Jharkhand: एक्स एमएलए ममता देवी को हाई कोर्ट से राहत, हजारीबाग केस में मिली जमानत, रामगढ़ मामले में 31 मार्च को सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट से रामगढ़ की एक्स एमएलए ममता देवी को राहत मिली है। जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने ममता देवी को बेल की सुविधा प्रदान कर दी है। फिलहाल ममता देवी को हजारीबाग केस में नियमित बेल मिली है। वहीं, रामगढ़ के मामले में अगली सुनवाई के लिए 31 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। 

Jharkhand: एक्स एमएलए ममता देवी को हाई कोर्ट से राहत, हजारीबाग केस में मिली जमानत, रामगढ़ मामले में 31 मार्च को सुनवाई

रांची। झारखंड हाई कोर्ट से रामगढ़ की एक्स एमएलए ममता देवी को राहत मिली है। जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने ममता देवी को बेल की सुविधा प्रदान कर दी है। फिलहाल ममता देवी को हजारीबाग केस में नियमित बेल मिली है। वहीं, रामगढ़ के मामले में अगली सुनवाई के लिए 31 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। 

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ममता देवी को दो मामलों में सजा मिली है। इसलिए एक मामले में बंल के बाद ममता देवी अभी जेल से बाहर नहीं आयेगी। ममता देवी को रामगढ़ और हजारीबाग की लोअर कोर्ट ने दो अलग-अलग मामले में सजा सुनाई है। रामगढ़ कोर्ट ने एक मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। हजारीबाग की कोर्ट ने ममता देवी को दो साल की सजा सुनाई थी। ममता देवी की ओर से दोनों सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई है। बेल देने की गुहार लगाई गई है।
लोअर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती
गोला गोलीकांड के दो अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें से एक 13 दिसंबर, 2022 में पांच साल की सजा मिली थी।  चार जनवरी, 2023 को हजारीबाग की स्पेशल कोर्ट ने ममता देवी व बीजेपी लीडर राजीव जायसवाल को दो-दो साल की सजा दी थी।  उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए ममता ने हाई कोर्ट में अपील की थी। 

यह है मामला
20 अगस्त, 2016 को रामगढ़ के पुलिस स्टेशन एरिया में स्थित आईपीएल फैक्ट्री में विस्थापित रैयतों ने 16 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलन को बीजेपी लीडर राजीव कुमार ने धार दी थी। रामगढ़ एमएलए ममता देवी ने इसका नेतृत्व किया था। उस समय वह गोला क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य थीं। कंपनी को बंद कराने को लेकर 150-200 की संख्या में ग्रामीण कंपनी के बाहर धरना दे रहे थे। इसी दौरान ग्रामीण उग्र हो गये। पुलिस को अपनी आत्मरक्षा और बचाव में फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कई लोगों की मौत होने के साथ लगभग 24 लोग घायल हुए थे। इस मामले में ममता देवी को दोषी ठहराया गया था।