झारखंड: एक करोड़ का इनामी और सात स्टेट का माओवादी चीफ प्रशांत बोस पत्नी के साथ अरेस्ट

सरायकेला- खरसावां पुलिस ने एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा (80) को उनकी पत्नी शीला मरांडी के साथ अरेस्ट किया है। चांडिल व कांड्रा एरिया के बीच एक घर से दोनों अरेस्ट किया गया है। 

झारखंड: एक करोड़ का इनामी और सात स्टेट का माओवादी चीफ प्रशांत बोस पत्नी के साथ अरेस्ट

रांची। सरायकेला- खरसावां पुलिस ने एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा (80) को उनकी पत्नी शीला मरांडी के साथ अरेस्ट किया है। चांडिल व कांड्रा एरिया के बीच एक घर से दोनों अरेस्ट किया गया है। 

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पश्चिम बंगाल के 24 परगना स्थित जादवपुर निवासी एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा अपनी पत्नी के साथ गुरुवार की रात एक घर में ठहरे थे। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस गुप्त सूचना के आधार पर चांडिल व कांड्रा के बीच एक घर से दोनों को अरेस्ट कर लिया। प्रशांत बोस काफी बुजुर्ग हो चुके हैं। झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र में हिंसा का तांडव मचा चुके प्रशांत बोस को दबोचने की मुहिम में पुलिस, CRPF एवं NIA के लगी थी। प्रशांत बोस पर बिहार को छोड़ सभी स्टेट में उन पर इनाम घोषित है।
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माओवादी प्रशांत बोस अब शारीरिक तौर पर इतने अक्षम

ढाई साल पहले 80 साल के प्रशांत बोस को Paralysis अटैक हुआ था। वे चलने-फिरने में बिल्कुल असमर्थ हैं, जिसके कारण पश्चिम सिंहभूम एवं ओड़िशा में फैले सारंडा जंगल के 'आजाद क्षेत्र' में उन्हें ले जाया गया, ताकि सुरक्षित रखा जा सके। पारसनाथ से सारंडा तक प्रशांत बोस को माओवादी कैडर कई नाम से जानते हैं. संगठन में उन्हें किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा का नाम मिला है। इससे पूर्व पारसनाथ की पहाड़ियों में रह कर देश के कई हिस्सों में नक्सली घटना को अंजाम देने वाले माओवादी प्रशांत बोस अब शारीरिक तौर पर इतने अक्षम हो चुके हैं कि खुद चल नहीं सकते।

पारसनाथ के अलावा सारंडा और कुचाई में ली शरण
किशन दा पर ओड़िशा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने भी इनाम घोषित कर रखा है। किशन दा ने असीम मंडल उर्फ आकाश को कोल्हान समेत पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में संगठन मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंपी थी। पुलिस के समक्ष सरेंडर करने के बाद नक्सली एरिया कमांडर व 25 लाख का इनामी कान्हू मुंडा ने पुलिस को बताया था कि किशन दा माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी के उप महासचिव है। पारसनाथ की पहाड़ियों में रहने के बाद जब प्रशांत बोस उर्फ किशन दा बुजुर्ग हो गये, तो उन्हें सारंडा ले जाया गया। जब सारंडा में पुलिस का दबाव बढ़ा, तो फिर संगठन के सदस्य उन्हें कुचाई ले गये। कुचाई में रहकर वे संगठन का विस्तार कर रहे थे। सोर्सेंज के अनुसार  कुचाई के जंगल में एक करोड़ के इनामी अनल दा, असीम मंडल के साथ मिलकर संगठन को मजबूत करने व बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। झारखंड पुलिस को कई वर्षों से प्रशांत बोस की तलाश थी।

प्रशांत बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव
प्रशांत बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव भी हैं। प्रशांत बोस की पत्नी शीला मरांडी भी माओवादियों की शीर्ष सेंट्रल कमेटी की मेंबर है। वह माओवादियों के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन नारी मुक्ति संघ की प्रमुख भी है। सेंट्रल खुफिया एजेंसी आईबी ने झारखंड पुलिस को प्रशांत बोस समेत अन्य के गिरिडीह के पारसनाथ से सरायकेला लौटने की जानकारी दी थी। इसके बाद सरायकेला पुलिस ने एक स्कार्पियो गाड़ी से प्रशांत बोस, शीला मरांडी, प्रशांत बोस के प्राटेक्शन दस्ता के एक सदस्य व कुरियर का काम करने वाले एक युवक को मुंडरी टोलनाका के पास से अरेस्ट किया। झारखंड पुलिस ने प्रशांत बोस पर एक करोड़ का ईनाम रखा है। प्रशांत बोस पर झारखंड में 70 से अधिक माओवादी कांड दर्ज है।

कोलकाता जाकर करवाता था इलाज
पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि प्रशांत बोस की तबीयत बीते कई सालों से खराब थी। लेकिन बावजूद इसके वह लगातार संगठन में सक्रिय था। कोल्हान से पारसनाथ जाकर वह रह रहा था। पारसनाथ से ही वह प्रोटेक्शन दस्ता के सदस्यों के द्वारा एनएच 2 तक लाया जाता था। इसके बाद कुरियर के द्वारा ही प्रशांत बोस को कोलकाता ले जाया जाता था। हाल ही में प्रशांत बोस कोलकाता से लौटा था।
एमसीसीआई का प्रमुख था प्रशांत बोस
प्रशांत बोस के पास ईआरबी के सचिव के तौर पर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के झारखंड के सीमावर्ती इलाके, असम समेत पूर्वोतर के राज्यों का प्रभार था। वर्ष 2004 में एमसीसीआई व पीडब्लूजी के विलय के पूर्व वह एमसीसीआई का चीफ था। विलय के बाद भाकपा माओवादी संगठन में कोटेश्वर राव को चीफ बनाया गया था, जबकि बतौर ईआरबी सचिव तब से प्रशांत बोस संगठन में सेकेंड इन कमान था। झारखंड में पारसनाथ, सारंडा, ओड़िसा और बंगाल के सीमावर्ती इलाके में प्रशांत बोस ने ही संगठन को खड़ा किया था। प्रशांत बोस मूलत: पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के यादवपुर का रहने वाला है।