Chhath Puja 2025: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सम्पन्न हुआ चार दिवसीय महापर्व
Chhath Puja 2025, छठ पूजा बिहार, छठ पूजा झारखंड, धनबाद छठ घाट, रागिनी सिंह छठ, पटना दीघा घाट, सूर्य अर्घ्य, लोक आस्था पर्व, छठ महापर्व समापन। धनबाद सांसद ढूलू महतो ने पीरटांड के खम्हारबाद घाट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। पत्नी सावित्री देवी के साथ कोयलांचल की खुशहाली की कामना की।
- बिहार-झारखंड में दिखा आस्था का अद्भुत नजारा
पटना/धनबाद। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही मंगलवार को चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया। बिहार और झारखंड के सभी जिलों में घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। कोयला राजधानी धनबाद, झरिया, सिंदरी, कतरास, निरसा से लेकर रांची और पटना तक छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास को तोड़ा।
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धनबाद सांसद ढूलू महतो ने पीरटांड में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया, परिवार संग की कोयलांचल की खुशहाली की प्रार्थना

धनबाद सांसद ढूलू महतो ने मंगलवार की सुबह छठ महापर्व के अंतिम दिन गिरिडीह जिले के पीरटांड प्रखंड स्थित अपने मामा घर खम्हारबाद में उदीयमान भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी सावित्री देवी भी साथ रहीं। सांसद दंपति ने माथे पर दउरा रखकर घाट तक पहुंचकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और कोयलांचल-लोहारचल क्षेत्रवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

सांसद ढूलू महतो ने इस अवसर पर कहा कि — “छठ महापर्व केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह प्रकृति के प्रति आभार, तप और संयम का प्रतीक है। यह हमें प्रकृति से जोड़ता है। इस पर्व की विशेषता यह है कि इसमें हम डूबते और उगते दोनों सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान सूर्यदेव के अस्ताचलगामी और उदीयमान स्वरूप की आराधना करते हैं।”अर्घ्य के पश्चात सांसद ने उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद वितरण भी किया।

झरिया विधायक रागिनी सिंह ने किया अर्घ्य अर्पित

झरिया विधायक रागिनी सिंह ने मंगलवार की सुबह अपने परिजनों संग भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। उन्होंने कोयलांचलवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा — “छठ महापर्व हमारी संस्कृति, आस्था और आत्मिक शुद्धता का प्रतीक है। यह पर्व समाज में एकता, सद्भाव और शांति का संदेश देता है।”

बेकारबांध के राजेंद्र सरोवर, धैया रानी तालाब, सरयाढेला, झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिंदरी, मैथन, पंचेत व चिरकुंडा समेत सभी छठ घाटों पर व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी। घाटों की साफ-सफाई और लाइटिंग की व्यवस्था धनबाद नगर निगम व जिला प्रशासन की ओर से की गयी थी।

धनबाद में प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था
धनबाद प्रशासन ने छठ पूजा को लेकर घाटों पर गोताखोर, पुलिस बल और मेडिकल टीम की तैनाती की थी। प्रमुख घाटों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी गई। सुरक्षा के साथ सेवा भाव का माहौल बना रहा। श्रद्धालुओं ने भक्ति संगीत और लोकगीतों के बीच सूर्य को अर्घ्य दिया।

मैथन डीवीसी प्रयोजना प्रमुख सुमन प्रसाद सिंह ने भी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया और कहा — “छठ पूजा पवित्रता, शांति और आत्मिक संतुलन का पर्व है, जो प्रकृति के साथ जुड़ाव का संदेश देता है।”
बिहार के घाटों पर उमड़ी श्रद्धा की बाढ़
बिहार की राजधानी पटना के दीघा घाट पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भी भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।औरंगाबाद के सूर्य मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा, वहीं सीतामढ़ी में महिलाओं ने दंड-प्रणाम करते हुए पूजा संपन्न की।
छठ पूजा: शुद्धता, संयम और भक्ति का संगम
छठ व्रत को सबसे कठिन और पवित्र व्रतों में गिना जाता है। इस व्रत में महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। छठ पूजा न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और पारिवारिक एकता का पर्व भी है। हर घाट पर व्रतियों और श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति, अनुशासन और आस्था की चमक नजर आई। सूर्य की पहली किरण के साथ ही घाटों पर “छठ मईया के जयकारे” गूंज उठे।






