झारखंड: ज्रेडा के एक्स डायरेक्टर निरंजन कुमार सहित तीन अफसरों पर ईडी ने दर्ज किया FIR

ज्रेडा के एक्स डायरेक्टर निरंजन कुमार समेत तीन अफसरों पर अब ईडी में मनी लाउंड्रिंग एक्ट में एफआइआर दर्ज की गई है। ईडी ने निरंजन कुमार के अलावा तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविद कुमार बलदेव प्रसाद और ज्रेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। 

रांची। ज्रेडा (झारखंड रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) के एक्स डायरेक्टर निरंजन कुमार समेत तीन अफसरों पर अब ईडी में मनी लाउंड्रिंग एक्ट में एफआइआर दर्ज की गई है। ईडी ने निरंजन कुमार के अलावा तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविद कुमार बलदेव प्रसाद और ज्रेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। 
ईडी ने यह केस एसीबी में दर्ज FIR  के आधार पर दर्ज किया है।सीएम हेमंत सोरेन के आदेश पर ही एसीबी में वर्ष 2020 की 21 दिसंबर को एफआइआर दर्ज की गई थी।निरंजन कुमार गवर्नमेंट रूल्स को ताक पर रखकर नौकरी करने, गवर्नमेंट अकाउंट से 170 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का पेमेंट करने सहित कई गंभीर मामलों में फंसे हैं। ज्रेडा (झारखंड रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित तीन अधिकारियों पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में भी प्राथमिकी दर्ज हो गई है। 
सीएम ने एसीबी की पीई रिपोर्ट, विभाग के मंतव्य की समीक्षा के बाद एफआइआर दर्ज करने संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। उक्त तीनों अफसरों पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने के आरोपों की प्रारंभिक जांच (पीई) में पुष्टि हो गई थी। एफआइआर के अनुसार निरंजन कुमार पर यह आरोप है कि वे 1990 बैच के भारतीय डाक-तार लेखा एवं वित्त सेवा के अफसर हैं। वर्ष 2016 के तीन सितंबर को डिपुटेशन के आधार पर झारखंड में योगदान दिये थे। आरोप है कि वे बिना अर्हता पूरी किए पुराने परिचय का दुरुपयोग कर झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल) व ज्रेडा के डायरेक्टर पद पर बने रहे। जबकि, इस पद पर आइएएस रैंक के अफसर को रखने का प्रावधान है, जिसके पास इस क्षेत्र में पांच साल का अनुभव होना आवश्यक है।

आरोपितों ने वैसी कंपनियों को भी कंट्रेक्ट दिया जो शर्तों को पूरा नहीं करती थी। नियमों को ताक पर रखकर ठेका बांटा गया। जो निर्माण कार्य नहीं करती थी, उस कंपनी को भी निर्माण कार्य का ठेका दिया गया। वर्ष 2017 की 12 अगस्त और 25 जुलाई को दो कंट्रेक्टर मेसर्स शौर्य एनर्जी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड केरला को दिया गया था। इस कंपनी ने कंट्रेक्ट में 5.40 लाख रुपये व 3500 रुपये का दो फर्जी बैंक गारंटी दिया। इसके बावजूद उक्त कंपनी की न तो सिक्यूरिटी मनी जब्त हुई और न ही उसे ब्लैकलिस्ट ही किया गया। 
छानबीन में यह भी पता चला है कि ज्रेडा और ऊर्जा निगम के कई अफसरों ने अपने लोगों के नाम पर कंपनी खोलकर उन्हें कंट्रेक्टर दे दिया। इन कंपनियों में आदित्य कंस्ट्रक्शन हैदराबाद, मेसर्स मिलेनियम कंपनी, सोलर कंपनी शामिल हैं। सोलर पैनल लगाने में भी भ्रष्टाचार किया गया है। झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के एमडी निरंजन कुमार के पास दिसंबर 2018 में टीवीएनएल का अतिरिक्त प्रभार भी था।इस दौरान उन्होंने 884.50 लाख रुपये स्वीकृत किया। वेतन व पेंशन मद में 62 लाख 98 हजार 373 रुपये, वेतन व पेंशन मद में 62 हजार 96 रुपये, अन्य मद में एक लाख 50 हजार 319 रुपये, 73 लाख 28 हजार 203 रुपये 14 सितंबर 2018 को जारी किया। इसके अलावा 11 सितंबर 2018 को 41 लाख 29 हजार 543 रुपये जारी किया।