धनबाद: इसीएल की खुदिया कोलियरी में लापता दूसरे मजदूर की बॉडी भी निकली, अंधेरे में कार्रवाई से मजदूर संगठनों में नाराजगी

ओडिशा के गोताखोरों के प्रयास से ईसीएल मुगमा एरिया की खुदिया कोलियरी के एसएम सीम में नौ दिसंबर की तड़के से लापता  दोनों मजदूरों का की बॉडी निकाली ली गयी है।नौवें दिन बुधवार की देर रात पंप ऑपरेटर बसिया मांझी का बॉडी बाहर निकाला गया।

धनबाद: इसीएल की खुदिया कोलियरी में लापता दूसरे मजदूर की बॉडी भी निकली, अंधेरे में कार्रवाई से मजदूर संगठनों में नाराजगी

धनबाद। ओडिशा के गोताखोरों के प्रयास से ईसीएल मुगमा एरिया की खुदिया कोलियरी के एसएम सीम में नौ दिसंबर की तड़के से लापता  दोनों मजदूरों का की बॉडी निकाली ली गयी है।नौवें दिन बुधवार की देर रात पंप ऑपरेटर बसिया मांझी का बॉडी बाहर निकाला गया।

आठवें दिन मंगलवार की देर रात हेल्पर माणिक बाउरी का बॉडी बाहर निकाला गया था। आठ दिसंबर की तड़के चार बजे माइंस में पानी भरने से ड्यूटी करने गये दोनों मजदूर फंस गये थे। इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू था।रात के अंधेरे में बत्ती गुल कर माइंस में फसें मजदूरों की बॉडी निकाले जाने पर मजदूर संगठनों ने कड़ा एतराज जताया है।

नौवें दिन 112 घंटे बाद दूसरे स्टाफ की बॉडी निकला

ईसीएल मुगमा एरिया की खुदिया कोलियरी की एमएस सीम में आठ दिसंबर की सुबह चार बजे से लापता पंप ऑपरेटर बसिया मांझी का शव भी नौवें दिन लगभग 112 घंटे बाद बुधवार की देर रात 11:30 बजे निकाल लिया गया। इससे पहले मंगलवार रात 9:45 बजे हेल्पर मानिक बाउरी का शव निकाला गया था।मंगलवार रात की घटना को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन द्वारा गुरुवार को शव खदान से निकालने के पूर्व सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। अतिरिक्त पुलिस बल के साथ सीआइएसएफ व ईसीएल के सुरक्षाकर्मी खदान के मुहाने और आसपास मुस्तैदी के साथ तैनात थे। हालांकि, मृतक के स्वजनों ने किसी प्रकार का कोई हो हंगामा नहीं किया। इससे प्रबंधन व प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।बॉडी का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों ने दाह संस्कार भी कर दिया है। 

खुदिया कोलियरी की एमएस सीम में आठ दिसंबर की सुबह चार बजे अचानक पानी भर गया था। एमएस सीम में इन दोनों के अलावा समीर टुडू व विकास भइयां भी मौजूद थे। समीर टुडू व विकास भुइयां को घटना का आभास पहले ही हो गया था इसलिये वे दोनों समय रहते माइंस से निकल गये। बसिया मांझी व मानिक बाउरी माइंस के अंदर ही फंस गये। पानी  भरे माइंस में दोनों की खोज के लिए नौ दिनों तक सर्च अभियान चलाया गया।

हादसे में मृतक की पत्नी लुस्की मंझियाइन को मिला नियोजन

खुदिया खदान हादसे में मृतक बसिया मंझियाइन की पत्नी लुस्की मंझियाइन को बुधवार की देर रात नियुक्ति पत्र दिया गया। नियुक्ति के साथ ही उसकी हाजिरी भी बनाई गई। हालांकि इससे पहले मृतक की पत्नी या पुत्री में से किसी एक को नियोजन देने के सवाल पर कोलियरी कैंपस में यूनियन प्रतिनिधियों के साथ प्रबंधन की लंबी वार्ता चली। बेटी के शादीशुदा होने की वजह से नियुक्ति पत्र देने में अड़चन आ गई। अंत में पत्नी को नियुक्ति पत्र देने पर सहमति बनी। इसके अतिरिक्त मृतक के आश्रित को एक सप्ताह के अंदर 15 लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा। श्राद्धकर्म के लिए भी सवा लाख रुपये अलग से दिये जायेंगे।