AT-Libra BPLव BCCL जीएम समेत सात अफसरों को क्लीनचीट, सीबीआइ ने कोर्ट मे सौंपी क्लोजर रिपोर्ट
Dhanbad,AT-Libra BPL,BCCL GM,seven officers, Clean cheat, CBI ,submitted ,closure report, court

- एटी-लिब्रा के राहुल सिंह, बस्ताकोला के एक्स जीएम पीके दुबे समेत सात अफसरों के खिलाफ सीबीआइ को नहीं मिले एवीडेंस
- बीसीसीएल को 22 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का था आरोप
- एटी लिब्रा ने एनसी पैंच कुईयां में कोल प्रोडक्शन व ओबी निकासी में बीसीसीएल का 60 करोड़ बचाया
- एग्रीमेंट के अनुसार प्रोडेक्शन कर एटी लिब्रा ने लिया था पेमेंट
- राहुल सिंह ने कहा- सत्यमेव जयते
धनबाद। सीबीआइ ने एनसी पैच कुईंयां में ओबी की ओवर रिपोर्टिंग कर पेमेंट लेने के मामले में एटी-लिब्रा आउटसोर्सिंग कंपनी, बीसीसीएल के जीएम समेत सात अफसरों को क्लीनचीट दे दी है। सीबीआइ ने मामले की जांच के बाद कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट(फाइनल रिपोर्ट) सौंप दी है।
सीबीआइ की ओर से तीन जनवरी को कोर्ट में सौंपे गये फाइनल रिपोर्ट में कहा गया है कि मेसर्स अविनाश ट्रांसपोर्टिंग-लिब्रा बीपीएल नामक ज्वाइंट वेंचर आउटसोर्सिंग कंपनी के राहुल सिंह, बस्ताकोला एरिया के तत्कालीन जीएम पीके दुबे, एडिशनल जीएम एके झा, एरिया सर्वे ऑफिसर एमके सिंह, प्रोजेक्ट ऑफिसर बीके झा, कोलियरी मैनेजर एनके घोष, कोलियरी मैनेजर अरुण कुमार, कोलियरी सर्वेयर ललन सिंह के खिलाफ एवीडेंस नहीं मिले हैं।एफआइआर में अंकित ओबी की ओवर रिपोर्टिंग कर 22.16 करोड़ रुपये का अधिक पेमेंट लेने केआरोप से संबंधित एवीडेंस नहीं है।
क्या था मामला
मेसर्स अविनाश ट्रांसपोर्टिंग-लिब्रा बीपीएल नामक ज्वाइंट वेंचर आउटसोर्सिंग कंपनी को बस्ताकोला एरिया के चांद कुइयां ओपेनकास्ट और गोलकडीह ओपेनकास्ट प्रोजेक्ट में कोल माइनिंग का वर्क अवार्ड किया गया था। कंपनी को एक सौ 12 लाख टन कोयला व दो सौ 62 लाख टन ओबी निकलाना था। कंपनी ने 95 लाख टन कोल माइनिंग कर 132 लाख क्यूबिक मीटर ओबी की निकासी की। बीसीसीएल की एग्रीमेंट के अनुसार 2.38 क्यूबिक मीटर ओबी निकासी पर एक टन कोयला निकलाना था।आउटसोर्सिंग कंपनी ने 1.6 क्यूबिक मीटर ओबी पर ही एक टन कोयले की निकासी की। इससे बीसीसीएल को कुल 60 करोड़ का बचत हुआ।
35 लाख 30 हजार 769 क्यूबिक मीटर ओबी हटाने का ओवर रिपोर्टिंग कर 22.16 करोड़ का बिल लेने का आरोप
सीबीआइ ने दावा किया कि एटी लिब्रा ने बस्ताकोला एरिया जीएम समेत अन्य अफसरों की मिलीभगत कर बीसीसीएल से 22.16 करोड़ रुपये का अधिक का पेमेंट ले लिया। इसके लिए आउटसोर्सिंग कंपनी ने 35 लाख 30 हजार 769 क्यूबिक मीटर ओबी हटाने के जाली बिल दिया था। कंपनी ने कोल प्रोडक्शन में भी अधिक खर्च दिखा कर बिल पास करवाया। सीबीआइ ने मामले में जीएम सहित सात अफसरों व एटी लिब्रा के खिलाफ एफआइआर दर्ज की।
सीबीआइ इन्विस्टीगेशन में पाया गया कि वर्क अवार्ड एग्रीमेंट के अनुसार ही कोल व ओबी प्रोडेक्शन हुआ है।बीसीसीएल व कंपनी के रिकार्ड में प्रोडक्शन व मेंजरमेंट दर्ज है। मापी की गयी कोल व ओबी लेजर में उल्लेखित है। कंपनी ने प्रोडक्शन के अनुसार ही बिल पेमेंट लिया है। पाउडर रोसियो के अनुसार ही कोल व ओबी का प्रोडक्शन हुआ है। कंपनी व बीसीसीएल अफसरों की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है।
दुध का दुध व पानी का पानी हुआ: राहुल सिंह
एटी-लिब्रा आउटसोर्सिंग कंपनी के एमडी राहुल सिंह ने कहा कि है सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं है। जांच में दुध का दुध व पानी का पानी हो गया। कंपनी के काम से बीसीसीएल को 60 करोड़ की बचत हुई। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं थी। जांच में सामने आ गया।