गजल सिंगर भूपिंदर सिंह का निधन, पीएम नरेन्द्र मोदी ने जताया दुख

देश के दिग्गज गजल सिंगर भूपिंदर सिंह (82) का निधन हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है। देर रात भूपिंदर सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के श्मशान घाट लाया गया और दिग्गज गायक पंचतत्व में विलीन हो गये।

गजल सिंगर भूपिंदर सिंह का निधन, पीएम नरेन्द्र मोदी ने जताया दुख

नई दिल्ली। देश के दिग्गज गजल सिंगर भूपिंदर सिंह (82) का निधन हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है।देर रात भूपिंदर सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के श्मशान घाट लाया गया और दिग्गज गायक पंचतत्व में विलीन हो गये।

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भूपिंदर सिंह का अंतिम संस्कार उनके बेटे निहाल सिंह ने रात में ही किया, क्योंकि वो कोविड संक्रमित थे। वहीं कोरोना की वजह से भूपिंदर का इलेक्ट्रिक क्रिमेशन किया गया।  रिपोर्ट के अनुसार इलाज के दौरान जांच में भूपिंदर सिंह को बड़ी आंत में कैंसर की आशंका नजर आ रही थी। उन्हें कोविड भी हो गया था जिसके बाद उनकी सेहत में लगातार गिरावट आ रही थी। एक तरफ स्कैनिंग में कैंसर के बढ़ने की आशंका साफ दिख रही थी और दूसरी तरफ उनका कोविड भी ठीक नहीं हो रहा था। इसी बीच सोमवार शाम 7.30 बजे उन्होंने प्राण त्याग दिए।

10 दिन पहले ही हॉस्पिटल में हुए थए एडमिट 

भूपिंदर की पत्नी मिताली ने बताया, 'वह पेट की बीमारी से ग्रसित थे। उन्हें 10 दिन पहले हॉस्पिटल में एडमिट  कराया गया था। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर दीपक नामजोशी ने कहा, 'हमें पक्का संदेह है कि उनकी मौत की वजह पेट की बीमारी है। हम जांच कर रहे हैं। इसी बीच उन्हें कोरोना भी हो गया था। सोमवार सुबह उनकी हालत बिगड़ गई और हमें उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया।'

भूपिंदर सिंह ने गाया था 'सत्ते पे सत्ता' गाना
डॉक्टरों से मिली जानकारी के मुताबिक को-मॉबिर्टीज की दिक्कत के चलते भूपिंदर का निधन हुआ है। मालूम हो कि गजल गायक भूपिंदर सिंह ने बहुत लंबा सफर तय किया था। 'होके मजबूर मुझे, उसे बुलाया होगा', 'दिल ढूंढता है', 'दुकी पे दुकी हो या सत्ते पे सत्ता' जैसे उनके तमाम गाने बहुत ज्यादा मशहूर हुए और उनकी फैन फॉलोइंग बहुत ज्यादा थी। उनका काम उन्हें हमेशा ही फैंस और उनके चाहने वालों के बीच जिंदा रखेगा।

भूपिंदर को बचपन से ही था म्यूजिक का शौक
बचपन में भूपिंदर ने अपने पिता से ही गिटार बजाना सीखा था। उन्हें म्यूजिक का शौक बचपन से ही रहा था। उन्होंने संगीत के शुरुआती गुर घर में अपने पिता से ही सीखे लेकिन जैसे-जैसे उनका हुनर बेहतर होता गया वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ने लगे और फिर बाद में दिल्ली चले गए। वहां पर उन्होंने एक गिटारिस्ट और सिंगर के तौर पर ऑल इंडिया रेडियो में काम किया।मौसम, सत्ते पे सत्ता, आहिस्ता आहिस्ता, दूरियां, हकीकत और ऐसी ही तमाम सुपरहिट बॉलीवुड फिल्मों में उन्होंने सुपरहिट फिल्मों के लिए गाए थे जिन्हें आज भी सुना जाता है।
छोटे से शहर से निकल कर अपने सपनों का आसमान रचने वाले भूपिंदर सिंह को बचपन से ही संगीत का शौक था। उन्होंने घर में अपने पिता से ही गिटार सीखा था और म्यूजिक को लेकर उनकी तालीम घर में ही हुई। बाद में वह दिल्ली चले गये। ऑल इंडिया रेडियो में बतौर गिटारिस्ट और सिंगर काम करने लगे।वर्ष 1964 में भूपिंदर सिंह को अपना पहला बड़ा ब्रेक मिला था। संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें पहला ब्रेक दिया। इसके बाद उन्होंने कभी पलटकर नहीं देखा। भूपिंदर सिंह ने न सिर्फ तमाम मशहूर गजलें गाईं बल्कि कई बॉलीवुड फिल्मों में भी बेहद यादगार गाने गाये। उन्होंने धर्मेंद्र से लेकर अमिताभ बच्चन तक की फिल्मों में आवाज दी थी।

भूपिंदर सिंह ने मौसम, सत्ते पे सत्ता, आहिस्ता आहिस्ता, दूरियां, हकीकत और ऐसी ही तमाम सुपरहिट बॉलीवुड फिल्मों के लिए गाये थे। 'होके मजबूर मुझे, उसे बुलाया होगा' में उन्होंने मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे के साथ काम किया था।इसके अलावा 'दिल ढूंढता है' और फिल्म सत्ते पे सत्ता का गाना 'दुक्की पे दुक्की हो या सत्ते पे सत्ता' भी उनकी सबसे लोकप्रिय गानों में शुमार हैं। भूपिंदर सिंह की तबीयत पिछले काफी वक्त से खराब चल रही थी। उन्हें कोलन प्रॉब्लम के चलते एडमिट किया गया था और इलाज में पाया गया था कि उन्हें आंत के कैंसर की आशंका बन रही है। इसी बीच उन्हें कोविड भी डिटेक्ट हो गया था जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी।