धनबाद: JMM के 50वें स्थापना दिवस समारोह में नहीं पहुंचे शिबू-हेमंत, फीका रहा कार्यक्रम, समर्थकों ने भी बनाई दूरी

झारखंड मुक्ति मोर्चा का शुक्रवार को 50वां स्थापना दिवस धनबाद के न्यू टाउन हाल में मनाया गया। चारफरवरी 1973 को धनबाद में ही झामुमो की स्थापना हुई थी। 50वें स्थापना दिवस समारोह में ने तो झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन पहुंचे और न ही कार्यकारी अध्यक्ष झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। इस कारण कार्यक्रम फीका रहा। 

धनबाद: JMM के 50वें स्थापना दिवस समारोह में नहीं पहुंचे शिबू-हेमंत, फीका रहा कार्यक्रम, समर्थकों ने भी बनाई दूरी

धनबाद। झारखंड मुक्ति मोर्चा का शुक्रवार को 50वां स्थापना दिवस धनबाद के न्यू टाउन हाल में मनाया गया। चारफरवरी 1973 को धनबाद में ही झामुमो की स्थापना हुई थी। 50वें स्थापना दिवस समारोह में ने तो झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन पहुंचे और न ही कार्यकारी अध्यक्ष झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। इस कारण कार्यक्रम फीका रहा। 

IIT ISM में विंटर चैलेंज 1.0 का आयोजन, पांच समस्याओं का समाधान कर  इंजीनियरिंग स्टूडेंट जीत सकते 50 लाख

झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में पहले शिबू सोरेन की उपस्थित में हजारों की संख्या में लोग भा लेते थे। वहीं 50 वें स्थापना दिवस समारोह में शुक्रवार को गिनती के लोग उपस्थित थे। इसमें भाग लेने के लिए जेएमएम को कोई बड़ा लीडर नहीं पहुंचा। कार्यक्रम में टुंडी एमएलए मथुरा प्रसाद महतो मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने किया। झंडोतोलन के बाद शहीद की बेदी पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में झारखंडी नृत्य प्रस्तुत किया गया।

चुनावी वादे को पूरा कर रही झामुमो सरकार: मथुरा

स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए  मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि झारखंड सरकार के दो साल पूरे होने पर सभी सकारात्मक कार्य धरातल पर किए गए हैं। चुनाव के दौरान जो भी वादे किये गये  लगभग सभी दो साल के बेहद कम समय में पूरे किये गये। शेष कार्य जल्द ही पूरे होंगे। राज्य में पारा शिक्षकों का का मामला बीजेपी की सरकार से चली आ रही थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करने का काम किया है।  भाषा विवाद को लेकर कहा कि भोजपुरी, मगधी व अंगिका भाषा बाहरी भाषा है जो झारखंड के मूलवासी लोगों के लिए नहीं है। इसको लेकर शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष प्रस्ताव रखा गया है। मुख्यमंत्री ने जल्द वापस लेने की बात कही है। 

स्थापना दिवस पर नहीं हुई भीड़

50वें स्थापना दिवस समारोह में लोगों की भागीदारी बहुत कम रही। न्यू टाउन हाल की ज्यादातर कुर्सियां खाली थीं। जिला समिति का कहना है कि कोरोना के कारण सादगी तरीके से स्थापना दिवस मनाया गया। सभी प्रखंड के जिला अध्यक्ष अपने-अपने प्रखंड में सादगी तरीके से स्थापना दिवस आयोजित कर रहे हैं। 
समारोह में जिला सचिव पवन महतो, केंद्रीय सदस्यगण कंसारी मंडल, धरणीधर मंडल, नकुल महतो, नीलम मिश्रा, मो. अल्लाउद्दीन अंसारी, अरुनव सरकार, युधेशर सिंह, बाबा मनीर मस्तान, हेमंत कुमार सोरेन, हराधन रजवार, देबू महतो, मुकेश सिंह, मनोज रवानी, गौरव सिंह, अमित महतो, समीर रवानी, भोला मंडल, तरुण मुर्मू, सुशोभन चक्रवर्ती, अनिल कुमार टुडू, नरेश टुडू, मो. आलमगीर अशरफ, मो. गुलाम कुरैशी, अजय रवानी, बलराम महतो, मदन महतो, बसंत महतो, मो. मंसूर आलम, मो. अबु तारिक आदि उपस्थित थे। 

एके राय, बिनोद बाबू व गुरुजी ने किया था झामुमो का गठन 

प्रसिद्ध मार्क्सवादी चिंतक व राजनीतिक संत कामरेड एके राय, झारखंड आंदोलन के मूर्धन्य नेता बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर शिबू सोरेन ने धनबाद के ऐतिहासिक गोल्फ ग्राउंड में चार फरवरी 1973 को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया था। बिनोद बिहारी महतो जिन्हें लोग बिनोद बाबू के नाम से पुकारते थे, इसके पहले अध्यक्ष एवं शिबू सोरेन महासचिव बने थे। गोल्फ ग्राउंड से इस तिकड़ी ने आंदोलन का ऐसा बिगुल फूंका कि इसका समापन 15 नवंबर 2000 को अलग झारखंड राज्य के निर्माण के साथ ही हुआ। झारखंड राज्य की अवधारणा को पूरी तरह से खारिज करने वाली कांग्रेस, बीजेपी, आरजेडी जैसी पार्टियों ने भी अंतत: इसे स्वीकार किया। यह शिबू सोरेन के कुशल नेतृत्व एवं राजनीतिक कौशल का ही नतीजा था।