Chitrakoot Jail Case: डिप्टी जेलर अरेस्ट, अब्बास अंसारी से वाइफ निखत को जेल में मिलवाने का आरोप

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे एमएलए अब्बास अंसारी से जेल में बहू के मिलवाने मामले में चित्रकूट जेल की डिप्टी जेलर चंद्रकला अरेस्ट कर लिया गया है। इस मामले में अभी तक किसी गवर्नमेंट अफसर की यह पहली अरेस्टिंग है। 

Chitrakoot Jail Case: डिप्टी जेलर अरेस्ट, अब्बास अंसारी से वाइफ निखत को जेल में मिलवाने का आरोप
  • जेल में तीन माह से साथ रह रहे थे अब्बास अंसारी व निखत बानो
  • डीआईजी जेल की जांच में कई राज का खुलासा

लखनऊ। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे एमएलए अब्बास अंसारी से जेल में बहू के मिलवाने मामले में चित्रकूट जेल की डिप्टी जेलर चंद्रकला अरेस्ट कर लिया गया है। इस मामले में अभी तक किसी गवर्नमेंट अफसर की यह पहली अरेस्टिंग है। 

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अब्बास अंसारी और निखत की मुलाकात में चंद्रकला की मुख्य रोल मानी जा रही है। चंद्रकला का नाम प्रारंभिक दौर में कहीं नहीं आया था। एसआईटी ने एवीडेंस संकलन किये तो उसकी मुख्य भूमिका सामनेआई। जेल से ही डिप्टी जेलर की अरेस्टिंग के बाद उनको एंटी एं करप्शन कोर्ट लखनऊ में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर डिप्टी जेलर को ज्यूडिशिल कस्टडी में लखनऊ जेल भेजा गया है।
एसपी बृंदा शुक्ला ने मंगलवार को चित्रकूट जेल मामले में चल रही छानबीन के संबंध में अब तक हुई प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी दी। जिला कारागार में 10 फरवरी को निखत बानो को एमएलए अब्बास अंसारी से बिना इंट्री मुलाकात करने में अरेस्ट किया गया था। उनके ड्राइवर नियाज अंसारी की भी अरेस्टिंग हुई थी। पूछताछ में समाजवादी पार्टी लीडर फराज खान व जेल कैंटीन के कांट्रैक्टर नवनीत सचान की भूमिका सामने आने पर उनको अरेस्ट कर जेल भेजा गया थी। 
एसपी ने बताया कि बीते दिनों 18 टीमों ने प्रदेश के भीतर व बाहर कई जगह दबिश दी है। जहां से काफी कैश, दस्तावेज, चेक, वाहन आदि बरामद हुए है। उन्होंने बताया कि जेल अफसरों से भी इस मामले में पूछताछ की थी। जांच के दौरान साक्ष्य संकलन के आधार पर डिप्टी जेल चंद्रकला की मुलाकात कराने में मुख्य भूमिका पाई गई है। वह जेल के भीतर एमएलए अब्बास तक सामग्री भी पहुंचाती रही हैं। इस आरोप में उनको जेल से सोमवार को अरेस्ट किया गया था।एंटी करप्शन कोर्ट में मंगलवार को डिप्टी जेलर को पेश करने के बाद लखनऊ जेल भेजा गया है।
एसपी ने बताया कि जेल के अन्य अफसरों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए जा रहेहै। मामले में एमएलए अब्बास अंसारी, पत्नी निखत अंसारी, ड्राइवर नियाज के अलावा जेल सुपरिटेडेंट अशोक कुमार सागर, उप कारागार अधीक्षक सुशील कुमार, जेल के सिपाही जगमोहन व ड्यूटी पर मौजूद जेल के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
जेल में लगातार अब्बास से मिल रही थी वाइफ निखत
बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का एमएलए बेटा अब्बास अंसारी 18 नवंबर सेजिला कारागार रगौली में बंद था।अब्बास अंसारी की वाइ निखत बानों कई दिन से लगातार जेल पहुंचकर चोरी-छिपे मुलाकात कर रही थी। उनकी मुलाकात जेल के जिम्मेदार अफसर करा रहे थे। चौकी इंचार्जके अनुसार उनको इसकी सूचना मिली थी कि निकहत रोज तीन-चार घंटे जेल में रहती है। इसकी जानकारी उन्होंने सीनीयर अफसरों को दी। इसके बाद डीएम और एसपी ने जेल पहुंच कर रेड मारा। वहां अब्बास अपने बैरक में नहीं मिला, जेल अफसरों ने सीनीयर अफसरों को गुमराह किया। अफसरों ने सख्ती से पूछताछ की तो एक जेल स्टाफ ने जेल सुपरिटेंडेंट के ऑफिस के बगल का कमरा खोला जिसमें अब्बास की वाइफ निकहत बानो मिल गयी। इस बीच जेल कर्मियों ने अब्बास को निकालकर चुपचाप उसकी बैरक में पहुंचा दिया था।

डीएम अभिषेक आनंद व एसपी बृंदा शुक्ला की मौजूदगी में अब्बास की वाइफ निखत सेपूछताछ की गयी तो उसने चौकानेवाले राज उगले। अफसरों को बताया कि उसके मोबाइल से अब्बास मुकदमों से जुड़े गवाहों, अभियोजन से जुड़े अफसरों को धमकाता है। जो उसकी बात नहीं मान रहे उनकी मर्डर की योजना बना रहा है। इसके लिए अपने गुर्गों से भी बात करता है। निखत और ड्राइवर नियाज के साथ मिलकर अब्बास जेल से फरार होने की भी योजना बना रहा है। अब्बास द्वारा फोन करके लोगों को धमकाकर वसूली की बात भी वाइफ ने कबूली। पुलिस ने निकहत के पास से दो मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किया। ड्राइवर नियाज को भी पुलिस ने पकड़ लिया।
जेल में तीन माह से साथ रह रहे थे अब्बास अंसारी व निखत बानो
चित्रकूट जेल में माफिया मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी लगभग तीन माह से अपनी पत्नी निखत के साथ रह रहा था। नवंबर, 2022 में अब्बास की निखत से जेल के भीतर मुलाकातों का सिलसिला शुरु हुआ था। पहले दोनों की मुलाकातों का वक्त बढ़ा और फिर जेल अफसरों की कृपा से इसकी समय बढ़ती ही चली गई।  डीआईजी जेल, प्रयागराज रेंज शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय ने अपनी जांच रिपोर्ट कारागार मुख्यालय को सौंप दी है। इसकी संस्तुतियों के आधार पर सस्पेंड जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय समेत सात कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया गया है। शासन जल्द निलंबित जेल अधीक्षक अशोक सागर को नोटिस देकर जवाब तलब करेगा।

डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि जांच में दोषी पाये गये कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है, जो आरंभ हो गई है। विभागीय जांच के अफसर नामित कर दिये गये हैं। एक माह में दोषियों के विरुद्ध और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जायेगी। डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट में सस्पेंडेड अफसरों व कर्मियों के अलावा कुछ अन्य कर्मियों की भूमिका भी सामने आई है, जो सब कुछ जानते हुए भी लापरवाह बने रहे। गड़बड़ी की जानकारी सीनीयर अफसरों को नहीं दी। 

दिसंबर महीने में किराये पर लिया था कमरा
सोर्सेज  का कहना है कि डीआईजीजांच में सामने आया कि नवंबर माह से अब्बास जेल में वाइफ निखत से मिल रहा था। दिसंबर माह में निखत ने चित्रकूट में किराये का मकान लिया था। जिसके बाद निखत जेल के भीतर अब्बास के साथ रहने लगी और मोबाइल फोन का भी उपयोग हो रहा था।  जेल सुपरिटेंडेंट खुद को माफिया मुख्तार अंसारी के गिरोह से जान का खतरा होने का दबाव बताकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि जेल सुपरिटेडेंट व उनके किसी अधीनस्थ ने इसे लेकर कभी कोई जानकारी सीनीयर अफसरों से शेयर नहीं की। घटना से पहले अब्बास की जेल बदले जाने की कोई संस्तुति ही की गई।  पुलिस ने  10 फरवरी को जेल में रेड मारा, तब पूरा मामला सामने आया। पूरे मामले में जेल वार्डर जगमोहन सिंह की भूमिका बेहद गंभीर पाई गई है। आरोप है कि वह मुख्तार गैंग के कई सक्रिय सदस्यों के संपर्क में था। 

जेलकर्मियों की लापरवाही 
बागपत जेल में जब वर्ष 2018 में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई थी, तब जगमोहन बागपत जेल में ही तैनात था। हालांकि, जेल की फुटेज पुलिस द्वारा सील किए जाने की वजह से जांच अधिकारी उसे देख नहीं सके। जांच में कई जेल कर्मियों ने अपने बयानों में कई गंभीर बातें साझा की हैं, जिससे कई अन्य जेल कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है।

किये गये सस्पेंड
पुलिस कार्रवाई के बाद 11 फरवरी को डीआईजी जेल की आरंभ जांच में दोषी पाये गये गये। चित्रकूट जिला जेल के अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय, हेड जेल वार्डर मुलायम सिंह, जगदीश प्रसाद व जेल वार्डर जगमोहन सिंह, सत्येंद्र कुमार व अभय प्रताप सिंह को निलंबित किया गया था। जिसके बाद अब्बास अंसारी की जेल भी बदल दी गई थी। अब वह कासगंज जेल में निरुद्ध है।