लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आशीष मिश्रा मोनू व अंकित दास के आर्म्स से हुई थी फायरिंग, फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि

लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत मामले में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट भी आ गई है। इस रिपोर्ट में हिंसा के दौरान केस के मुख्य आरोपित केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और मोनू के दोस्त के आर्म्स से फायरिंग की पुष्टि हो गई है।

लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आशीष मिश्रा मोनू व अंकित दास के आर्म्स से हुई थी फायरिंग, फॉरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि
  • गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बढ़ेंगी मुश्किलें? मर्डर की FIR के लिए याचिका, मारे गए पत्रकार का भाई पहुंचा कोर्ट

लखनऊ। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत मामले में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट भी आ गई है। इस रिपोर्ट में हिंसा के दौरान केस के मुख्य आरोपित केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और मोनू के दोस्त के आर्म्स से फायरिंग की पुष्टि हो गई है।

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उपद्रव के दौरान आशीष मिश्रा की राइफल व रिवॉल्वर और अंकित दास की रिपीटर गन व पिस्टल से फायरिंग की गई थी। आशीष तथा अंकित इस समय लखीमपुर खीरी जिला जेल मे बंद हैं। एएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मामले से जुड़े जिन एवीडेंस को जांच के लिए लैब भेजा गया था उनकी रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है। जो रिपोर्ट मिली है उनके बिंदुओं पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा मोनू और उसके करीबी मित्र अंकित दास के लाइसेंसी आ्रर्म्स की बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है। इससे स्पाष्ट हो गया है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उपद्रव के बाद हिंसा के दौरान लाइसेंसी आर्म्स से फायरिंग भी की गई थी। हिंसा में मृत किसानों के परिवार के लोगों ने फायरिंग करने की जांच की मांग की थी। इसके बाद लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंकित दास की रिपीटर गन व पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल व रिवॉल्वर को जब्त किया था। इसके बाद इन चारों असलहों को जांच के लिए लैब भेजकर एफएसएल रिपोर्ट मांगी गई थी। 

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्रसमेत 13 जेल में 
लखीमपुर खीरी हिंसा कांड में दो मामले दर्ज हुए थे। पहला केस किसानों की ओर से केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र मोनू समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराया गया था। दूसरा केस बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जयसवाल मोदी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था। पहले केस में जांच एजेंसी एसआईटी ने मुख्य आरोपित आशीष मिश्र मोनू और उसके मित्र लखनऊ के कांट्रैक्टर अंकित दास आशीष पांडेय, लवकुश राणा, शेखर भारती, काले उर्फ लतीफ़, बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल, नन्दन सिंह विष्ट, सत्यम त्रिपाठी, मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना, धर्मेंद्र बंजारा और शिशुपाल समेत 13 को को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। दूसरे केस में चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। यह सभी 17 आरोपित जेल में हैं।तीन अक्तूबर को तिकोनिया में हुए बवाल में इस मामले में किसानों की तरफ केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा समेत पन्द्रह बीस अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। 
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लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप ने मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में 156(3) सीआरपीसी के तहत अर्जी देते हुए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री समेत 14 लोगों के खिलाफ मर्डर की रिपोर्ट दर्ज करने की अपील की है। प्रभारी सीजेएम मोना सिंह ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए तिकोनिया पुलिस को 15 नवम्बर तक आख्या देने का आदेश दिया है। बवाल में मारे गये पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप ने मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर भाई की मर्डर की रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की है। पवन ने अर्जी में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी समेत चौदह लोगों को आरोपी बताया है। अर्जी में दर्शाये गये 13 आरोपी इस वक्त जेल में हैं। कोर्ट ने अर्जी पर तिकोनिया पुलिस से 15 नवंबर तक आख्या तलब की है। पवन ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले तिकुनिया कोतवाली में तहरीर दी थी। पर वहां न उनकी तहरीर ली गई और न ही दर्ज कराये गये पहले मुकदमे की कॉपी दी गई। 

अवतार और रंजीत की तीन दिन की रिमांड मंजूर
लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा में अरेस्ट अवतार और रंजीत की तीन दिन की रिमांड मंजूर कर ली गई है। दोनों को बीजेपी लीडर की तरफ से दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था।प्रभारी सीजेएम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोना सिंह ने दोनों आरोपियों की कई शर्तों के साथ तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड दी है। पुलिस आरोपियों को 10 नवम्बर की सुबह दस बजे जेल से अपनी कस्टडी में ले सकेगी और 13 नवम्बर की सुबह 10 बजे तक अरोपियों को जेल में दाखिल कर देना होगा।