झारखंड: सब इंस्पेक्टर लालजी यादव मौत मामले की CBI जांच की मांग, अन्नपूर्णा के नेतृत्व में गवर्नर से मिला BJP डेलीगेशन 

केंद्रीय राज्य मंत्री और कोडरमा की एमपी अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में झारखंड बीजेपी का डेलीगेशन रविवार की शाम राजभवन गवर्नर रमेश बैस  से मुलाकात की। बीजेपी डेलीगेशन ने गवर्नर को एक ज्ञापन सौंपकर पलामू में पुलिस सब इंस्पेक्टर लालजी यादव सुसाइड मामले की सीबीआइ जांच की मांग की। डेलीगेशन में अन्नपूर्णा देवी के कोडरमा एमएल  नीरा यादव, एक्स एमएलए मनोज यादव व साथ प्रदेश महामंत्री बालमुकुन्द सहाय शामिल थे।  

झारखंड: सब इंस्पेक्टर लालजी यादव मौत मामले की CBI जांच की मांग, अन्नपूर्णा के नेतृत्व में गवर्नर से मिला BJP डेलीगेशन 

रांची। केंद्रीय राज्य मंत्री और कोडरमा की एमपी अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में झारखंड बीजेपी का डेलीगेशन रविवार की शाम राजभवन गवर्नर रमेश बैस  से मुलाकात की। बीजेपी डेलीगेशन ने गवर्नर को एक ज्ञापन सौंपकर पलामू में पुलिस सब इंस्पेक्टर लालजी यादव सुसाइड मामले की सीबीआइ जांच की मांग की।

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बीजेपी डेलीगेशन ने गवर्नर अनुरोध किया कि परिजनों की मांग एवम जनभावनाओं को देखते हुए स्व लालजी यादव की तथाकथित सुसाइड की जांच सीबीआई से कराने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा की जाय।डेलीगेशन में अन्नपूर्णा देवी के कोडरमा एमएल  नीरा यादव, एक्स एमएलए मनोज यादव व साथ प्रदेश महामंत्री बालमुकुन्द सहाय शामिल थे।  

क्रिमिनल-माफिया-प्रशासन गठबंधन 
बीजेपी डेलीगेशन ने गवर्नर को दिये गये ज्ञापन में पलामू जिला  के नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी एसआइ लालजी यादव की सुसाइड पर सवाल खड़ा करते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। सेंट्रल मिनिस्टर अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड राज्य पूरी तरह से जंगल राज में प्रवेश कर चुका है। हत्या,लूट,बलात्कार,अवैध उत्खनन,बढ़ते नक्सलवाद ,खनिजों की तस्करी से सम्बंधित खबरें मीडिया की दैनिक सुर्खियां हैं।यह सरकार ही केवल गठबंधन से नही बनी है बल्कि इस सरकार ने अपने गठन के साथ ही राज्य में एक गठबंधन को जन्म दिया है-वह है अपराधी-माफिया-प्रशासन गठबंधन,जिसे सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त है।
राज्य में विकास कार्य ठप्प 
अन्नपूर्णा ने कहा कि ऐसे गठबंधन के कारण राज्य में विकास कार्य ठप्प है। लूट और तस्करी धड़ल्ले से जारी है। ऐसे कारनामो पर अगर किसी ने रोक लगाने की कोशिश की तो उसे रास्ते से हटाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। क्रिमिनलों द्वारा गढ़वा में एक आईएएस अधिकारी को कुचल कर मार देने की कोशिश हो या जज की हत्या,पिछले वर्ष होनहार सब इंस्पेक्टर और आदिवासी बेटी रूपा तिर्की की मौत,सभी इसी अनैतिक गठजोड़ की परिणति हैं। सिमडेगा में संजू प्रधान को जिंदा जलाकर मारना, कुछ दिन बाद फिर उसी इलाके में एक महिला को जला देना, चाईबासा में एक्स एमएलए पर नक्सली हमला, उनके दो बॉडीगार्ड की हत्या,जेल में क्रिमिनलों का ऐशो आराम राज्य में बढ़ते अपराध की कहानी बयां कर रहे।
उन्होंने कहा कि पलामू में एसआइ लालजी यादव की विगत 11जनवरी को हुई तथाकथित सुसाइड की घटना ने फिर से अनैतिक गठजोड़ के कारनामो को उजागर किया है। लालजी यादव एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की हरसंभव कोशिश की। लालजी ने अपने पुलिस स्टेशन एरिया में इलिगल माइनिंग से डीटीओ द्वारा वाहनों से हो रही अवैध वसूली को रोकने की कोशिश की। ऐसे में उन्हें प्रशासनिक दबाव में सस्पेंड किया जाना स्टेट गवर्नमेंट की कार्यशैली को उजागर करता है।
पिछले साल 25 मई को NH98में क्रिमिनलों द्वारा किडनैप किये गये बिजनसमैन से बड़ी फिरौती की मांग फिर व्यक्ति की मर्डर के प्रसंग में भी कई अफसर संदिग्ध है। राज्य के ऐसे हालात में ना सिर्फ विकास प्रभावित है,बल्कि आम आदमी का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है । राज्य हित मे काम करनेवाले पदाधिकारियों का मनोबल टूट रहा है। 
लालजी यादव के परिजनों का तथाकथित सुसाइड को मानने से इनकार
लालजी यादव के परिजन उनके तथाकथित सुसाइड को मानने से इनकार किया है। जिस प्रकार से उनके मृतक शरीर के संबंध में सूचना देने,उसके पोस्टमार्टम कराने एवम सुसाइड के संबंधित तथ्यों से परिजन संतुष्ट नही है। परिजन इसे क्रिमिनल,माफिया और प्रशासन के नापाक गठबंधन के कारण हुई हत्या मान रहे। अब स्टेट गवर्नमेंट के प्रेशर में तीन चार दिन बाद सीआईडी जांच कराने को तैयार हुई है परंतु बिना सीबीआई जांच के इसमे सच्चाई उजागर होना असंभव है। पहले भी रूपा तिर्की की संदिग्ध हत्या में यह सरकार लीपापोती करने का प्रयास कर चुकी है।परंतु माननीय न्यायालय के आदेश से उस घटना की सीबीआइ जांच हो रही है।

बिजनसमैन के पिता व ड्राइवर का किडनैपिंग से जुड़ा है मामला
लालजी यादव के कार्यकाल के दौरान ही नावाबाजार थाना क्षेत्र के 25 मई 2021 को कंडा घाटी में एनएच 98 पर औरंगाबाद बिहार के कारोबारी महावीर प्रसाद के पिता व ड्राइवर का किडनैप कर लिया गया था। किडनैर ने उनको छोड़ने के लिए पहले 60 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बाद में यह राशि 10 लाख रुपये तय हुई थी।
नावा बाजार केस में पुलिस की भूमिका संदिग्ध
आरोप  है कि डीएसपी सुरजीत कुमार, नावा बाजार थाना प्रभारी लालजी यादव के साथ नौ जून 2021 की रात नौ बजे परिवार के लोग किडनैपर को पैसे देने गये थे। किडनैपर ने पुलिस की मौजूदगी में 10 लाख रुपये ले लिए और अपहृत व्यक्तियों को भी नहीं छोड़ा। एमपी ने कहा कि ने बताया कि नावा बाजार थाना कांड संख्या 32/2021 में पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही थी।