झारखंड: पुलिस हेडक्वार्टर ने कहा था अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को, दर्क करा दी FIR, चतरा एसपी को शोकॉज

एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव और तत्कालीन बड़कागांव एमएलए निर्मला देवी के खिलाफ केस के आइओ रहे पुलिस अफसरों को हड़बड़ी में FIR दर्ज कराकर चतरा एसपी  ऋषभ कुमार ने विवाद खड़ा कर दिया है। पुलिस हेडक्वार्टर द्वारा पूरे मामले में चतरा के एसपी ऋषभ झा को शोकॉज किया गया है।

झारखंड: पुलिस हेडक्वार्टर ने कहा था अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को, दर्क करा दी FIR, चतरा एसपी को शोकॉज
  • एक्स मिनिस्टरी व एक्स एमएलए के खिलाफ आईओ द्वारा रिकार्ड से छेड़छाड़ का मामला

रांची। एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव और तत्कालीन बड़कागांव एमएलए निर्मला देवी के खिलाफ केस के आइओ रहे पुलिस अफसरों को हड़बड़ी में FIR दर्ज कराकर चतरा एसपी ऋषभ कुमार ने एक नये विवाद सामने ला दिया है। पुलिस हेडक्वार्टर द्वारा पूरे मामले में चतरा के एसपी ऋषभ झा को शोकॉज किया गया है।
कार्मिक डीआईजी ए विजयालक्ष्मी को पूरे मामले में चतरा के टंडवा पुलिस स्टेशन में पोस्टेड रहे केस के आइओ गौरीशकंर तिवारी और सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन चतरा एसपी ऋषभ झा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के बजाय दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवा दिया। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस हेडक्वार्टर ने चतरा एसपी को शोकॉज कर पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है। 
डीआईजी के आदेश का उल्लेख  कर एफआईआर में दी गलत जानकारी
बताया जाता है कि टंडवा पुलिस स्टेशन केस नंबर 90 और 91/15 के मामले में डीजीपी ऑफिस के निर्देश पर डीआईजी कार्मिक ए विजयालक्ष्मी ने चतरा एसपी को चार मई को एक पत्र लिखा था। डीआईजी कार्मिक ने चतरा एसपी को लिखा था कि दो आिओ गौरीशंकर तिवारी और सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ एक जांच प्रतिवेदन समर्पित किया गया है। इसमें बताया गया है कि जांच प्रतिवेदन में प्रथमदृष्टया दोनों पुलिस को अफसरों को कांड दैनिकी में फेरबदल कर कुछ लोगों को गलत तरीके से अभियुक्त बनाने की जानकारी दी गई है।

कार्मिक डीआईजी ने एसपी से पूरे जांच प्रतिवेदन को पुलिस हेडक्वार्टर को भेजने के प्रसंग की जानकारी मांगी थी। डीआईजी कार्मिक ने चतरा एसपी को लिखा था कि दोनों पुलिस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। यह भी कहा गया था कि सुस्पष्ट तरीके से विस्तृत जांच प्रतिवेदन अपने मंतव्य के साथ एक सप्ताह के भीतर पुलिस हेडक्वार्टर को उपलब्ध कराया जाए। 
अनुशासनात्मक कार्रवाई के बजाय दोनों पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज 
कार्मिक डीआईजी के आदेश के उलट चतरा एसपी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के बजाय दोनों पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करवा दिया। टंडवा पुलिस स्टेशन  में दर्ज एफआईआर में कार्मिक डीआईजी के आदेश का भी उल्लेख कर दिया गया। जबकि आदेश एफआईआर का नहीं था। अब मामला सीनीयर अफसरों के संज्ञान में आने के बाद चतरा एसपी से शोकॉज किया गया है। 
रिटायर हो चुके हैं दोनों पुलिस अफसर
केस की डायरी में फेरबदल को मामले गौरीशंकर  तिवारी और सुरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। ये दोनों पुलिस अफसर रिटार्ड हो चुके हैं। रिटायरमेंट के बावजूद पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है।पेंशन बाधित किया जा सकता है।