बिहार: आरजेडी ने MLC चुनाव के लिए 21 सीटों पर कैंडिडेट तय किये,  महागठबंधन टूटा, तेजस्वी ने कहा-अपने बूते लड़ेंगे चुनाव

बिहार में स्थानीय निकाय कोटे  से एमएलसी के लिए 25 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में आरजेडी-कांग्रेस का महागठबंधन बिखर गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने दो टूक कहा है कि सेंट्रल में कांग्रेस के साथ है। बिहार में अभी ऐसा कोई चुनाव नहीं है। वामदलों के साथ वह अपने बूते पर एमएलसी चुनाव लड़ेंगे।

बिहार: आरजेडी ने MLC चुनाव के लिए 21 सीटों पर कैंडिडेट तय किये,  महागठबंधन टूटा, तेजस्वी ने कहा-अपने बूते लड़ेंगे चुनाव
  • आरजेडी प्रवक्ता ने कहा:लालू-तेजस्वी के कंधे पर चढ़कर जीते थे कांग्रेस के 19 MLA
  • सीटें प्रसाद नहीं जो कांग्रेस को बांट दें

पटना। बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी के लिए 25 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में आरजेडी-कांग्रेस का महागठबंधन बिखर गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने दो टूक कहा है कि सेंट्रल में कांग्रेस के साथ है। बिहार में अभी ऐसा कोई चुनाव नहीं है। वामदलों के साथ वह अपने बूते पर एमएलसी चुनाव लड़ेंगे।

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वहीं बिहार आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सीट कोई सत्यनारायण भगवान का प्रसाद नहीं है जो जैसे-तैसे सबको बांट दिया जाए। कांग्रेस की जिद के कारण उपचुनाव में दोनों सीटों पर नुकसान हुआ है। कांग्रेस को कितना वोट मिला उनकी हैसियत इसी से पता चलता है।मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में तेजस्वी यादव ने प्रत्याशी तय कर दिया है। सभी प्रत्याशियों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। कांग्रेस हाय तौबा ना मचाए।
आरजेडी व वामदलों ने एमएलसी चुनाव के लिए तय किये 22 कैंडिडेट
आरजेडी और वामदलों ने मिलकर एमएलसी की 24 सीटों में से 22 के लिए कैंडिडेट के नाम तय कर लिए हैं। शेष सीटों पर विचार भी लास्ट फेज में है। राबड़ी देवी (Ex CM Rabri Devi) शनिवार को पटना लौट आई हैं। अगले एक-दो दिनों में तेजस्वी और राजश्री यादव पटना आने वाले हैं। उसके बाद वामदलों के साथ एमएलसी कैंडिडेट का संयुक्त एलान कर दिया जायेगा। 

भोजपुर से अनिल और दरभंगा से उदय शंकर होंगे कैंडिडेट

पटना से कार्तिकेय सिंह, भोजपुर-बक्सर से अनिल सम्राट, गया-जहानाबाद से रिंकू यादव, रोहतास-कैमूर से कृष्ण कुमार सिंह, औरंगाबाद से अनुज कुमार सिंह, सारण से सुधांशु रंजन, सिवान से विनोद जायसवाल, दरभंगा से उदय शंकर यादव, पूर्वी चंपारण से बब्लू देव, मुजफ्फरपुर से शंभु सिंह, वैशाली से सुबोध कुमार, मुंगेर-जमुई से अजय सिंह, कटिहार से कुंदन कुमार, सहरसा-मधेपुरा से डा. अजय कुमार सिंह, मधुबनी से मो. मेराज, पश्चिम चंपारण से सौरभ कुमार, सीतामढ़ी-शिवहर से खब्बू खिरहर, बेगूसराय-खगड़िया से मनोहर यादव का नाम तय हो चुका है।भागलपुर से सीपीआइ के संजय यादव प्रत्याशी होंगे। गोपालगंज में दिलीप सिंह व सुनील सिंह की दावेदारी पर विचार चल रहा है। नालंदा में पहले से विजय यादव तय थे, लेकिन अभी अंतिम तौर पर सहमति नहीं बन पाई है। नवादा में राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव और भाई विनोद यादव में किसी एक को उतारा जा सकता है। समस्तीपुर से तीन दावेदार हैं, जिनमें रोमा भारती का नाम आगे चल रहा है। पूर्णिया में किसी मुस्लिम प्रत्याशी पर विचार किया जा रहा है। 
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सभी सीटों पर उतरने वाले प्रकैंडिडेट की घोषणा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक फरवरी को ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे। हालांकि, तय कैंडिडेट को चुनाव की तैयारियों के लिए मौखिक तौर पर कह दिया गया है।आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि कुछ सीटों पार प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है।अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेना है। सभी सीटों के प्रत्याशियों की औपचारिक घोषणा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अगले दो-तीन दिन में करेंगे। फिलहाल राजद पूरी तरह महागठबंधन धर्म का पालन कर रहा है। हम कांग्रेस को केंद्र में अपना अगुवा मानते हैं। बिहार में राजद अगुवा है। यह पहले से तय और सर्वविदित है। महागठबंधन एकजुट हो कर लड़ेगा।

कांग्रेस का छह सीटों पर दावा
बिहार में जुलाई 2021 से एमएलसी की 24 सीटें खाली हैं। इनमें स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से कार्यकाल पूरा करने वाले 19 एमएलसी हैं। तीन एमएलसी चुनाव लड़कर एमएलए बन चुके हैं। दो सीटें एमएलसी के निधन से खाली हो गईं हैं। पिछली बार 24 सीटों पर महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू ने मिलकर लड़ा था। आरजेडी व जेडीयू ने 10-10 सीटों पर तो कांग्रेस ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था।कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने सीट शेयरिंग फॉर्मूला का सुझाव देते हुए कहा था कि महागठबंधन छोड़ चुके जेडीयू कोटे की 10 सीटें महागठबंधन के सभी घटक दल आपस में बांट लें।विधानसभा में कांग्रेस के पास 19 सीटें हैं। इस आधार पर सीट शेयरिंग के तहत कांग्रेस का 20 प्रतिशत सीटों पर दावा था, जो विधान परिषद में दो सीटें होती हैं। सीटिंग चार सीटों को जोड़ कर कांग्रेस कुल छह सीटें मांग रही थी।