Deoghar airport ATC clearance case : हाईकोर्ट ने MP निशिकांत और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज FIR किया निरस्त 

झारखंड हाईकोर्ट से बीजेपी एमपी निशिकांत दूबे, मनोज तिवारी व बीजेपी लीडर कपिल मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट पर ATC (एयर ट्राफिक कंट्रोल)  से क्लीयरेंस लेकर शाम में फ्लाइट टेकऑफ करवाने के मामले में निशिकांत दुबे व मनोज तिवारी समेत अन्य के खिलाफ दर्ज FIR को निरस्त कर दिया है।

Deoghar airport ATC clearance case : हाईकोर्ट ने MP निशिकांत और मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज FIR किया निरस्त 

रांची। झारखंड हाईकोर्ट से बीजेपी एमपी निशिकांत दूबे, मनोज तिवारी व बीजेपी लीडर कपिल मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट पर ATC (एयर ट्राफिक कंट्रोल)  से क्लीयरेंस लेकर शाम में फ्लाइट टेकऑफ करवाने के मामले में निशिकांत दुबे व मनोज तिवारी समेत अन्य के खिलाफ दर्ज FIR को निरस्त कर दिया है।

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देवघर जिला प्रशासन ने दो सितंबर को दर्ज करायी थी एफआईआर
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान निशिकांत दुबे की ओर से एडवोकेट प्रशांत पल्लव और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा। देवघर जिला प्रशासन ने दो सितंबर को कुंडा पुलिस स्टेशन में  निशिकांत दुबे, उनके बेटे कनिष्क कांत दुबे, महिकांत दुबे, दिल्ली के बीजेपी एमपी मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडे और पिंटू तिवारी समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। कंपलेन में कहा गया था कि निशिकांत दुबे समेत कई अन्य लोगों ने एटीसी के अंदर घुसकर दबाव बनाया कि उन्हें जल्दी क्लीयरेंस दी जाये। जिसके बाद उन्हें एटीसी क्लीयरेंस मिला था।कहा गया था कि इस तरह उड़ान के लिए दबाव बनाना हवाई अड्डों के सुरक्षा नियमों के खिलाफ है।
निशिकांत के एडवोकेट ने हाई कोर्ट में अपनी  दलील रखते हुए कहा कि उड्डयन नियमों के अनुसार सूर्यास्त के आधे घंटे बाद तक विमान उड़ान भर सकता है। उस दिन सूरज शाम 6.03 बजे अस्त हो गया था, जबकि विमान नेशाम 6.17 बजे उड़ान भरी थी। यह उड़ान के स्वीकृत मानदंडों के भीतर थी। एडवोकेट ने आरोप लगाया कि राजनीतिक बदले की भावना से सांसदों को निशाना बनाया गया। दुर्भावनापूर्ण तरीके सेझूठे मामले में फंसाया गया।

वहीं एफआइआर को सही ठहराते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कहा कि देवघर एयरपोर्ट पर रात में उतरने और उड़ान भरने की सुविधा नहीं है। दोनों सांसदों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और विमान में सभी की जान जोखिम में डालने का काम किया। सांसदों ने अधिकारियों पर उड़ान की मंजूरी देनेके लिए अनुचित दबाव बनाया। देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने दो सितंबर को राज्य के कैबिनेट-समन्वय (नागरिक उड्डयन) के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि 31 अगस्त को सूर्यास्त शाम 6.03 बजे हुआ और विमान ने शाम 6.17 बजे उड़ान भरी, जबकि देवघर हवाई अड्डे पर हवाई सेवा शाम 5.30 बजे तक संचालित की जाती है।