धनबाद: गैंग रेप के आरोपियों को पुलिस ने गलफरबाड़ी ओपी  से  छोड़ा,SSP ने दिया जांच का आदेश

गलफरबाड़ी ओपी पुलिस ने कोलकाता की 25 वर्षीय युवती से गैंगरेप मामले में ने तो पीड़िता कता मेडिकलजांच कराया और नहीं एफआइआर दर्ज की है। ओपी प्रभारी संजय उरांव ने  चारों आरोपितों को 24 घंटे बाद शनिवार की रात ही 10 बजे पुलिस कस्टडी से मुक्त कर दिया गया। इसके बाद से  चारों आरोपित अंडरग्राउंड हो गये हैं। 

धनबाद: गैंग रेप के आरोपियों को पुलिस ने गलफरबाड़ी ओपी  से  छोड़ा,SSP ने दिया जांच का आदेश

धनबाद। गलफरबाड़ी ओपी पुलिस ने कोलकाता की 25 वर्षीय युवती से गैंगरेप मामले में ने तो पीड़िता कता मेडिकलजांच कराया और नहीं एफआइआर दर्ज की है। ओपी प्रभारी संजय उरांव ने  चारों आरोपितों को 24 घंटे बाद शनिवार की रात ही 10 बजे पुलिस कस्टडी से मुक्त कर दिया गया। इसके बाद से  चारों आरोपित अंडरग्राउंड हो गये हैं। 

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पुलिस की मदद नहीं मिलने  व आरोपियों के परिजनों के दबाव व दहशत के कारण पीड़ित युवती भी कोलकाता वाापस लौट गई। मामला संज्ञान में आने  के बाद एसएसपी संजीव कुमार ने ओपी प्रभारी संजय उरांव की क्लास ली। एसएसपी फटकार के बाद बाद ओपी प्रभारी चारों आरोपियों की खोजबीन में लगे हैं। पुलिस ने पीड़ित युवती की भी तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच का आदेश निरसा के एसडीपीओ पितांबर सिंह खरवार को दिया है। गैंगरेप जैसे गंभीर मामले में गलफरबाड़ी ओपी पुलिस की भूमिका से लोगों आक्रोश में हैं। ओपी प्रभारी पर कार्रवाई की मांग हो रही है। निरसा की बीजेपी एमएलए अपर्णा सेनगुप्ता इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कह रही हैं।

यह है मामला 

गलफरबाड़ी के एक स्टील फैक्ट्री में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाकर कोलकाता की 25 वर्षीय युवती से चार युवकों ने शुक्रवार रात गैंगरेप किया था। युवती की चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। लोकल  मुखिया को घटना की जानकारी दी। मुखिया की सूचना पर गलफरबाड़ी ओपी पुलिस मौके पर पहुंची। बगल के जंगल में छिपे चारों आरोपितों को दबोच लिया था। पुलिस ने चारों युवकों को ओपी के हवालात  में बंद कर दिया था। पीड़ित युवती ने रात में पुलिस को लिखित कंपलेन  देकर अपने साथ गैंगरेप की जानकारी दी। चारों युवकों पर आर्म्स के बल पर गैंगरेप का आरोप लगाया।

पुलिस ने इसके बावजूद एफआइआर दर्ज नहीं की। युवती को मे़िकल जांच कराने के बजाय उसे लोकल महिला मुखिया के हवाले कर दिया था।आरोपितों के परिजनों एवं फैक्ट्री के मालिक ने रातभर में ऐसा प्रेशर बनाया कि भयभीत होकर युवती शनिवार की सुबह एफआइआर नहीं करने की बात पुलिस को लिखित देकर वापस कोलकाता लौट गई। 
एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि गलफरबाड़ी ओपी प्रभारी संजय उरांव का कहना है कि पीड़ित लड़की ने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। इस कारण चारों को छोड़ना पड़ा।ओपी प्रभारी का कहना है कि युवती ने कोई शिकायत नहीं की थी। मामले की जांच की जिम्मेदारी निरसा के एसडीपीओ को दी गई है। युवती से भी वे बात करेंगे। एसडीपीओ की रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी। कोई भी दोषी होगा तो बचेगा नहीं।