दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जामताड़ा से 14 साइबर क्रिमिनलों को किया अरेस्ट,ऑनलाइन फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन फ्रॉड के आरोप में मंगलवार को झारखंड के जामताड़ा से 14 साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। इन क्रिमिनलों ने बैंक अफसर बनकरऔर कभी-कभी ई-शॉपिंग कंपनियों से ऑफर देने का झांसा देकर ठगी की है। पुलिस गिरफ्त मं आये 14 आरोपियों में मास्ट माइंड  संदिग्ध गुलाम अंसारी और अल्ताफ भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से दो करोड़ रुपये की संपत्ति और 20 लाख रुपये की एसयूवी जब्त की गई है।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जामताड़ा से 14 साइबर क्रिमिनलों को किया अरेस्ट,ऑनलाइन फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन फ्रॉड के आरोप में मंगलवार को झारखंड के जामताड़ा से 14 साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। इन क्रिमिनलों ने बैंक अफसर बनकरऔर कभी-कभी ई-शॉपिंग कंपनियों से ऑफर देने का झांसा देकर ठगी की है। पुलिस गिरफ्त मं आये 14 आरोपियों में मास्ट माइंड  संदिग्ध गुलाम अंसारी और अल्ताफ भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से दो करोड़ रुपये की संपत्ति और 20 लाख रुपये की एसयूवी जब्त की गई है।

साइबर फ्रॉड का बहुत बड़ा गैंग

दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस में बताया कि साइबर प्रहार पार्ट-2 में हमने साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट जामताड़ा बेल्ट को निशाना बनाया है। इसमें जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, जमुई है। हमने बड़े पैमाने पर एक्शन लेते हुए वहां से 14 लोगों को अरेस्ट किया है। ये लोग फ्रॉड का बहुत बड़ा गैंग चला रहे थे।डीसीपी ने बताया कि ये लोग यूपीआई पेमेंट से संबंधित फ्रॉड करते हैं। इसमें टेकनीक  इस्तेमाल से लोगों पर दबाव बनाते हैं कि वे यूपीआई पेमेंट कर दें। केवाईसी अपडेशन के नाम पर सिम या बैंक अकाउंट ब्लॉक कराने के नाम पर फ्रॉड करते हैं। 

टेकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया
डीसीपी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल टेकनीक का इस्तेमाल बढ़ा दिया है।वे अस्थायी साइट्स और बैंकों के ऐप्स तक बना ले रहे हैं। पुलिस गिरफ्त मे आये सभी आरोपियों ने नौ स्टेट के 36 मामलों में 1.2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। पूछताछ के दौरान इन्होंने बताया है कि हर दिन 40-50 लोगों को कॉल करते थे। इसमें चार-पांच लोगों को शिकार बनाते थे। लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये ठगते थे।
पुलिस गतिविधि पर रखते थे नजर

डीसीपी अन्येश रॉय ने कहा कि इस रैकेट के मास्टरमाइंड अल्ताफ अंसारी उर्फ 'रॉकस्टार' और गुलाम अंसारी उर्फ 'मास्टर जी हैं। अल्ताफ के अंडर में काफी सारे कॉलर हैं। पुलिस की किसी भी संभावित गतिविधि पर नजर रखने के लिए वह लोगों को उस स्थान पर रखता है जहां से वह काम करता है।गुलाम फेक वेबसाइट बनाने और उन्हें गूगल विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन पुश करने में माहिर हैं। अल्ताफ एड कैंपेन चलाने के लिए रोजाना 40 से 50 हजार रुपये देता था। उन्होंने छोटे मॉड्यूल में अपने कामों का विभाजन और विस्तार किया है। ये लोग छोटे पैमाने पर काम करते थे। अपने कार्यों को छोटे-छोटे ग्रुप में करते थे।