Jharkhand: राज्य विस्थापन आयोग के गठन को कैबिनेट की मंजूरी, 67 प्रस्तावों को मिली स्वीकृति
झारखंड कैबिनेट ने 67 प्रस्तावों को स्वीकृति दी। राज्य में विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का गठन होगा, जो विस्थापित परिवारों का सामाजिक-आर्थिक अध्ययन कर पुनर्वास योजनाएं बनायेगा।

- आयोग में एक अध्यक्ष, दो सदस्य और तीन आमंत्रित सदस्य होंगे
- कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष का होगा
- विस्थापित परिवारों का सर्वेक्षण करेगा आयोग
- शिबू सोरेन के नाम पर आवंटित आवास अब रूपी सोरेन के नाम
रांची। झारखंड कैबिनेट ने मंगलवार को 67 अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी। विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग तीन साल के कार्यकाल के लिए गठित होगा। शिबू सोरेन के नाम पर आवंटित आवास अब रूपी सोरेन के नाम होगा। झारखंड में विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
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मंत्रिपरिषद के निर्णय… pic.twitter.com/dGmIwubXnC
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) September 2, 2025
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आयोग के गठन से संबंधित प्रारूप को मंजूरी दी गयी। आयोग में एक अध्यक्ष, दो सदस्य और तीन आमंत्रित सदस्य होंगे। आयोग का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्षों का होगा।आयोग का मुख्य काम विस्थापित परिवारों का सामाजिक और आर्थिक अध्ययन कराना होगा। इस आधार पर आयोग सामाजिक रूप से पिछड़े परिवारों के पुनर्वास को लेकर योजनाएं तैयार करेगा। बैठक में कुल 67 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गयी। इसमें यह भी तय किया गया कि शिबू सोरेन के नाम पर आवंटित आवास अब रूपी सोरेन के नाम पर दर्ज किया जायेगा।
झारखंड सरकार का मानना है कि इस आयोग के गठन से राज्य में विकास परियोजनाओं से प्रभावित और विस्थापित लोगों के हितों की बेहतर ढंग से रक्षा हो सकेगी।
विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग में एक अध्यक्ष, दो सदस्य और तीन आमंत्रित सदस्य होंगे। सभी का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। आयोग के गठन को लेकर बनी नियमावली के अनुसार इसका मुख्य काम विस्थापित परिवारों का सामाजिक आर्थिक अध्ययन कराना होगा। इस अध्ययन के अनुरूप सामाजिक रूप से पिछड़े परिवारों के पुनर्वास को लेकर आयोग योजनाएं बनायेगा।
अध्यक्ष का मनोनयन राज्य सरकार करेगी और इसके लिए सामुदायिक विकास कार्यक्रमों अथवा विस्थापन एवं पुनर्वास क्षेत्र में न्यूनतम दस वर्षों का कार्य अनुभव होना अनिवार्य है। प्रशासनिक अनुभव रखने वाले अधिकारी को सदस्य बनाया जाएगा, जो संयुक्त सचिव से ऊपर के पदों का कार्य अनुभव रखता होगा। सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अथवा 40 वर्ष से अधिक उम्र के अधिवक्ता को सदस्य बनाया जा सकेगा। आमंत्रित सदस्यों में स्थानीय पुरुष अथवा महिला शामिल होंगे। इनका पद अवैतनिक होगा। सरकार उप सचिव से वरीय पदों पर काम करने का अनुभव रखने वाले किसी सरकारी अधिकारी को सदस्य सचिव के तौर पर मनोनीत करेगी।
सभी का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा और इन्हें अपना पद त्यागने अथवा इस्तीफा देने के लिए एक माह पूर्व सरकार को सूचित करना होगा। आयोग पर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग का पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण होगा।
शिबू सोरेन की व्यक्तिगत इस्तेमाल की चीजें संरक्षित करना जरूरी
रांची में मोरहाबादी मैदान के निकट स्थित पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का आवास उनकी पत्नी रूपी सोरेन के नाम पर आवंटित होगा। नगर विकास विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार ने इससे संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। कहा गया कि इस आवास के कोने-कोने में शिबू सोरेन की यादें बसी हुई हैं। उनके व्यक्तिगत इस्तेमाल की चीजें भी आवास में मौजूद हैं जिनका संरक्षण और देखरेख जरूरी है। भवन निर्माण एवं आवास विभाग को इसके लिए प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
बैठक में झारखंड राज्य सड़क सुरक्षा कोष के प्रारूप को मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार द्वारा लिये गये फैसले के अनुरूप झारखंड में भी जनगणना कराई जाएगी। जेएसएससी अब दो चरणों में परीक्षा का आयोजन करेगा। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुरूप झारखंड में भी जनगणना कराई जायेगी। गिरिडीह में पदस्थापित स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. फरहाना को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। झारखंड राज्य ललित कला अकादमी के गठन को भी स्वीकृति दी गयी।
कैबिनेट अन्य महत्वपूर्ण फैसले
झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना के क्रियान्वयन में आवेदन के समय आवेदिका का लाइव फोटो लेने की अनिवार्यता को क्षांत करने की घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी।
झारखंड राज्य ललित कला अकादमी के गठन को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य ललित कला और अनुप्रयुक्त कलाओं के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करने के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है।
झारखंड प्रयुक्त विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के बीच साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और इनके समग्र विकास के लिए झारखंड राज्य साहित्य अकादमी के गठन की स्वीकृति दी गयी।
झारखंड में संगीत नाटक और अनुप्रयुक्त कलाओं के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करने और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए झारखंड राज्य संगीत नाटक अकादमी के गठन की स्वीकृति दी गयी।
झारखंड निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025 की स्वीकृति दी गयी।
चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में विधि व्यवस्था संधारण के लिए जिलों से प्राप्त अधियाचना के आलोक में झारखंड आकस्मिकता निधि से जिलों को कुल 20 करोड़ रुपये अग्रिम के रूप में देने को स्वीकृति मिली।
डा. फरहाना, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल, गिरिडीह, डा. भावना, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो की चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टुंडी की डा. ज्योति कुमारी, चंदनक्यारी की डा. रिंकू कुमारी सिंह एवं सदर अस्पताल, साहेबगंज के डा. इंदनाथ प्रसाद को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गयी।
झारखंड में डिजीज्ड डोनर आर्गेन एवं टिसू ट्रांसप्लांटेशन के लिए दिशानिर्देश जारी किया गया।
पुनासी जलाशय योजना के लिये 1851.6 करोड़ के तृतीय पुनरीक्षित प्राक्कलन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी।
विदेशों में किसी कारण से जान गंवानेवाले श्रमिकों का पार्थिव शरीर को वापस घर लाने के लिए मुख्यमंत्री झारखंड अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक अनुदान एंव सहायता कोष के गठन के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गयी।
- देवघर के सत्संगनगर-भिरखीबाद पथ जसीडीह-वैद्यनाथधाम स्टेशन के बीच ओवरब्रिज निर्माण कार्य के लिए 40.63 करोड़ रुपये रेल मंत्रालय को उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गयी।
झारखंड कोचिंग सेंटर कंट्रोल बिल को घटनाेत्तर स्वीकृति प्रदान की गयी।