Jharkhand : बोकारो में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, एनकाउंटर में आठ नक्सली मारे गये, एक करोड़ का इनामी भी ढेर

झारखंड के बोकारो जिले में लुगु पहाड़ पर 21 अप्रैल सोमवार की सुबह सुरक्षा बलों को बड़ी सफतला मिली है। सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी को मार गिराया है।

Jharkhand : बोकारो में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, एनकाउंटर में आठ नक्सली मारे गये, एक करोड़ का इनामी भी ढेर
बरामद आर्म्स के साथ सुरक्षाबलो की टीम.
  • ऑपरेशन डाकाबेड़ा में दोनों ओर से चली 3500 राउंड गोलियां
  • सुरक्षा बलों ने 1800 से अधिक राउंड गोलियां चलायी
  • नक्सलियों ने भी सुरक्षा बलों पर दागा 1500 से अधिक गोली
  • मौके से भागे दस नक्सलियों की भी हुई पहचान
  • एक करोड़ के इनामी प्रयाग के पास से पुलिस को मिला लोडेड सिक्सर

बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले में लुगु पहाड़ पर 21 अप्रैल सोमवार की सुबह सुरक्षा बलों को बड़ी सफतला मिली है। सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी को मार गिराया है।मारे गये नक्सलियों में माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य सह एक करोड़ का इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक, स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अरविंद यादव व जोनल कमेटी सदस्य सह 10 लाख रुपये का इनामी साहब राम मांझी,साहेबराम, गंगाराम, महेश, तालो दी, महेश मांझी, और रंजू मांझी शामिल हैं।

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प्रयाग मांझी का पूरा नाम प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण उर्फ लेतरा है। वह धनबाद के टुंडी पुलिस स्टेशन एरिया के दलुबुढ़ा का रहने वाला था। वह टेरर फंडिंग के मामले में एनआइए का भी वांटेड था। अरविंद यादव उर्फ अविनाश मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के सोनो पुलिस स्टेशन एरिया के ढेलगा, मोहनपुर का रहने वाला था। वह झारखंड में सक्रिय था।उसपर इनाम की घोषणा अभी नहीं हुई थी। उसके रैंक के अनुसार उसपर 25 लाख रुपये का इनाम रखा जाना था। वर्तमान में अरविंद यादव पर बिहार में तीन लाख का इनाम है। 

भारी मात्र में आर्म्स बरामद

सुरक्षा बलों के सर्च ऑपरेशन में मारे गये नक्सलियों के पास से चार इंसास राइफल, एक एसएलआर व एक रिवाल्वर की बरामदगी हुई है। नक्सली संगठन के थिंक टैंक कहे जाने वाले प्रयाग के पास से पुलिस ने एक लोडेड सिक्सर को बरामद किया। वहीं, साहेबराम के पास इंसास राइफल थी। 25 हजार के इनामी नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश एसएलआर लिया था। यह लगातार फायरिंग कर रहा था। इसके पास से 120 राउंड जिंदा गोली और दो मैगजीन भी पुलिस को मिली। मारी गई दो महिला नक्सलियों के पास से इंसास राइफल मिला। बताया जा रहा है कि यह दोनों इसी से फायरिंग कर रही थीं। इस हमले में आठ नक्सली मारे गए थे और शेष मौके से फरार हो गये।

मारे गये नक्सली

प्रयाग मांझी – ग्राम: दलुबुढा, पुलिस स्टेशन: टुंडी, जिला: धनबाद

अरविंद यादव – ग्राम: भेलवा मोहनपुर, पुलिस स्टेशन: सोनो, जिला: जमुई, बिहार

साहेबराम मांझी – ग्राम: करंदो, थाना: पीरटाड़, जिला: गिरिडीह

गंगाराम उर्फ पवन लंगर – ग्राम: खुखरा, पुलिस स्टेशन: खुखरा, जिला: गिरिडीह

महेश साव – ग्राम: बरियारपुर

तालो दी – ग्राम: बंदखारो, पुलिस स्टेशन: निमियाघाट, जिला: गिरिडीह

महेश मांझी – ग्राम: गरांडो, पुलिस स्टेशन: पीरटांड़, जिला: गिरिडीह

रंजू मांझी – ग्राम: मझलाडीह, पुलिस स्टेशन: डुमरी, जिला: गिरिडीह

ऑपरेशन में शामिल जवानों में इनाम के एक करोड़ रुपये बंटेंगे: डीजीपी

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अभियान में शामिल जवानों में इनाम के एक करोड़ रुपये बंटेंगे।डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिस हेडक्वार्टर में सोमवार की दोपहर प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक व केंद्रीय कमेटी सदस्य सहदेव सोरेन तथा अन्य 20-25 नक्सलियों का सशस्त्र दस्ता लुगु पहाड़ पर मौजूद है।

बड़ी घटना को अंजाम देने की बना रहे थे योजना

डीजीपी ने बताया कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इसी सूचना पर संयुक्त बलों की एक टीम बनायी गयाी। टीम में 209 कोबरा बटालियन, बोकारो पुलिस, झारखंड जगुआर व सीआरपीएफ के जवानों को शामिल किया गया। ऑपरेशन का नाम दिया गया था 'ऑपरेशन डाकाबेड़ा'। यह ऑपरेशन बोकारो जिले के लुगु पहाड़ इलाके में चलाया गया। सोमवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे माओवादियों के दस्ते के साथ सुरक्षा बलों की कई बार एनकाउंटर हुई। इस अभियान के दौरान अब तक नक्सलियों के आठ बॉडी बरामद हुए हैं। मौके से भारी मात्रा में आर्म्स व दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद किये गये हैं।

डीजीपी ने कहा, बचे हुए नक्सली सरेंडर करें नहीं उनका भी हाल यही होगा

डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जो भी बचे हुए नक्सली हैं, वे सरेंडर करें नहीं तो उनका भी हाल यही होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने माओवादियों के गढ़ में घुसकर आठ माओवादियों को मारा है। इस पूरे ऑपरेशन का श्रेय जेजे, जिला पुलिस व सीआरपीएफ को जाता है।ऑपरेशन डेढ़-दो घंटे तक चला। यह एनकाउंटर माओवादियों के मुख्य समूह के साथ हुआ है। सुरक्षा बलों की मुख्य स्ट्राइक फोर्स कोबरा थी। झारखंड पुलिस ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया। पुलिस ने वादा किया था कि सभी शहीद जवानों का बदला लेंगे और नक्सलियों को झारखंड से उखाड़ फेंकेंगे। यह बड़ी सफलता मिली है।

पुलिस के पास बचे हुए सभी नक्सलियों की जानकारी

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखंड पुलिस को राज्य के बचे हुए सभी नक्सलियों की जानकारी है, कोई बचेगा नहीं। बचे खुचे नक्सली या चाईबासा के सारंडा के जो नक्सली हैं उनसे डीजीपी ने अपील की है और चेतावनी दी है कि अगर उन्हें अपनी जान प्यारी है तो वे आत्मसमर्पण करें।

झारखंड पुलिस की खूबसूरत आत्मसमर्पण नीति है, उसके तहत वे सरेंडर करें। उन्हें नियमित जेल में नहीं, बल्कि उनके लिए एक अलग स्पेशल जेल है। रिवार्ड की राशि उन्हें ही मिलती है। शिक्षा, आवास सहित उन्हें अनेक सुविधाएं मिलती है।यह एनकाउंटरउन्हें चेतावनी भी है और सुझाव भी है। डीजीपी ने अब चाईबासा के सारंडा में अभियान को और तेज करने की बात कही है। जवान वहां चप्पे-चप्पे पर तैनात होंगे। बरसात तक नक्सलियों की समाप्ति की तैयारी है।

स्टेट में अभी चार सेंट्रल कमेटी व पोलित ब्यूरो सदस्य मौजूद

डीजीपी ने कहा कि राज्य में अब भी चार पोलित ब्यूरो सदस्य, सेंट्रल कमेटी सदस्य मौजूद हैं। इनमें पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमेटी सदस्य असीम मंडल व अनल उर्फ तूफान शामिल हैं।माओवादियों की उत्तरी छोटानागपुर टीम प्रयाग मांझी के बाद दूसरे नंबर पर स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य सह 25 लाख रुपये का इनामी प्रवेश उर्फ अमलेश उर्फ अनुज उर्फ सहदेव सोरेन है जो इस मुठभेड़ में बच निकला है। वह भी एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य के रूप में कार्यरत है। उसपर भी इनाम की राशि एक करोड़ करने का प्रस्ताव है।

नक्सलियों का खतरनाक प्लान आया सामने, 35 पेन ड्राइव और मेमोरी कार्ड से खुला राज

 लुगू पहाड़ पर हुए एनकाउंटर में मारे एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग व उसके सहयोगियों के पास से पुलिस ने 35 पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड बरामद किया है। यहां से दो सैमसंग कंपनी का टैब भी मिला है। बरामद पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड व टैब को पुलिस ने खंगालना शुरू कर दिया है।

मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड से लेकर टैब में लाल आतंक को सींचने के लिए मिलने वाले लेवी का ब्यौरा उपलब्ध है। संगठन के निचले स्तर से लेकर थिंक टैंक का नाम पता समेत अन्य जानकारियां भी इसमें मौजूद हैं।

बताये गये ट्रेनिंग देने के तरीके 

पेन ड्राइव में ट्रेनिग देने के तरीके भी बताये गये हैं। संगठन के प्रचार-प्रसार का मैटेरियल भी इसमें है। बताया जा रहा है कि भविष्य की नक्सली संगठन की योजनाएं भी इसमें दर्ज हैं। पुलिस को इससे मिली जानकारियों के आधार पर नक्सल संगठन के जड़ से उखाड़ने में मदद मिलेगी। लाल आतंक को लेवी देकर आर्थिक मजबूती देने वालों की भी सूची भी इसमें है। इनकी भी नकेल अब पुलिस कस पायेगी।

35 पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड बरामद

एनकाउंटर के बाद नक्सलियों का 35 पेन ड्राइव व मेमोरी कार्ड पुलिस के हाथ लगा है। इसमें नक्सली संगठन के बारे में कई जानकारियां हैं। प्रशिक्षण, लेवी, प्रचार-प्रसार समेत मनोरंजन से संबंधित मैटेरियल इसमें हैं। संगठन का रहस्य जानने में पुलिस को इससे काफी मदद मिलेगी।

एक भी एक-47 राइफल नहीं हुई बरामद 

बताया जा रहा है कि चार घंटे तक नक्सलियों व पुलिस के बीच चली एनकाउंटर में हुई थी। इधर इस बार की एनकाउंटर में एक भी एक-47 राइफल नहीं बरामद हुई। कहा जा रहा है कि बीते जनवरी माह में पुलिस की नक्सलियों से एनकाउंटर हुई थी। उस समय दो एके-47 राइफल को पुलिस ने बरामद किया था।एक एके-47 राइफल बिहार के जमुई का रहने वाला नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश का था। उस समय के एनकाउंटर में वह अपना यह हथियार छोड़कर भाग निकला था। पुलिस जनवरी में इसके हथियार को बरामद की थी। तबसे स यह एसएलआर राइफल लेकर ही चल रहा था। एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग के पास भी एके-47 राइफल नहीं थी। सुरक्षा बलों से पुलिस के एक-47 राइफलों समेत अन्य उन्नत हथियारों का मुकाबला नक्सली नहीं कर पाए और इन्हें मार गिराया गया।