झारखंड: राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामला:एडीजी ने पीसी एक्ट लगाये जाने के स्टेट गवर्नमेंट के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती

एडीजी अनुराग गुप्ता ने राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग से संबंधित केस में पीसी एक्ट लगाये जाने के स्टेट गवर्नमेंट के फैसले के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

झारखंड: राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामला:एडीजी ने पीसी एक्ट लगाये जाने  के स्टेट गवर्नमेंट के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती

रांची। एडीजी अनुराग गुप्ता ने राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग से संबंधित केस में पीसी एक्ट लगाये जाने के स्टेट गवर्नमेंट के फैसले के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 
मामले में सस्पेंड एडीजी अनुराग गुप्ता ने इस मामले में चुनाव आयोग को भेजी गई सीडी और मूलयंत्र की जल्द-से-जल्द जांच कराने की मांग भी की। एडीजी ने कोर्ट से गुहार लगायी है कि इस मामले में बगैर एफएसएल की जांच रिपोर्ट आये ही, पीसी एक्ट जोड़ने को लेकर रांची पुलिस ने आवेदन दिया। इसके बाद सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इससे पहले एडीजी अनुराग गुप्ता ने इस मामले में अपने सस्पेंशन को लेकर भी कोर्ट में याचिका दायर की थी।

रांची पुलिस ने तत्कालीन एडीजी सीआईडी अनिल पालटा द्वारा जारी रिव्यू रिपोर्ट के आधार पर केस में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए होम डिपार्टमेंट से पत्राचार किया था। इसके बाद स्टेट गवर्नमेंट ने पीसी एक्ट जोड़ने की अनुमति रांची पुलिस को दे दी थी।
एफएसएल डायरेक्टर को 24 मई को भेजा गया था पत्र
मामले में सीडी और मूलयंत्र की जांच को लेकर एफएसएल गांधीनगर से पत्राचार किया गया था। इसमें उल्लेख था कि तत्कालीन एडीजी सीआईडी ने केस की समीक्षा की थी। जल्द-से-जल्द एफएसएल रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया था। फरवरी महीने में पुलिस ने जांच के लिए सीडी और कथित मूलयंत्र मोबाइल को जांच के लिए एफएसएल भेजा था। पूर्व में भी एफएसएल ने इस मामले में एक रिपोर्ट राज्य पुलिस को दी थी, जिसमें ऑडियों में 27 जगहों पर आवाज के कट किये जाने की पुष्टि हुई थी। 

एक साल से अधिक समय से सस्पेंड हैं एडीजी अनुराग गुप्ता
स्टेट गवर्नमेंट 14 फरवरी 2020 को एडीजी अनुराग गुप्ता को राज्यसभा चुनाव से जुड़े मामले में जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज  मामले में सस्पेंड कर दिया था। सस्पेंड होने से पहले अनुराग गुप्ता सीआईडी एडीजी थे। बाद में केस की मॉनिटरिंग सीआईडी द्वारा की जाने लगी थी। तब सीआईडी एडीजी रहे अनिल पालटा की रिव्यू के बाद एक्स सीएम रघुवर दास को भी नन एफआइआर एक्युज्ड बना दिया गया था। वहीं, गवर्नमेंट लेवल से पीसी एक्ट जोड़ने की अनुशंसा भी की गई थी।