Jharkhand: लॉरेंस बिश्नोई व अमन साहू के करीबी सुनील मीणा को अजरबैजान से कल लाया जायेगा रांची

लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के करीबी सुनील मीणा को अजरबैजान से कल रांची लाया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों ने कड़े इंतजाम किए हैं।

Jharkhand: लॉरेंस बिश्नोई व अमन साहू के करीबी सुनील मीणा को अजरबैजान से कल लाया जायेगा रांची
सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह (फाइल फोटो)।
  • एटीएस की टीम पहुंची बाकु
  • कुख्यात क्रिमिनल मयंक सिंह ही है सुनील मीणा
  • रेड कार्नर नोटिस पर अजरबैजान में कस्टडी

रांची। झारखंड के कुख्यात अमन साहू गैंग के कथित क्रिमिनल सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को लेकर झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम शनिवार को अजरबैजान से लेकर भारत पहुंचेगी।
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मयंक सिंह रेड कार्नर नोटिस के आधार पर 29 अक्टूबर 2024 से अजरबैजान गणराज्य में कस्टडी में है। उसे अजरबैजान प्रशासन बाकु में शुक्रवार को झारखंड एटीएस को सौंपेगा, जिसके बाद उसे लेकर टीम दिल्ली रवाना होगी। झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में एक टीम बाकु पहुंच चुकी है।
मयंक सिंह रामगढ़ के पतरातू (भदानीनगर) पुलिस स्टेशन एरिया में 2022 के एक केस का आरोपित है। इस केस की जांच झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता कर रही है। इसी केस में एटीएस ने कानूनी प्रक्रिया के आधार पर रेड कार्नर नोटिस जारी करवाया था।
भारतीय अफसर को सुपुर्द किया जायेगा
एटीएस के कानूनी प्रक्रिया के बाद 27 जनवरी 2025 को अजरबैजान के बाकु स्थित अपराध न्यायालय ने मयंक सिंह को भारत प्रत्यर्पण के लिए अनुमति दी थी। अजरबैजान गणराज्य ने चार अगस्त को पत्राचार कर सूचित किया कि 22 अगस्त को उक्त आरोपित को भारतीय अधिकारी को सुपुर्द किया जायेगा।इसके बाद ही उसे प्रत्यर्पण कर लाने वाले नामित अधिकारियों को भारत सरकार ने पॉलिटिकल क्लियरेंस दिया था। अबझारखंड एटीएस की टीम अजरबैजान पहुंची है, जो उसे लेकर 23 अगस्त को भारत पहुंचेगी।
सुनील मीणा पर झारखंड के विभिन्न जिलों में कुल 48 मामले दर्ज हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले हजारीबाग में हैं, जहां बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा और हजारीबाग सदर पुलिस स्टेशनों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।अलावा उसके खिलाफ रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का रहने वाला मीणा, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सबसे विश्वसनीय सदस्यों में से एक माना जाता है। उसके खिलाफ रायपुर और राजस्थान में भी मामले दर्ज हैं।
संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया 
सुनील मीणा ने मलेशिया में काम करना शुरू किया, जहां वह रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया। उसने मलेशिया से ही अपनी आपराधिक गतिविधियां शुरू कर दीं। आरोप है कि उसने लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर राजस्थान और पंजाब में हत्या, जबरन वसूली और गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है।
एटीएस की कार्रवाई के कारण प्रत्यर्पण संभव 
झारखंड एटीएस की लंबी और सुनियोजित कार्रवाई के कारण ही सुनील मीणा का प्रत्यर्पण संभव हो पाया। रामगढ़ के पतरातू (भदानीनगर) पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले (कांड संख्या 175/22) में जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर सुनील मीणा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। इसी नोटिस के आधार पर उसे 29 अक्टूबर 2024 को अजरबैजान में हिरासत में लिया गया। इसके बाद अजरबैजान ने भारत से प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक दस्तावेज मांगे। झारखंड एटीएस ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से ये दस्तावेज उपलब्ध कराये। जिसके आधार पर अजरबैजान की राजधानी बाकू के एक आपराधिक न्यायालय में सुनील मीणा के खिलाफ मुकदमा चला. 27 जनवरी 2025 को कोर्ट ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी।