धनबाद: गांधी रोड फायरिंग मामले में 24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुई FIR, दबंग सफेदपोश के प्रभाव में है धनसार पुलिस 

धनसार पुलिस गांधी रोड फायरिंग मामले पुलिस ने गुरुवार को घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। पुलिस ने घरवालों व आसपास के लोगों से मामले की जानकारी ली। घटना के 24 घंटे के बाद भी पुलिस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की है। जांच करने की बात कह रही है। 

धनबाद: गांधी रोड फायरिंग मामले में 24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुई FIR, दबंग सफेदपोश के प्रभाव में है धनसार पुलिस 

धनबाद। धनसार पुलिस गांधी रोड फायरिंग मामले पुलिस ने गुरुवार को घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। पुलिस ने घरवालों व आसपास के लोगों से मामले की जानकारी ली। घटना के 24 घंटे के बाद भी पुलिस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की है। जांच करने की बात कह रही है। 
जख्मी सीता झा ने पुलिस को बताया कि हा कि 21 मार्च को पार्षद प्रतिनिधि संटू सिंह, अरविद सिंह, सुरेश सिंह, संतोष मिश्रा, छोटू ओझा, राजू ओझा सहित अन्य लोगों के साथ मेरे पुत्र रिशु झा का विवाद हुआ था। मामले में धनसार पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज है। पूरा परिवार गुरुवार की रात जब खाना खाकर सोने जा रहे थे, तभी छोटू ओझा, संतोष मिश्रा, राजू ओझा, टेकन सहित कई लोग घर पर आ धमके। गेट पर खड़ा होकर गाली-गलौज करने लगे। दरवाजा खोलकर देखा तो देखा तो छोटू हाथ में पिस्टल लेकर खड़ा था। छोटू पिस्टल मेरी कनपटी में सटाते हुए कहा कि हमलोगों को संटू भैया ने भेजा है। तुम अपने केस से संटू भैया का नाम हटा लो। इतने में मेरे पति गौतम झा आ गये तो हमलोग गेट लगाने लगे। गेट लगते ही छोटू ने गोली चला दी। गोली गेट को छेदते हुए पेट में लग गई।
सीता ने आरोप लागाया है कि पुरानी रंजिश को लेकर पूर्व पार्षद प्रतिनिधि संटू सिंह के इशारे पर ही इनलोगों ने घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद दोनों पक्षों में टेंशन बना हुआ है। बीजेपी लीडर दिलीप सिंह का कहना है कि पूर्व पार्षद प्रतिनिधि संटू सिंह के इशारे पर पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही है। वहीं मामले में छोटू ओझा ने स्वयं को बेकसूर बताया है। छोटू का कहना है कि रिशू झा ने सोची-समझी साजिश के तहत खुद ही घटना को अंजाम दिया है। पुलिसिया जांच में सब स्पष्ट हो जायेगा। धनसार पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन कर ही एफआइआर दर्ज किया जायेगा।
धनसार पुलिस का अपना कानून
पूरे मामले में इंस्पेक्टर सह धनसार पुलिस स्टेशन ओसी की भूमिका संदिग्ध है। फायरिंग की घटना के 24 घंटे तक एफआइआर दर्ज होना व छानबीन की बात करना पुलिस की भूमिका को संदेहास्पाद बना रहा है। लोगों का आरोप है कि एरिया के दबंद सफेदपोश पूरे मामले का मास्टर माइंड है। बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश है। सफेदपोश जुआ व सूदखोरी की आय में लोकल पुलिस को हिस्सा दे रहा है। पुलिस स्टेशन में जाकर बैठकी करता है। पुलिस अफसर उसके घर आते हैं। मामले में उसे क्लीनचीट देने की तैयारी है। लोकल लोगों ने मामले में सफेदपोश व धनसार थानेदार की कंपलेन डीजीपी व आईजी से करने का निर्णय लिया है। डीजीपी व आईजी को लिखित कंपलेन की जायेगी।