कानपुर ट्रांसफर होगा मनीष मर्डर केस, वाइफ को OSD की नौकरी व मुआवजा , योगी पीड़ित परिवार की मांगे मानी

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कानपुर पुलिस लाइन में गोरखपुर में पुलिस पिटाई में मारे गये प्रोपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की वाइफ मीनाक्षी से मुलाकात की। मीनाक्षी ने नौकरी, मुआवजा और गोरखपुर से कानपुर केस ट्रांसफर कराने की मांग की। सीएम योगी ने उनकी यह मांगे मान ली। 

कानपुर ट्रांसफर होगा मनीष मर्डर केस, वाइफ को OSD की नौकरी व मुआवजा , योगी पीड़ित परिवार की मांगे मानी

कानपुर। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कानपुर पुलिस लाइन में गोरखपुर में पुलिस पिटाई में मारे गये प्रोपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की वाइफ मीनाक्षी से मुलाकात की। मीनाक्षी ने नौकरी, मुआवजा और गोरखपुर से कानपुर केस ट्रांसफर कराने की मांग की। सीएम योगी ने उनकी यह मांगे मान ली। 
मुआवजा राशि भी बढ़ेगी
सीएम योगी ने मनीष गुप्ता की पत्नी को विकास प्राधिकरण में ओएसडी की नौकरी देने और मुआवजा राशि भी 10 लाख से बढाने के लिये जिला प्रशासन से प्रोपोजल देने को कहा है। परिवार ने सीबीआई जांच की भी मांग रखी। सीएम ने इस पर भी आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि जांच के संबंध में भी जो कुछ होगा किया जायेगा। सरकार आपके साथ है। हर हाल में न्याय मिलेगा।

घटना बेहद शर्मनाक, दोषी बख्शे नहीं जायेंगेः योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दो दिन पहले गोरखपुर में हुई घटना बेहद शर्मनाक है। मैंने । कल सुबह ही पीड़ित परिवार से मिलने की इच्छा जताई थी। क्राइम व क्रिमिनलों के प्रति हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। कोई क्रिमिनल बख्शा नहीं जायेगा। एक्स सीएम अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए योगी ने कहा  कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली। ये लोग प्रदेश को बदनाम, अराजकता, फैलाने और माफिया की पैरवी करने वाले लोग हैं। सरकारी योजनाओं में डकैती डालने वालों को अब परेशान नहीं हो रही है। माफिया के कब्जे पर जब बुलडोजर चलता है तो इन्हें बुरा लगता है। यह लोग तो वह लोग हैं जिन्होंने परिवार को ही प्रदेश मान लिया था। नौकरी निकलती थी तो परिवार का एक सदस्य वसूली पर निकल पड़ता था।अब प्रदेश की सरकारी भर्तियों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।
मनीष की पत्नी से बोले सीएम योगी, दोषियों को छोड़ेंगे नहीं
CM योगी आदित्यनाथ ने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी और उनके परिवार से मुलाक़ात की और कहा कि किसी भी दोषी को छोड़ेंगे नहीं, हम जांच करवा रहे हैं। हम आपके दुख में आपके साथ हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने वालों में मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी, बेटा अभिराज, पिता नंदकिशोर, भाई सौरभ, भांजे का दोस्त दुर्गेश बाजपेई, परिचित दीपक श्रीवास्तव, एडवोकेट रंजीत सिंह व बहनोई रोहित गुप्ता शामिल हैं।
अखिलेश पीड़ित के घर  जाकर मिले, 20 लाख मुआवजा का एलान

एक्स सीएम अखिलेश यादव मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से मिले?। अखिलेश यादव ने 20 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का ऐलानकिया है। अखिलेश यादव पीड़ित परिजनों से मिले। उनके साथ आई भीड़ को परिजनों ने अंदर आने की इजाजत नहीं दी।

मां-बाप के इकलौते बेटे थे मनीष गुप्ता
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि आठ साल पहले वर्ष 2013 में उनकी शादी हुई थी। मनीष रियल इस्टेट का काम करते थे। परिवार में बीमार ससुर के अलावा उनका चार साल का एक बेटा अभिराज है। सास का पहले ही देहांत हो चुका है। मनीष की तीन बहनें हैं, उनकी शादी हो चुकी है। मीनाक्षी ने बताया कि सोमवार देर रात में फोन पर बात के बाद लगा कि शायद सब कुछ ठीक हो गया होगा, लेकिन मंगलवार सुबह पांच बजे फोन पर पता चला हसबैंड अब इस दुनिया में नहीं हैं।
विवादास्पद  है गोरखपुर का इंस्पेक्टर जेएन सिंह 

इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर गोरखपुर में कानपुर के मनीष गुप्ता को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। जेएन सिंह  पहले भी पिटाई से मौत और दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं। मनीष गुप्ता के मामले में मर्डर का केस दर्ज होने के बाद पुरानी घटनाओं की भी जांच हो सकती है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पुराने मामलों में कोई आवेदन आता है तो जांच कराई जायेगी। रामगढ़ताल थाने में रहते हुए जेएन सिंह पर एक परिवार ने पुलिस पिटाई से बेटे की मौत का आरोप लगाया था, जबकि बांसगांव के एक परिवार का भी यही आरोप था।

रामगढ़ताल पुलिस की कस्टडी में पिछले 13 अगस्त को गौतम सिंह(20)  की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। पुलिस पर पिटाई का आरोप था।इससे पहले सात नवंबर 2020 को भी जेएन सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ मर्डर के प्रयास का केस दर्ज था। पुलिस ने उसे बीते 11 अक्तूबर 2020 को डिघवा तिराहे से अरेस्ट कर लिया और जेल भिजवा दिया। उसकी सात नवंबर को जेल में मौत हो गई। इस मामले में पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था। तत्कालीन चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया था।