Jharkhand : निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम पर FIR, हाईकोर्ट ने केस की जांच पर लगायी रोक
झारखंड के गोड्डा से बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम समेत चार लोगों पर फर्जी कागजात के जरिये मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी का आरोप लगा है। इस मामले में शिवदत्त शर्मा ने जसीडीह पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी देवता पांडेय को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। हाई कोर्ट ने देवघर में फर्जी कागजात के आधार पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने की कोशिश के मामले में दर्ज एफआईआर की जांच पर रोक लगा दी है।

- गलत कागजात के जरिये देवघर में मेडिकल कॉलेज खोलने की थी तैयारी
- बीजेपी एमपी के बचाव में उतरे बाबूलाल मरांडी
रांची। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम समेत चार लोगों पर फर्जी कागजात के जरिये मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी का आरोप लगा है। इस मामले में शिवदत्त शर्मा ने जसीडीह पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी देवता पांडेय को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। हाई कोर्ट ने देवघर में फर्जी कागजात के आधार पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने की कोशिश के मामले में दर्ज एफआईआर की जांच पर रोक लगा दी है।
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परित्रान मेडिकल ट्रस्ट, देवघर के सेकेट्री शिवदत्त शर्मा द्वारा दर्ज कराये गए एफआईआर में गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम, विमल कुमार अग्रवाल, देवता कुमार पांडेय और पुनीत कुमार अग्रवाल को एक्युज्ड बना गया है। चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 316, 318, 338, 340, 339 के अंतर्गत केस दर्ज कराया गया है।
शिवदत्त शर्मा की एफआइआर के अनुसार, अनामिका गौतम की अध्यक्षता वाले बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट ने जानबूझकर परित्राण मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट के नाम से जारी सर्टिफिकेट का दुरूपयोग कर 150 एमबीबीएस की सीटों वाले मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति प्राप्त करने का प्रयास किया गया। एफआइआर के अनुसार, ये सर्टिफिकेट नीलाम की गयी संपत्ति का हिस्सा हिस्सा नहीं था। न ही परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से इसको लेकर कोई वैद्यानिक अनुमति ली गयी। धोखाधड़ी के आधार पर नेशनल मेडिकल काउंसिल एक्ट-2019 के प्रावधानों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रयास किया गया।
देवघर जिले के अंतर्गत आने वाले 26.5 एकड़ जमीन जो परित्राण ट्रस्ट से नीलामी की जरिये बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ की अध्यक्षता वाले बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट से 2023 में ले ली गयी थीं। 60.10 करोड़ में नीलामी के जरिये जीते गये। इस जमीन को लेकर पर पहले से विवाद चला आ रहा था। इस जमीन को धोखाधड़ी से लिये जाने को लेकर भी 28 मार्च 2024 को जसीडीह पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया जा चुका है। जिसमें निशिकांत दुबे उनकी वाइफ अनामिका गौतम सहित अन्य पर 150 करोड़ से ज्यादा कीमत वाली जमीन को 60 करोड़ में फर्जी तरीके से हड़पने का आरोप लगाया गया था।
शिवदत्त शर्मा ने बताया था कि 2009 में उन्होने परित्रान ट्रस्ट की जमीन पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 93 करोड़ का लोन बैंक से लिया था। उन्होने बताया कि जैसे ही उन्होने लोन लिया वैसा ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने नीतियों में बदलाव कर दिया। इसकी वजह से कॉलेज को एमसीआई से मान्यता नहीं मिली। जब मान्यता नहीं मिली तो कॉलेज में स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं लिया। जब एडमिशन नहीं हो सकता तो कर्जा चुकाने के लिए ट्रस्ट के पास पैसे नहीं आये।
पैसे नहीं आने की वजह से कॉलेज शुरू नहीं हो सका। मेडिकल की पढ़ाई शुरू नहीं होने की वजह से ट्रस्ट बैंक का लोन नहीं चुका पाया। इसके बाद बैंक ने ट्रस्ट को डिफाल्टर घोषित कर दिया। इसके बाद लोन अकाउंट को एनपीए कर दिया गया। इसके बाद धोखे से निशिकांत दुबे की वाइफ की अध्यक्षता वाले बाबा बैद्यनाथ मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट से जमीन बैंकों पर दवाब बनाकर नीलामी के जरिये गलत तरीके से हड़पने का काम किया। शिवदत्त शर्मा ने आरोप लगाया है कि जमीन लेने के बाद अब फर्जी तरीके से उस जमीन पर मेडिकल कॉलेज खोलने की कोशिश हो रही है जिसको लेकर उन्होने 22 जुलाई को पत्र भी लिखा है।
निशिकांत दुबे की वाइफ पर हुए एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी,राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी अपनी जगह है, लेकिन इस प्रतिस्पर्धा में नेताओं के समर्थकों या विशेषकर महिलाओं और परिवार को घसीटना राजनीतिक शुचिता के खिलाफ है।
सत्यमेव जयते!
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 24, 2025
कल ही मैंने मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी को चेताया था कि सांसद श्री निशिकांत दुबे जी के परिवार पर राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की जा रही है। आज माननीय झारखंड उच्च न्यायालय ने उस पर मुहर लगा दी है।
उच्च न्यायालय ने सांसद निशिकांत दुबे जी की पत्नी के खिलाफ… https://t.co/dl5naClAoK
सुनने में आया है कि एमपी श्री @nishikant_dubey जी की धर्मपत्नी पर 47वां मुकदमा दर्ज किया गया है। निशिकांत जी के समर्थक देवता पांडेय को गिरफ़्तार भी किया गया है। संभव है कि यह सब आपकी जानकारी के बिना हुआ हो। आपके कुछ महत्वाकांक्षी अधिकारियों का कारनामा हो। ऐसे अफ़सर वही लोग हैं जिन्होंने अतीत में अपने निजी स्वार्थ के लिये आपको इस्तेमाल किया और मुसीबत में डाला। मेरा आपसे आग्रह है कि ऐसे अफसरों से बचिए। ये अधिकारी आपको अनावश्यक विवादों में घसीट कर आपकी छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। राजनीतिक लड़ाई सीधे होनी चाहिए, परिवारों और सहयोगी/समर्थकों को निशाना बनाना एक स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं है। आशा है आप इस मामले का संज्ञान लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सत्ता का दुरुपयोग राजनीतिक प्रतिशोध के लिए न हो।
एफआइआर में लगाये गये गंभीर आरोप
देवघर के परित्राण ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा की ओर से दर्ज एफआइआर में बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के अध्यक्ष अनामिका गौतम, सचिव बिमल अग्रवाल और ट्रस्ट के ट्रस्टी देवता पांडेय को एक्युज्ड बनाया गया है। पुलिस ने सभी के खिलाफ आईपीसी की सेक्शन 316, 318, 338, 336, 340, 3339 आर/डब्ल्यू 61(2), बीएनएस के अनुरूप धारा 406, 420, 467, 468, 471, 474 आर/डब्ल्यू 120बी और 34 (आईपीसी) के तहत एफआइआर दर्ज की है।एफआइआर के अनुसार देवघर जिले में 26.5 एकड़ जमीन परित्राण ट्रस्ट की है, जिसका खाता संख्या-11 है। शिवदत्त शर्मा ने इस जमीन पर करोड़ों रुपये खर्च कर परित्राण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के लिए भवन समेत अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया।राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की अधिनियम 2019 के तहत जरुरी प्रक्रियाओं व संबद्धताओं के लिए कोशिशें की। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अनुमति मांगी।
परित्राण ट्रस्ट को मदद करने का वायदा कर किया धोखाधड़ी
एमबीबीएस कॉलेज चलाने की अनुमति मिलने में देरी के दौरान बैंक से लिया गया 93 करोड़ रुपया का लोन डिफॉल्ट हो गया। लोन की वसूली के लिए बैंकों ने कानूनी कार्रवाई शुरू की। शिवदत्त शर्मा ने एफआअर मेंआरोप लगाया है कि इसी दौरान 24 जून 2023 को बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट की अध्यक्ष अनामिका गौतम अपने हसबैंड निशिकांत दुबे के साथ शिवदत्त शर्मा से मिलीं। निशिकांत दुबे से शिवदत्त शर्मा की पुरानी जान-पहचान थी।आरोप लगाया गया है कि उस मुलाकात के दौरान निशिकांत दुबे ने डीआरटी (Debt Recovery Tribunal) में ट्रस्ट को मदद करने का वायदा किया। उन्होंने नकद 20 लाख रुपये और ट्रस्ट की संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेज, जिसमें संबद्धता प्रमाण पत्र की प्रति और अनिवार्यता प्रमाण पत्र भी शामिल था, ले लिया। उन्होंने शिवदत्त शर्मा को भरोसा दिलाया कि वह परित्राण ट्रस्ट को मदद करेंगे।
नीलामी के खिलाफ वित्त मंत्रालय की डीआरटी में अपील दायर
एफ आइआर में आरोप लगाया गया है कि 20 लाख रुपये वापस नहीं किया गया। उस राशि का इस्तेमाल बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट बनाने के लिए किया गया। जिस संपत्ति पर शिवदत्त शर्मा ने 93 करोड़ रुपये का लोन लिया था, उसकी नीलामी शुरु की गयी।नीलामी में बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट को एकल बोलीदाता होने की वजह से 60.10 करोड़ रुपये की कीमत पर बैंक में गिरवी संपत्ति का खरीददार घोषित किया गया। नीलामी में कथित तौर पर हुई गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिवदत्त शर्मा ने 28 मार्च 2024 को जसीडीह पुलिस स्टेशन में केस नंबर 96/2024 दर्ज कराया है। शिवदत्त शर्मा ने बिक्री नीलामी को अवैध बताते हुए कई तरह की अनियमितता का आरोप लगाया था। कहा गया है कि भूमि, भवन आदि का मूल्य 150 करोड़ रुपये से अधिक था। उसे केवल 60 करोड़ रुपये में एकमात्र बोलीदाता को दे दिया गया। इस फैसले के खिलाफ शिवदत्त शर्मा ने वित्त मंत्रालय की डीआरटी में अपील (477/2025) भी दायर किया है।
बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट में कई कंपनियों ने भारी मात्रा में किया फंड ट्रांसफर
शिवदत्त शर्मा ने एफआइआर में यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने व्यक्तिगत रुप से जानकारी है कि डीएसआर इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड, शरीन हायर परचेज प्राइवेट लिमिटेड, आरके फिनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड, रोस्को वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड, बीएलबी स्टॉक प्राइवेट लिमिटेड, मधुधन बार्टर प्राइवेट लिमिटेड, नीलगगन कॉमोडील प्राइवेट लिमिटेड, शुभकारी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, एरोलिंक विनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड व अंगीतिया टावर प्राइवेट लिमिटेड ने बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट में भारी मात्रा में फंड ट्रांसफर किया है। जबकि ये सारी कंपनियां कथित तौर पर फर्जी हैं। कहा गया है कि उन्होंने (शिवदत्त शर्मा) कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट से इन कंपनियों के पंजीकृत पते मिले और मैंने (शिवदत्त शर्मा) व्यक्तिगत रूप से जाकर इन पतों को सत्यापित करने का भी प्रयास किया, लेकिन पंजीकृत पते पर कोई कार्यालय संचालित नहीं पाया गया।
विमल कुमार अग्रवाल और पुनीत कुमार अग्रवाल ने बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट को दिया है फंड
एफआइ्आर में उल्लेख किया गया है कि मुझे (शिवदत्त शर्मा) व्यक्तिगत रूप से यह भी पता चला है कि राजवीर कंस्ट्रक्शन के निदेशकों, विमल कुमार अग्रवाल और पुनीत कुमार अग्रवाल के ठिकानों पर जीएसटी की रेड हुई थी, जिसमें बड़ी अनियमितताएं पायी गयी। विमल कुमार अग्रवाल और पुनीत कुमार अग्रवाल द्वारा बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट को बड़ी मात्रा में फंड दिया गया है। झारखंड सीआईडी 14 जुलाई को बोकारो में वन भूमि की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में राजबीर कंस्ट्रक्शन के पुनीत अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। देवता पांडेय को बुधवार को अरेस्ट किया जा चुका है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को गुमराह करने, परित्राण ट्रस्ट के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप
आरोप लगाया गया है कि बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट की अध्यक्ष अनामिका गौतम, सचिव बिमल अग्रवाल और आरोपी ट्रस्ट के ट्रस्टी देवता पांडे ने एक-दूसरे और अन्य अज्ञात लोगों के साथ मिलीभगत और षड्यंत्र करके राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत बेईमानी और धोखाधड़ी से नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की अनुमति के लिए आवेदन किया है। आरोपियों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को गुमराह करने, परित्राण ट्रस्ट के साथ धोखाधड़ी करने और परित्राण की अनुमति के बिना गलत तथ्यों के आधार पर झूठा दावा किया गया है।