झारखंड: शीशे के घर में रहने वाले ही एक- दूसरे के घरों में मार रहे पत्थर: सरयू राय

झारखंड के एक्स मिनिस्टर व निर्दलीय एमएलए सरयू राय ने हेमंत सोरेन से जुड़े माइनिंग लीज विवाद मामले को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक्स सीएम रघुवर दास पर निशाना साधा है। सरयू ने कहा, शीशे के घरों में रहने वाले दूसरे के घर में पत्थर नहीं मारा करते। 

झारखंड: शीशे के घर में रहने वाले ही एक- दूसरे के घरों में मार रहे पत्थर: सरयू राय

रांची। झारखंड के एक्स मिनिस्टर व निर्दलीय एमएलए सरयू राय ने हेमंत सोरेन से जुड़े माइनिंग लीज विवाद मामले को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक्स सीएम रघुवर दास पर निशाना साधा है। सरयू ने कहा, शीशे के घरों में रहने वाले दूसरे के घर में पत्थर नहीं मारा करते। उन्होंने कहा कि माइनिंग लीज का मामला आचार संहिता, कोड आफ कंडक्ट का है। इस मामले में कोई स्पष्ट नियम नहीं है। इसलिए संभावित कार्रवाई के बारे में साफ-साफ कुछ कहा नहीं जा सकता।

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अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में सरयू ने कहा है कि झारखंड में शीशे के घरों में रहने वाले ही एक-दूसरे के घरों में पत्थर मार रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ आरोप ही लगते हैं। गंभीर आरोपों की जांच भी होती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
सीएम को बिजनेस नहीं करना चाहिए
उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन पर माइंस आवंटन मामले, वाइफ के नाम जमीन आवंटन समेत कई आरोप लगे हैं। नियमों की परिधि में सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर माइंस आवंटन मामले में जो आरोप लगा है. इस तरह के मामलों में केंद्र की ओर लागू कोड ऑफ कंडक्ट को लेकर राज्यों को किस हद तक विश्वास में लिया गया है यह देखना होगा। राय ने कहा कि कायदे से तो मुख्यमंत्री को बिजनेस नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर वे ऐसा करते हैं तो उसे लेकर कोई स्पष्ट नियम-कानून नहीं है कि सजा होना चाहिए या नहीं। ऐसे मामलों के लिए स्पष्ट कानून बनना चाहिए।

BJP-JMM अपने आरोपी नेताओं पर करे कार्रवाई
सरयू राय ने कहा कि हेमंत सोरेन जब नेता प्रतिपक्ष थे उस वक्त भी उनपर कई आरोप लगे थे, लेकिन उन मामलों की जांच नहीं हुई. सिर्फ अखबारों में उस वक्त सत्ता पक्ष के नेताओं के बड़े-बड़े बयान छपे। वर्तमान सरकार ने उन मामलों को निपटाने का प्रयास नहीं किया। वैसा ही इस सरकार में भी है। पूर्व सरकार के नेताओं पर आरोप लगे हैं, लेकिन सिर्फ अखबारों में ही बातें आती है। कार्रवाई कुछ भी नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के भी कई नेताओं पर आरोप लगे हैं. विपक्ष के उन आरोपों की जांच करनी चाहिए। अपने नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए।
21 मई के बाद कोर्ट जायेंगे
सरयू राय ने कहा कि उन्होंने भी दो मामले उठाये थे। एक मैनहर्ट और दूसरा टॉफी और टी-शर्ट घोटाले का। दोनों एसीबी जांच के दायरे में हैं। मैनहर्ट मामले में जांच अफसर ने रिपोर्ट दे दी है। इसपर कार्रवाई होनी चाहिए। टॉफी-टीशर्ट घोटाले में भी जांच हुई है। सरयू ने कहा कि उन्होंने 21 मार्च को विधानसभा में इस मामले को लेकर सवाल उठाया तो सरकार की ओर से आश्वासन मिला कि दो महीने में कार्रवाई की जायेग। एक महीने से ज्यादा बीत चुका है, लेकिन अबतक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वे 21 मई तक का इंतजार करेंगे उसके बाद कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र होंगे।
सरयू राय के अनुसार इस तरह के मसलों पर पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप की पुरानी परंपरा रही है। कभी कोई कार्रवाई नहीं होती। भाजपा सरकार के शासनकाल में मेनहर्ट और टाफी टीशर्ट घोटाला इसका एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन या तो इन मामलों में कार्रवाई करें या रघुवर दास को क्लीनचिट दें।