EWS रिजर्वेशन जारी रहेगा, कोटा करार रखने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

देश में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10 परसेंट रिजर्वेशन बना रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को बरकरार रखनेवाली संविधान बेंच के फैसले के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है। 

EWS रिजर्वेशन जारी रहेगा, कोटा करार रखने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली। देश में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10 परसेंट रिजर्वेशन बना रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को बरकरार रखनेवाली संविधान बेंच के फैसले के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया है। 

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चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जेबी पादरीवाला की पांच जस्टिस की बेंच ने उक्त फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए नौकरियों और एजुकेशन में 10 परसेंट रिजर्वेशन की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट  के तत्कालीन चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अगुवा गुई वाली पांच जस्टिस की संविधान बेंच ने बहुमत के साथ फैसला सुनाया था। इसमें कहा गया कि यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है।
जस्टिस ललित रिटायर हो चुके हैं, इसलिए समीक्षा बेंच का नेतृत्व मौजूदा चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ कर रहे थे। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने एजुकेशन इंस्टीच्युट्स और सरकारी नौकरियों में EWS के लिए 10 परसेंट रिजर्वेशन को 3-2 के बहुमत के निर्णय के आधार पर बरकरार रखा था। कोर्ट ने कहा था कि यह रिजर्वेशन न तो भेदभावपूर्ण है, न ही संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है। जस्टिस महेश्वरी, जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस पारदीवाला ने तर्क दिया था कि रिजर्वेशन के लिए 50 परसेंट की जो लिमिट लगाई गई है, उसे पार करना बेसिक स्ट्रक्चर का उल्लंघन नहीं कहा जायेगा। जस्टिस ने कहा कि रिजर्वेशन के लिए 50 परसेंट की जो सीमा तय की गई है, वह फिक्स नहीं है, बल्कि वह लचीली है। मंडल जजमेंट यानी इंदिरा साहनी से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने कहा था कि रिजर्वेशन के लिए 50 परसेंट की सीमा है और उसे पार नहीं किया जाना चाहिए।