दुमका: शिकारीपाड़ा में  पत्थर कारोबारी से रंगदारी मांगने में मुन्ना राय समेत पांच भेजे गये जेल

एसआइटी ने 12 नवंबर को शिकारीपाड़ा में पत्थर कारोबारी मनोज भगत को गोली मारने व कारोबारी आदित्य गोस्वामी से 40 लाख की रंगदारी मांगने वाले शातिर मुन्ना राय को उसके चार गुर्गों को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने  रविवार को पाचों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया।

दुमका: शिकारीपाड़ा में  पत्थर कारोबारी से रंगदारी मांगने में मुन्ना राय समेत पांच भेजे गये जेल

दुमका। एसआइटी ने 12 नवंबर को शिकारीपाड़ा में पत्थर कारोबारी मनोज भगत को गोली मारने व कारोबारी आदित्य गोस्वामी से 40 लाख की रंगदारी मांगने वाले शातिर मुन्ना राय को उसके चार गुर्गों को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने रविवार को पाचों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया। पुलिस ने मुन्ना के पास से पिस्टल और दो साथी लालू राय व सेमल हेंब्रम के पास से दो तमंचा, 19 गोली व छह मोबाइल बरामद किया है।

एसपी अंबर लकड़ा ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि 12 नवंबर को कारोबारी मनोज को गोली मारने के बाद 10 मेंबर वाली एसआइटी का गठन किया गया था। पुलिस को शनिवार की रात तीन बजे सूचना मिली कि मुन्ना शिकारीपाड़ा में गोसाईपहाड़ी से पांच किलोमीटर दूर घन जंगल में बंद पत्थर माइंस के पास एक कमरे में है। एसआइटी मौके पर पहुंची तो कमरे का दरवाजा खुला होने पर थोड़ा शक हुआ कि वह अंदर है या नहीं। बगल की झाड़ियों में उसकी बाइक देखने के बाद पुलिस दबिश देकर पंचवाहिनी गांव के मुन्ना उर्फ लक्ष्मण राय के अलावा दो साथी हरिणसिघा के लालू राय व गोसाईपहाड़ी के सेमल हेंब्रम को दबोच लिया। तीनों के पास से आर्म्स व गोली बरामद हुई।

उन्होंने बताया कि मुन्ना के खिलाफ पहले से चार केस चल रहे हैं। उसे सभी केस में रिमांड पर लिया जायेगा। मुन्ना व उमेश दो साल पहले पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करते थे। पुलिस से हटने के बाद मुन्ना ने क्राइम का रास्ता पकड़ लिया।एसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में मुन्ना ने बताया कि उमेश सिंह व शहर का विप्लव शर्मा भी उसके साथ काम करता है। ये लोग पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी उसे दिया करते थे। इन लोगों से उसकी जान पहचान है। इसके बाद पुलिस ने विप्लव शर्मा व उमेश सिंह को अरेस्ट किया। उमेश के खिलाफ पहले से तीन केस चल रहे हैं।और वह दो बार जेल जा चुका है।
इंग्लिश की तरह बनाना चाहता था अपना गैंग 
एसपी ने बताया कि गोपीकांदर के इंग्लिश मरांडी की तरह मुन्ना भी अपना गैंग तैयार कर रंगदारी के क्षेत्र में नाम कमाना चाहता था। पुलिस सक्रियता से  मुन्ना के मंसूबों पर पानी फिर गया है। ये पत्थर कारोबारियों से रंगदारी वसूली में एरिया में अपना एकछत्र राज करना चाहते थे। दहशत फैलाकर दूसरे कारोबारियों को रंगदारी मांगना चाहते थे।
एमएलए  के नाम पर दी थी धमकी
एसपी ने बताया कि मुन्ना ने 13 नवंबर को जारी ऑडियो क्लिप में खुद को एमएलए बसंत सोरेन का आदमी बताया था। पूछताछ में उसने बताया कि एमएलए से उसका कोई लेना-देना नहीं है। किसी के कहने पर उसने एमएलए का नाम नहीं लिया था। मन में आ गया तो नाम ले लिया।