Jharkhand में पहली बार एक साथ एनकाउंटर में मारे गये पांच इनामी नक्सली, दो पर 25-25 लाख का इनाम

झारखंड अलग राज्य होने के बाद पहली बार एनकाउंटर में एक साथ पांच-पांच इनामी नक्सलियों के मारे जाने की घटना ऐतिहासिक है। इससे पहले स्टेट पूर्व में इक्का-दुक्का ही इनामी नक्सली मारे गये थे। पिछले तीन साल में जनवरी, 2020 से आज के पहले तक 30 इनामी नक्सली मारे गये थे।

Jharkhand में पहली बार एक साथ एनकाउंटर में मारे गये पांच इनामी नक्सली, दो पर 25-25 लाख का इनाम

रांची। झारखंड अलग राज्य होने के बाद पहली बार एनकाउंटर में एक साथ पांच-पांच इनामी नक्सलियों के मारे जाने की घटना ऐतिहासिक है। इससे पहले स्टेट पूर्व में इक्का-दुक्का ही इनामी नक्सली मारे गये थे। पिछले तीन साल में जनवरी, 2020 से आज के पहले तक 30 इनामी नक्सली मारे गये थे।

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तीन साल में 35 नक्सीली मारे गये
स्टेट में अब तक मारे गये सर्वाधिक इनाम वाले 15-15 लाख के इनामी दो रिजनल कमेटी सदस्यों के अलावा एक 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर, एक पांच लाख का इनामी सब जोनल कमांडर, पांच दो-दो लाख के इनामी एरिया कमांडर व 21 एक-एक लाख के इनामी सदस्य शामिल थे। इन सभी नक्सलियों पर कुल इनाम 44 लाख रुपये का था। इन तीन वर्षों में एक भी 25 लाख का इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य नहीं मारा गया था। चतरा में मारे गये पांच नक्सीलियों को मिलाकर यह संख्याा 35 हो गई है।

चतरा में सोमवार को दो स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य मारे गये हैं, जिन पर 25-25 लाख रुपये का इनाम था। पांच सब जोनल कमांडर भी मारे गये हैं, जिन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। यानि कुल इनाम की राशि 65 लाख रुपये है। इनाम की राशि एनकाउंटर में शामिल अफसरों व जवानों के अलावा सूचना दाता तक पहुंचेगी। तीन साल में जितने के इनामी नहीं मारे गये, उससे ज्यादा के इनामी एक ही दिन में ढेर हो गये।

एनकाउंटर मारे गये नक्सलियों की लिस्ट
गौतम पासवान : स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य (सैक), 25 लाख का इनाम।
चार्लीस उरांव : स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य (सैक), 25 लाख का इनाम।
नंदू : सब जोनल कमांडर पांच लाख का इनाम।
अमर गंझू : सब जोनल कमांडर, पांच लाख का इनाम।
संजीत उर्फ सुजीत गुड़िया : सब जोनल कमांडर पांच लाख का इनाम।
बरामद आर्म्स
दो एके 47 रायफल।
दो इंसास रायफल।
दो देसी रायफल।
एक नक्सली है पुलिस कस्टडी में
पुलिस ने एनकाउंटर के बाद एक जिंदा नक्सली को कस्टडी में लिया है। उससे नक्सलियों के प्लान की जानकारी ली जा रही है। उनकी क्या योजना थी। कौन सी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए सभी एक जगह जुटे थे। कस्टडी में लिए गए नक्सली से पूछताछ जारी है।
मारे गये नक्सली का क्राइम हिस्ट्री
गौतम पासवान उर्फ सुरेश उर्फ राम प्रवेश उर्फ अरुण: माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य था। इसपर राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके विरुद्ध झारखंड-बिहार के पुलिस स्टेशनों में कुल 100 मामले दर्ज हैं। ये सभी कांड नक्सल, मर्डर का प्रयास, मर्डर, आगजनी व लूट से संबंधित सेक्शन में दर्ज हैं।

अजीत उरांव उर्फ चार्लिस उरांव उर्फ चालिस उर्फ तूफान: माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य था। इसपर भी राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड के पुलिस स्टेशनों में कुल 50 मामले दर्ज हैं। ये सभी कांड नक्सल, मर्डर का प्रयास, मर्ड, आगजनी व लूट से संबंधित सेक्शन में दर्ज हैं।

अमर गंझू उर्फ अमर भोक्ता उर्फ धीरू गंझू : माओवादियों का सब जोनल कमांडर था। इसपर राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड के पुलिस स्टेशनों में कुल 18 मामले दर्ज हैं। ये मामले चतरा के सिमरिया व कुंदा के अलावा बिहार में गया के आमस, डुमरिया, बांकेबाजार के रौशनगंज, लुटुवा, औरंगाबाद के मदनपुर व देव पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं।

अजय यादव उर्फ नंदु: माओवादियों का सब जोनल कमांडर था। इसपर भी राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा था। इसके विरुद्ध कुल 12 मामले दर्ज हैं। ये मामले चतरा के कुंदा, प्रतापपुर, पलामू के पांकी, लातेहार के हेरहंज, बालूमाथ, बारेसाढ़, गारू व महुआटांड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं।

संजीत भुईया उर्फ सागर उर्फ उदय: माओवादियों का सब जोनल कमांडर था। इसपर भी राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा था। इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड में कुल 67 मामले दर्ज हैं। ये मामले चतरा के सदर, हंटरगंज, कुंदा, गया के डुमरिया, मैगरा, इमामगंज, रौशनगंज, डुमरिया भदवर, बांकेबाजार, लुटुवा, आमस, छकरबंधा, औरंगाबाद के मदनपुर, देव, डिबरा व अंबा पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं।