हीरालाल सामरिया बने मुख्य सूचना आयुक्त, CIC पोस्ट पर पहली बार दलित

सीनियर ब्यूरोक्रेट हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है। इसके साथ ही देश को पहला दलित मिल गया है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सोमवार को सीनियर ब्यूरोक्रेट हीरालाल सामरिया को पोस्ट की शपथ दिलाई। 

हीरालाल सामरिया बने मुख्य सूचना आयुक्त, CIC पोस्ट पर पहली बार दलित
मुख्य सूचना आयुक्त को राष्ट्रपति ने दिलायी शपथ।
  • सूचना आयुक्त के आठ पद हैं रिक्त

नई दिल्ली। सीनियर ब्यूरोक्रेट हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है। इसके साथ ही देश को पहला दलित मिल गया है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सोमवार को सीनियर ब्यूरोक्रेट हीरालाल सामरिया को पोस्ट की शपथ दिलाई। 

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जानें हीरालाल सामरिया
इससे पहले मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे वाई के सिन्हा का कार्यकाल तीन अक्टूबर को पूरा हो गया था इसके बाद से यह पद खाली पड़ा था। 14 सितंबर 1960 में जन्मे हीरालाल सामरिया ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से बीई सिविल (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। इससे पहले वह करीमनगर, गुंटूर के कलेक्टर भी रह चुके हैं। सूचना आयुक्त बनाये गये हीरालाल समारिया भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव भी रहे। वह तेलंगाना में वाणिज्य कर विभाग में आयुक्त, आंध्र प्रदेश में परिवहन विभाग में आयुक्त, सिंचाई विभाग में सचिव समेत कई अहम पदों पर भी रह चुके हैं।
खाली हैं सूचना आयुक्त के आठ पद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह के दौरान हीरालाल सामरिया को पद की शपथ दिलाई। हीरालाल सामरिया की मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति के बाद सूचना आयुक्त के आठ पद रिक्त हैं। आयोग में इस समय दो सूचना आयुक्त हैं। आरटीआई मामलों के सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकरण केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम 10 सूचना आयुक्त हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) और राज्य सूचना आयोगों (SIC) में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाने का केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को कहा था कि ऐसा नहीं होने पर सूचना का अधिकार कानून 'निष्प्रभावी' हो जायेगा।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला तथा जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को राज्य सूचना आयोगों में मंजूर पदों, रिक्तियों और वहां लंबित मामलों की कुल संख्या सहित कई पहलुओं पर सभी राज्यों सेसूचना एकत्र करने को कहा था।