धनबाद: चिरकुंडा में 45 मिनट चला रेस्क्यू ऑपरेशन, किसी के दबे होने के नहीं मिले सबूत, अफवाह से परेशान रहे अफसर

चिरकुंडा थाना क्षेत्र के डुमरीजोड़ में बीसीसाएल की बंद माइंस में इलिगल माइनिंग के कारण समीप की कच्ची रोड धंस गई। माइंस के ऊपर की लगभग 60 फीट कच्ची रोड धंस गई। बीसीसीएल देर शाम रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन कर लोगों के फंसने की आशंका को खारिज कर दिया। जिला प्रशासन ने भी किसी के फंसे होने व घायल होने की आशंका हो खारिज किया है। 

धनबाद: चिरकुंडा में 45 मिनट चला रेस्क्यू ऑपरेशन, किसी के दबे होने के नहीं मिले सबूत, अफवाह से परेशान रहे अफसर

धनबाद। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के डुमरीजोड़ में बीसीसाएल की बंद माइंस में इलिगल माइनिंग के कारण समीप की कच्ची रोड धंस गई। माइंस के ऊपर की लगभग 60 फीट कच्ची रोड धंस गई। बीसीसीएल देर शाम रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन कर लोगों के फंसने की आशंका को खारिज कर दिया। जिला प्रशासन ने भी किसी के फंसे होने व घायल होने की आशंका हो खारिज किया है। 

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बीसीसीएल रेस्क्यू सुपरिटेंडेंट आरएल मुखोपाध्याय ने बताया कि छह  लोगों की टीम ने लगभग 45 मिनट तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जिस एरिया में लोगों के फंसे होने की आशंका थी वहां के आसपास के इलाके को टीम ने पूरी तरह सर्च किया। कहीं कोई नहीं मिला। अब जो इलाका बचा है, उसमें सिर्फ पानी है। ऐसे में संभावना है कि माइंस के अंदर कोई नहीं फंसा है। इसकी रिपोर्ट सीनीयर अफसरों को दे दी गई है।

घटनास्थल से किसी व्यक्ति के धंसान में फंसे होने या घायल / मृत होने का कोई साक्ष्य / संकेत नहीं 
जिला प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है किचिरकुंडा पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत एगारकुंड अंचल के डुमरकुण्डा पंचायत अंतर्गत डुंमरीजोर क्षेत्र के बीसीसीएल माइनिंग क्षेत्र में भू-धंसान की घटना की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय प्रशासन, एसडीएम, सीओ एडीपीओ व चिरकुंडा थाना प्रभारी द्वारा तत्काल स्थल पर पहुंचकर जांच की गई।प्रशासन द्वारा सीएमडी बीसीसीएल व बीसीसीएल सीभी एरिया जीएम से समन्वय कर बीसीसीएल की माइनिंग रेस्क्यू टीम को भी जांच कार्य में लगाया गया। उक्त क्षेत्र बीसीसीएल की सीभी एरिया अंतर्गत लीज माइनिंग क्षेत्र है। जहां लगभग 50 - 60 फीट कच्ची सड़क एवं सड़क के आसपास के क्षेत्र में भू-धंसान की घटना घटित हुई है।

 लोगों के फंसे होने या दुर्घटना अथवा हताहत होने का कोई संकेत नहीं

स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्थानीय लोगों से पूछताछ व स्थानीय मीडिया कर्मियों से घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई व पूरे धंसान क्षेत्र का सर्वे तथा जांच किया जा रहा है। अभी तक संबंधित क्षेत्र में लोगों के फंसे होने या दुर्घटना अथवा हताहत होने का कोई संकेत प्राप्त नहीं हो रहा है। इस संदर्भ में बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम को निर्देश दिया गया है कि माइनिंग सेफ्टी संबंध एसओपी का अनुपालन करते हुए संपूर्ण क्षेत्र की सघन जांच करें व सुनिश्चित करें कि उक्त धंसान की घटना में कोई व्यक्ति फंसा हुआ या घायल नहीं है।पूर्व में भी डीसी द्वारा अवैध खनन की रोकथाम के लिए गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक में बीसीसीएल तथा सीआईएसएफ को इस संदर्भ में निर्देशित किया गया है कि खनन क्षेत्र में असुरक्षित रूप से बाहरी अनाधिकृत व्यक्तियों / मजदूरों का प्रवेश न हो यह सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित करें।बलपूर्वक यदि ऐसा प्रयास किसी के द्वारा किया जाता है तो संबंधित मामलों में कोल कंपनी के सुरक्षा पदाधिकारी / सीआईएसएफ अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज कराएं। पुलिस को भी ऐसे मामलों में मजदूरों को असुरक्षित रूप से अवैध खनन में लगाने वाले लोगों को जांच के दौरान चिन्हित कर सख्त कार्रवाई के निर्देश पूर्व में ही दिए गए हैं।अभी तक घटनास्थल से किसी व्यक्ति के धंसान में फंसे होने या घायल / मृत होने का कोई साक्ष्य / संकेत नहीं मिले हैं। प्रशासन द्वारा बीसीसीएल के साथ आगे जांच की कार्रवाई की जा रही है।
ऊपरी सतह पर भी कोयला
पुलिस का कहना है कि पिछले वर्ष भी इसी तरह सड़क के धंसने की खबर आई थी। तब भी इलाके में गहन छानबीन की गई थी।डुमरीजोड़ के नीचे पुरानी चांच कोलियरी माइंस से कोयला खनन किया गया है। इस वजह से ऊपरी सतह पर भी कुछ कोयला है। यही कारण है कि लोग आसानी से लगातार अवैध तरीके से कोयला खनन कर रहे हैं।

चिरकुंडा थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार का कहना है कि यह रोड धंसने का मामला है। किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। बीसीसीएल सीवी एरिया के जीएम एके दत्ता का कहना है कि अवैध खनन की सूचना पर खनन स्थल की डोजरिंग कराई गई थी, लेकिन इसके बाद पुलिस-प्रशासन द्वारा नजर नहीं रखे जाने के कारण यह हादसा सामने आया। उन्होंने कहा कि यह बंगाल कोल के समय की खदान है। 1975 से यह बंद पड़ी है। उन्होंने कहा कि हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है।