धनबाद: जज उत्तम आनंद मौत मामला: हादसा या मर्डर, एम्स दिल्ली के स्पेशलिस्ट से सलाह लेगी CBI !

धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मर्डर की 25 दिन बीते जाने के बाद गुत्थी नहीं सुझ पा रही है। सीबीआइ दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है। सीबीआइ टीम ने एसएनएमएमसीएच के पांच डॉक्टर्स व प्रशासनिकअफसरों से पूछताछ की है।

धनबाद: जज उत्तम आनंद मौत मामला: हादसा या मर्डर, एम्स  दिल्ली के स्पेशलिस्ट से सलाह लेगी CBI !

धनबाद। जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मर्डर की 25 दिन बीते जाने के बाद गुत्थी नहीं सुझ पा रही है। सीबीआइ दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है। सीबीआइ टीम ने एसएनएमएमसीएच के पांच डॉक्टर्स व प्रशासनिकअफसरों से पूछताछ की है।

घटना के बाद जज उत्तम आनंद का इलाज करने वाले डॉक्टर से लेकर पोस्टमार्टम करने वालों से पूछताछ की गयी है।  सीबीआई पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स से जानना चाह रहे हैं कि उनका मंतव्य क्या है? इसके साथ ही सीबीआइ की टीम जल्द ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर एम्स नई दिल्ली के स्पेशलिस्ट से भी राय लेने की तैयारी में है।

मर्डर या हादसा समझने का प्रयास

सीबीआइ की टीम ने डाक्टरों से मर्डर और दुर्घटना के मामले पर सवाल किए। सीबीआइ यह समझने का प्रयास कर रही थी कि जज की मर्डर हुई है या यह दुर्घटना है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर भी कई सवाल पूछे गए। इस दौरान डॉक्टरों ने जो  जवाब दिए उसकी रिकार्डिंग की गई। पूछताछ के दौरान सीबीआइ क्राइम ब्रांच दिल्ली के एएसपी सह केस के आईओ विजय शुक्ला खुद मौजूद थे।
गांधी में दोनों आरोपितों का नार्को टेस्ट
जज की मर्डर करने के आरोप में धनबाद की पुलिस ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा था। सीबीआइ दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर गुजरात गई है। वहां नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग से लेकर कई तरह की जांच कराई आज होगी ब्रेन मैपिंग,नार्को एनालिसिस भी कराने की है तैयारी
ऑटो ड्राइवर वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग सोमवाार को की जायेगी। गुजरात के गांधीनगर एफएसएल के विशेषज्ञों ने सोमवार को दोनों की ब्रेन मैपिंग का स्लॉट दिया है। दोनों को सोमवार को सुबह अहमदाबाद स्थित साबरमती सेंट्रल जेल से गांधीनगर एफएसएल ले जाया जायेगा। ब्रेन मैपिंग के मद्देनजर सीबीआई के अफसरों और फोरेंसिक लैब के विशेषज्ञों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। 
बारी-बारी से दोनों की ब्रेन मैपिंग होगी। उन्हें घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज और फोटो दिखा कर उनसे सवाल पूछने की तैयारी है। इसके लिए सीबीआई ने प्रश्नावली भी तैयार की है।दोनों के जवाब को मशीन की कसौटी पर परखा जाएगा ताकि सीबीआई को पता चल सके कि दोनों जो कहानी बता रहे हैं, उसमें कितनी सच्चाई है और वे कितना झूठ बोल रहे हैं। ब्रेन मैपिंग से सीबीआई सिर्फ यह पता लगा पायेगी कि दोनों सच बोल रहे हैं या झूठ। इसके बाद दोनों की नार्को एनालिसिस भी कराई जायेगी। यदि दोनों कुछ छिपा रहे हैं तो नार्को के जरिए छिपी कहानी बाहर आ सकती है। दोनों को दवा देकर इस स्थिति में लाया जायेगा, जहां झूठ की गुंजाइश समाप्त हो जायेगी। अगले एक सप्ताह में दोनों टेस्ट करने की योजना है। 

सीबीआई की एक टीम पोस्टमार्टम की बारीकियां समझने के लिए एसएनएमएमसीएच के डॉक्टरों से लेकर दिल्ली एम्स के स्पेशलिस्ट से संपर्क में है। सीबीआई को 27 अगस्त को जज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हर पहलु पर जांच कर झारखंड हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपनी है।