Jharkhand:  STF के पुलिस अफसर और पुलिसकर्मियों को मूल वेतन का 50 परसेंट मिलेगा एसटीएफ भत्ता

झारखंड सीएम ने जगुआर (एसटीएफ) में कार्यरत पुलिस अफसरों और पुलिसकर्मियों को 7वें वेतनमान के आलोक में पुनरीक्षित एस.टी.एफ.भत्ता एवं अन्य विशेष सुविधा के प्रोपोजल  को स्वीकृति दी है। एसटीएफ के पुलिस अफसरों और पुलिसकर्मियों को को 7वीं पीआरसी के मूल वेतन का 50 परसेंट हिस्सा एसटीएफ भत्ता के रूप में दिया जायेगा।

Jharkhand:  STF के पुलिस अफसर और पुलिसकर्मियों को मूल वेतन का 50 परसेंट मिलेगा एसटीएफ भत्ता

रांची। झारखंड सीएम ने जगुआर (एसटीएफ) में कार्यरत पुलिस अफसरों और पुलिसकर्मियों को 7वें वेतनमान के आलोक में पुनरीक्षित एस.टी.एफ.भत्ता एवं अन्य विशेष सुविधा के प्रोपोजल  को स्वीकृति दी है। एसटीएफ के पुलिस अफसरों और पुलिसकर्मियों को को 7वीं पीआरसी के मूल वेतन का 50 परसेंट हिस्सा एसटीएफ भत्ता के रूप में दिया जायेगा।

यह भी पढे़ं:69th National Film Awards: अल्लू अर्जुन को बेस्ट एक्टर, आलिया-कृति बेस्ट एक्ट्रेस, रॉकेट्री बेस्ट फीचर फिल्म  
एएसआई से डीएसपी रैंक के पुलिस अफसरों को नौ हजार रुपये वार्षिक वर्दी भत्ता मिलेगा। जबकि हवलदार से पुलिस कांस्टेबल रैंक के पुलिसकर्मियों को आठ हजार रुपये वार्षिक भत्ता दिया जायेगा। डीएसपी रैंक के अफसरों और पुलिसकर्मियों को राशन व्यय के रूप में प्रतिमाह 2400 रुपये का भुगतान किया जायेगा। इस संबंध में तैयार प्रोपोजल को सीएम हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद यह प्रोपोजल प्रभावी होगा।
रोटेशन के आधार पर भरे जायेंगे पोस्ट
मई 2019 से भत्ता पुनरीक्षण संबंधी आदेश निर्गत होने की तिथि तक झारखंड जगुआर में कार्यरत एवं इस अवधि में कार्य कर चुके पदाधिकारियों/कर्मियों को 7वें वेतनमान के अनुरूप मूल वेतन का 50% एस.टी.एफ. भत्ता तथा उक्त अवधि में भुगतान किये गये एस.टी.एफ. भत्ता का अन्तर राशि बकाया के रूप में भी भुगतान किया जाना है। वहीं एसटीएफ में आईजी से कांस्टेबल तक के पद तीन वर्षों के रोटेशन के आधार पर भरे जायेंगे। झारखंड सशस्त्र पुलिस बल, जिला कार्यकारी बल और समान पुलिस से पदस्थापन और प्रतिनियुक्ति के आधार पर यह पद भरे जायेंगे। बाकी पद नियुक्तियों के आधार पर भरेंगे।

स्वीकृत अतिरिक्त पदों पर भी समान रूप से होगा प्रभावी
उक्त सुविधा STF को सुद्धढ़ीकरण हेतु समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये अतिरिक्त पदों पर भी समान रूप से प्रभावी रहने देने का प्रोपोजल है।