जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग ने जारी की लास्ट रिपोर्ट, 90 विधानसभा सीटें होंगी, नवंबर में हो सकते हैं चुनाव

जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण पर फाइनल रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने पर जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे।

जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग ने जारी की लास्ट रिपोर्ट, 90 विधानसभा सीटें होंगी, नवंबर में हो सकते हैं चुनाव
  • जम्मू को कश्मीर संभाग के बराबर मिला हक, पांच संसदीय निर्वाचन क्षेत्र होंगे
  • जम्मू-कश्मीर में कुल सात विधानसभा सीटें बढ़ेंगी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण पर फाइनल रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने पर जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे। आयोग की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि इस साल नवंबर-दिसंबर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव कराये जा सकते हैं।

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जम्मू रीजन में छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ेगी

परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू रीजन में छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ेगी। सभी पांचों संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सीटों की संख्या पहली बार बराबर-बराबर रखी गई है। हर लोकसभा सीट में विधानसभा की 18 सीटें होंगी। 47 सीटें कश्मीर संभाग में और 43 सीटें जम्मू संभाग में होंगी। अभी तक कश्मीर में 46 और जम्मू में विधानसभा की 37 सीटें थीं। स्टेट में पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटें आरक्षित करने का प्रोपोजल किया गया है। पहले की तरह ही सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी।

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र: बारामुला

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: करनाह, त्रेहगम, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा, लंगेह, सोपोर, रफियाबाद, उड़ी, बारामुला, गुलमर्ग, वागूरा, क्रीरी, पट्टन, सोनावरी, बांदीपोरा, गुरेज, बड़गाम और वीरवाह के होंगे।
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र: श्रीनगर
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र कंगन, गांदरबल, हजरतबल, खानियार, हब्बाकदल, लालचौक, छनपोरा, जदीबल, ईदगाह, सेंट्रल शालटेंग, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ, चडूरा, पांपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा और शोपियां।

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र: अनंतनाग-राजौरी
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: जैनपोरा, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, दूरू, कोकरनाग, अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवाड़ा-बीजबेहाड़ा, शानगुस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, नौशहरा, राजौरी, बुद्धल, थन्नामंडी, सुरनकोट, पुंछ हवेली और मेंढर।

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र: ऊधमपुर

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: इंद्रवाल, किश्तवाड़, पाडर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन, बनिहाल, ऊधमपुर पश्चिम, ऊधमपुर पूर्व, चिनैनी, रामनगर, बनी, बिलावर, बसोहली, जसरोटा, कठुआ, हीरानगर।

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र: जम्मू
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के संदर्भ में विस्तार: गुलाबगढ़, रियासी, श्री माता वैष्णो देवी, रामगढ़, साम्बा, विजयपुर, बिश्नाह, सुचेतगढ़, आरएसपुरा, जम्मू, दक्षिण, बाहु, जम्मू पूर्व, जम्मू पश्चिम, जम्मू उत्तर, अखनूर, छम्ब और कालाकोट-सुंदरबनी।

1995 में हुआ था परिसीमन
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में 1995 में परिसीमन हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसील थीं। इस समय केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले हैं। तहसीलों की संख्या बढ़कर 270 हो गई है। परिसीमन का मुख्य आधार जनसंख्या रहता है। भौगोलिक स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। पिछली बार परिसीमन करने में आयोग को सात साल लग गया था।जम्मू-कश्मीर में जून 2018 से कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। परिसीमन रिपोर्ट सरकार को सौंपी जायेगी। इसके बाद एक राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से आदेश जारी किया जायेगा। उसके बाद ही चुनाव का ऐलान होगा। यह पैनल सरकार ने मार्च 2020 में बनाया था। इसके हेड सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई थीं। चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा और डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंदर भूषण कुमार भी इस पैनल में शामिल थे।