Chhath Puja 2025: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने उमड़ा जनसैलाब, अब उदीयमान सूर्य का इंतजार
Chhath Puja 2025: झारखंड-बिहार के छठ घाटों पर उमड़ा जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। धनबाद में ढुल्लू महतो, बड़हिया में गिरिराज सिंह और विजय सिन्हा ने दी पूजा। अब उदीयमान सूर्य का इंतजार।
- लोक आस्था के महापर्व छठ पर पूरे झारखंड और बिहार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
- सांसद ढुल्लू महतो ने खम्हारबाद में दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
- जिला प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रहा
धनबाद//पटना। लोक आस्था और सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन सोमवार श्रद्धा, संयम और भक्ति के अद्भुत संगम का साक्षी बना। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए झारखंड और बिहार के छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। महिलाओं ने छठ गीतों की मधुर धुनों के साथ भगवान भास्कर की आराधना की, वहीं घाटों का वातावरण ‘कांच ही बांस के बहंगिया’ जैसे पारंपरिक गीतों से गूंज उठा।
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धनबाद में दिखा भक्तिभाव और प्रशासनिक सतर्कता का संगम
धनबाद के बेकारबांध राजेंद्र सरोवर, पंपु तालाब, मनईटांड, मटकुरिया विकास नगर तालाब, रानी बांध सहित 18 प्रमुख छठ घाटों पर हजारों व्रती और श्रद्धालु जुटे। सांसद ढुल्लू महतो ने गिरिडीह जिले के खम्हारबाद गांव स्थित अपने मामा घर से पूजा की दउरा लेकर छठ घाट पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सावित्री देवी भी मौजूद रहीं। उन्होंने परिवार व क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की।सांसद महतो ने कहा —“छठ केवल एक पर्व नहीं, यह प्रकृति और मानव के बीच आस्था का सेतु है। इसमें हम डूबते और उगते दोनों सूर्य की आराधना करते हैं — यह संतुलन और संयम का प्रतीक है।”

धनबाद प्रशासन की चौकस व्यवस्था
डीसी आदित्य रंजन के निर्देश पर इस वर्ष जिले में अभूतपूर्व सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था की गयी। छठ पूजा के अवसर पर 27 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे से 28 अक्टूबर को छठ पर्व की समाप्ति तक कार्यपालक दंडाधिकारी श्री रवींद्रनाथ ठाकुर एवं कार्यपालक दंडाधिकारी श्री लाल बालकिशोर नाथ शाहदेव के नतृत्व में जिला कंट्रोल रूम कार्यरत है। जिला कंट्रोल रूम का फोन नंबर 0326 – 2311217 तथा 0326 – 2311807 है।
62 गोताखोरों की तैनाती
हर घाट पर मेडिकल टीम
गहरे पानी से पहले बैरिकेडिंग
क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) की तैनाती
जिला कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय (फ़ोन: 0326–2311217 / 2311807)

झरिया एमएलए रागिनी सिंह ने अपने हसबैंड एक्स एमएलए संजीव सिंह, सास कुंती देवी, देवर सिद्धार्थ गौतम, गोति मिनी गौतम, ननद किरण सिंह व अन्य परिजनों के साथ सरायढेला धनबाद में सूर्यदेव सरोवर में अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया। पूजा अर्चना कर परिवार एवं समस्त कोयलांचल वासियों के सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
धनबाद, झरिया, पुटकी, गोविंदपुर, बलियापुर, निरसा, एगारकुंड, कलियासोल, तोपचांची, बाघमारा, टुंडी एवं पूर्वी टुंडी में क्विक रिस्पोंस टीम (कयूआरटी) एक्टिव है। जबकि धनबाद नगर निगम के कतरास, छाताटांड, धनबाद, झरिया, सिंदरी, बाघमारा अंचल तथा एगारकुंड, कलियासोल, पुटकी, तोपचांची, बलियापुर, निरसा, टुंडी, पूर्वी टुंडी, धनबाद, गोविंदपुर एवं चिरकुंडा नगर परिषद के महत्वपूर्ण तालाब व नदी किनारे स्थित छठ घाटों के लिए पदाधिकारी, पर्यवेक्षक एवं कर्मी प्रतिनियुक्त है।

छठ पर्व के अवसर पर सिविल सर्जन ने धनबाद अनुमंडल क्षेत्र अन्तर्गत सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक, पारा मेडिकल टीम तथा एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की है। साथ-साथ एगारकुंड, चिरकुंडा, रानी बांध पोद्दारडीह, टुंडी, तेतुलमारी, राजगंज सहित अन्य क्षेत्रों के छठ घाट पर मेडिकल टीम भी मौजूद है। धनबाद, झरिया तथा सिन्दरी के अग्निशमन पदाधिकारी अलर्ट मोड में है। सिविल सर्जन ने सभी अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवाओं को तैयार रखा। झरिया, गोविंदपुर, टुंडी, निरसा और पुटकी सहित प्रमुख घाटों पर एहतियाती उपाय किये गये।

डीसी आदित्य रंजन के निर्देश पर लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर लोगों की सुरक्षा के लिए जिले के छठ घाटों पर धनबाद वासियों ने पहली बार जिला प्रशासन की ऐसी व्यवस्था देखी। जिसमें जिले के प्रमुख छठ घाटों में जहां गोताखोर की टीम मुस्तैद रही, वहीं हर घाट पर मेडिकल टीम भी मौजूद रही। जिला नियंत्रण कक्ष के अलावा सभी अंचल एवं प्रखंड में क्विक रिस्पांस टीम एक्टिव रही। छठ व्रतियों की सुरक्षा के लिए छठ घाटों पर गहरे पानी से पहले बैरिकेडिंग की गयी।
लोक आस्था के महापर्व के अवसर पर छठ व्रतियों की सुरक्षा के लिए बेकारबांध के राजेंद्र सरोवर में 6, लोको टैंक में 3, खोखन तालाब 3, मनईटांड छठ तालाब 3, रानी बांध धैया 3, झरिया के राजा तालाब में 5, बिग बाजार के सामने सुगियाडीह तालाब 3, खुदिया नदी गोविंदपुर 1, छठ तालाब गोविंदपुर 2, विलेज रोड बड़ा तालाब गोविंदपुर 1, बड़ा जमुआ देवी मंडप के पास छठ तालाब 2, रानी तालाब पोद्दारडीह 3, पंचेत डैम के नीचे एमएच छठ घाट 1, खुदिया नदी छठ घाट दलदली 1, गोगना छठ घाट मैथन 6, राजा तालाब हरिहरपुर 6, सुंदर तालाब तथा नील कोठी तालाब पुटकी 4, लाल बंगला छठ घाट डूंगरी झरिया 5 एवं मोहलबनी छठ घाट में पांच सहित अन्य महत्वपूर्ण छठ घाटों पर गोताखोरों की तैनाती की गयी है।
डीसी आदित्य रंजन ने दी शुभकामनाएं
धनबाद डीसी ने जिलेवासियों को लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखें।
कल सुबह उदीयमान सूर्य को दिया जायेगा अंतिम अर्घ्य, फिर होगा पारण
चार दिवसीय अनुष्ठान — नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य — के बाद मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ व्रत पूरा होगा। इसके साथ ही लोक आस्था का यह पर्व संपन्न होगा।
बिहार में भी उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

बिहार की राजधानी पटना, लखीसराय, औरंगाबाद, बड़हिया, खुटहा, मालपुर, पिपरिया, पथुआ और कन्हरपुर सहित तमाम गंगा घाटों पर श्रद्धालु अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे।सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने परिवार के साथ छठ पर्व मनाया। और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़हिया स्थित अपने पैतृक आवास पर अर्घ्य दिया, जबकि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बड़हिया कॉलेज घाट पर भगवान भास्कर को जल अर्पित कर राज्य में खुशहाली की कामना की।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार आचार संहिता लागू होने के कारण गंगा घाटों के दौरे पर नहीं गए, लेकिन उन्होंने पहले ही घाटों की तैयारियों की समीक्षा की थी।
अब व्रतियों को उदीयमान सूर्य का इंतजार
तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अब व्रती मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास समाप्त होगा और पर्व का समापन पारण के साथ होगा। छठ व्रती ने कहा — “छठ लोक आस्था का सबसे पवित्र पर्व है। 36 घंटे का निर्जला व्रत कठिन होता है, पर छठी मइया से मनोकामना पूरी होने का विश्वास हमें ऊर्जा देता है।”
भक्ति और उल्लास का दृश्य
गंगा और तालाबों के घाटों पर महिलाएं पूजा अर्चना के बाद परिवार संग सेल्फी लेती दिखीं। पूरे राज्य में भक्ति, स्वच्छता और अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिला।बादलों के बीच जैसे ही सूर्य की किरणें झलकीं, श्रद्धालुओं ने “जय छठी मइया” के जयघोष से वातावरण गुंजा दिया।






