महाराष्ट्र क्राइसिस: शिंदे गुट की उद्धव को पत्र, MLA के लिए बंद थे CM आवास के दरवाजे, नहीं होता था फोन रिसीव

शिवसेना के तीन दर्जन से अधिक एमएलए सीम उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करते हुए बीजेपी शासित स्टेट असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा जमें हैं। मिनिस्टर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी व सरकार से बगावत कर इन एमएलए ने सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ा दी है। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच बागी एमएलए सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी एकनाथ शिंदे ने शेयर किया है।

महाराष्ट्र क्राइसिस:  शिंदे गुट की उद्धव को पत्र, MLA के लिए बंद थे CM आवास के दरवाजे, नहीं होता था फोन रिसीव

मुंबई। शिवसेना के तीन दर्जन से अधिक एमएलए सीम उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करते हुए बीजेपी शासित स्टेट असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा जमें हैं। मिनिस्टर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी व सरकार से बगावत कर इन एमएलए ने सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ा दी है। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच बागी एमएलए सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी एकनाथ शिंदे ने शेयर किया है।

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ही आहे आमदारांची भावना... pic.twitter.com/U6FxBzp1QG

— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 23, 2022

'ढाई साल से बंद थे वर्षा के दरवाजे'

शिवसेना के बागी एमएलए के पत्र मे लिखा है कि स्टेट में पार्टी का सीएम होने के बावजूद एमएलए को वर्षा बंगला जाने का अवसर नहीं मिला। पिछले ढाई साल से शिवसेना एमएलए के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे।सीएम के आसपास के लोग तय करते थे कि हम उनसे मिल सकते हैं या नहीं। हमारा अपमान किया गया है।' सीएम ठाकरे कभी सचिवालय में नहीं होते थे, बल्कि मातो श्री (ठाकरे नि वास) में रहते थे। हम सीएम के आसप स के लोगों को फोन करते थे, लेकिन वे कभी हमारे कॉ ल्स अटेंड नहीं करते थे। हम इन सब बातों से तंग आ चुके थे। हमने एकनाथ शिंदे को यह कदम उठाने के लिए राजी किया।हमारे बजाए कांग्रेस और एनसीपी के लोगों को सीएम से मिलने का मौका मिलता था। यहां तक कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम के लिए धन भी दिया जाता था ।

अयोध्या जाने से क्यों रोका ?

बागी एमएलए ने कहा कि जब हिंदुत्वदु और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका। आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान एमएलए को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया।