में उन्होंने एक बार फिर से सेवा में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से अपील खारिज होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। कुछ समय बाद वह शिवेसना में भी शामिल हो गये थे। इसके बाद शिवसेना के ही सत्ता में आने पर वर्ष 2020 की छह जून  को पुलिस में फिर से एंट्री कर ली।