झारखंड: एक्साइज पॉलिसी पर अपने ही गवर्नमेंट के खिलाफ लोबिन हेंब्रम ने खोला मोर्चा, JMM के सभी MLA को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट की तरहर झारखंड में एक्साइज पॉलिसी तैयार करने पर जेएमएम के बोरियो एमएलए लोबिन हेंब्रम ने अपनी पार्टी की गवर्नमेंट के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। लोबिन ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित किसान भवन में प्रेस कांग्रेस कर झारखंड गवर्नमेंट की एक्साइज पॉलिसी का विरोध किया। 

झारखंड: एक्साइज पॉलिसी पर अपने ही गवर्नमेंट के खिलाफ लोबिन हेंब्रम  ने खोला मोर्चा, JMM  के सभी MLA को लिखा पत्र

रांची। छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट की तरहर झारखंड में एक्साइज पॉलिसी तैयार करने पर जेएमएम के बोरियो एमएलए लोबिन हेंब्रम ने अपनी पार्टी की गवर्नमेंट के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। लोबिन ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित किसान भवन में प्रेस कांग्रेस कर झारखंड गवर्नमेंट की एक्साइज पॉलिसी का विरोध किया। 

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उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन राज्य में शराब बंदी के समर्थक रहे हैं। उन्होंने आदिवासी समाज को शराब से दूर रहने की नसीहत दी है, लेकिन मौजूद सरकार की नीतियां इससे उलट है। यहां छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर शराब की होल डिलीवरी की योजना बनाई गई है। यह गुरुजी के जीवन मूल्यों और सिद्धांतों का भी अपमान है। उन्होंने  शराब नीति के विरोध में समर्थन के लिए सभी एमएलए को पत्र भी लिखा है।
गुरुजी के सिद्धांतों के खिलाफ जाने का प्रयास कर रही सरकार

लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा उन्होंने सदन में उठाया था। सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर शराब का सरकारीकरण नहीं करने का आग्रह किया था। झारखंड सरकार राजस्व की दुहाई देकर गुरु जी के सिद्धांतों के खिलाफ जाने का प्रयास कर रही है। राजस्व में बढ़ोतरी के उपाय सुझाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) को परामर्शी नियुक्त किया गया है। सीएसआइएनआइसीएल द्वारा झारखंड में शराब के सरकारीकरण का परामर्श दिया गया है। इससे पूर्व झारखंड में ये प्रयोग बीजेपी की रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार भी कर चुकी है। पूर्व में झामुमो के विरोध के कारण ही पिछली सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा था। झामुमो के विरोध की सबसे बड़ी वजह थी शराब का सरकारीकरण दिशोम गुरु की शिक्षा और सिद्धांतों के खिलाफ होना।

झारखंड में एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है शराब

झारखंड में शराब अब एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। इस पर झामुमो के अंदर ही राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। सीएम हेमंत सोरेन एक तरफ शराब बेचकर रेवन्यू के लिए छत्तीसगढ़ से नया फार्मूला लाकर लागू करने जा रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी के एमएले लोबिन हेम्ब्रम हेमंत सोरेन की इस कवायद की खुलकर आलोचना कर रहे हैं। वह झारखंड में भी बिहार की तरह शराबबंदी लागू करने की मांगकर रहे हैं। लोबिन अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। 
उल्लेखनीय है झारखंड  विधानसभा की शीतकालीन सत्र में जेएमएम एमएलए लोबिन हेम्ब्रम ने खुलेआम सरकार की इस कवायद को गलत बताया था। उन्होंने हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके पिता शिबू सोरेन जीवन भर शराब के खिलाफ लड़ते रहे।आदिवासियों को जागरूक करते रहे हैं। . ऐसे में अब उनके पुत्र द्वारा शराब बेचने की नई कवायद शर्मनाक है। इससे लोगों के बीच गलत संदेश जयेगा। 

शिबू सोरेन ने कहा था-झारखंड में शराबबंदी लागू होनी चाहिए
दुमका में जेएमएम के स्थापना दिवस समारोह में भी पार्टी सुप्रीमो सोरेन ने भी दो टूक कह दिया था झारखंड में शराबबंदी लागू होनी चाहिए। शिबू सोरेन ने कहा था कि शराब सामाजिक बुराई है। अपने राजनीतिक जीवन में सबसे ज्यादा संघर्ष शराब के खिलाफ ही किया है। शराब से लोगों की जिंदगी खराब हो रही है। पहले मारपीट कर शराब छुड़ा देते थे, लेकिन यह स्थाई समाधान नहीं है। इसलिए झारखंड सरकार को चाहिए शराबबंदी लागू करे। शराब को समाप्त कर दे।