बिहारः गांव से निकल 16 साल बाद 'किंग' बनकर लौटे महेंद्र प्रसाद, 2018 में राज्यसभा सदस्यों में सबसे अमीर थे किंग महेंद्र 

सात हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति और आरिस्टो फार्मास्युटिकल समेत कई कंपनियों के मालिक राज्यसभा सदस्य महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र जहानाबाद के गोविंदपुर (ओकरी) गांव के रहने वाले थे।

बिहारः गांव से निकल 16 साल बाद 'किंग' बनकर लौटे महेंद्र प्रसाद, 2018 में राज्यसभा सदस्यों में सबसे अमीर थे किंग महेंद्र 

पटना। सात हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति और आरिस्टो फार्मास्युटिकल समेत कई कंपनियों के मालिक राज्यसभा सदस्य महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र जहानाबाद के गोविंदपुर (ओकरी) गांव के रहने वाले थे। उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता।  कुछ कर दिखाने की जिद ने उन्हें वहां पहुंचा दिया, जिसकी कल्पना उन्होंने स्वयं भी कभी नहीं की थी। 

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पटना यूनिवर्सिटी से बीकाम की पढ़ाई पूरी करने के बाद लगभग 25 वर्ष की उम्र में महेंद्र प्रसाद 1964 में गरीबी और गांव के लोगों के ताने से ऊबकर घर से निकले थे। लगभग डेढ़ दशक बाद जब वह वापस लौटे तो सब कुछ बदल चुके थे। महेंद्र प्रसाद  किंग महेंद्र बन चुके थे। एडीआर की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार राज्यसभा सदस्यों में किंग महेंद्र सबसे अमीर थे। महेंद्र के बाद अमिताभ बच्चन की पत्नी एमपी जया बच्चन का नंबर आता है। 

1980 में जब पहली बार कांग्रेस के टिकट पर जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़े

महेंद्र प्रसाद 1980 में जब पहली बार कांग्रेस का टिकट लेकर जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने आये तो सबको अहसास हुआ कि उनका महेंद्र अब किंग बन गया है। तब उनके परिजनों और आसपास के लोगों ने गाड़ियों का लंबा काफिला और महेंद्र का राजा जैसा रुतबा पहली बार देखा था। किंग महेंद्र के पिता वासुदेव सिंह अति साधारण किसान थे, लेकिन बच्चों को पढ़ाने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी। महेंद्र का पटना यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराया। उन्होंने वहां से बीकाम किया।

महेंद्र प्रसाद अच्छी नौकरी के लिए महेंद्र इधर-उधर भटकते रहे। कुछ दिन दवा की एक दुकान में काम भी किया। महेंद्र ने ब्लाक स्तर की राजनीति में भी हाथ आजमाए, लेकिन गरीबी के कारण उपेक्षा ही झेलनी पड़ी। महत्वाकांक्षा बड़ी थी। इसलिए छोटी नौकरी करना नहीं चाहते थे। दोस्तों ने शिक्षक बनने की सलाह दी, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया। बिना किसी को बताये गांव से निकलकर मुंबई चले गये। यह महेंद्र प्रसाद का अज्ञातवास था।

आरिस्टो फार्मास्युटिकल लिमिटेड की स्थापना

मुंबई में महेंद्र अपने ही जिले के साथी संप्रदा सिंह के साथ दवा कंपनी में काम करने लगे। उन्होंने 31 साल की उम्र में 1971 में अपनी कंपनी आरिस्टो फार्मास्युटिकल लिमिटेड की नींव रखी। इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हजारों करोड़ कमाये। हजारों लोगों को रोजगार दिया। उनकी अन्य कंपनियों में माप्रा लेबोरेटरीज और इंडेमी हेल्थ स्पेशलिटीज शामिल हैं। किंग महेंद्र का बिजनस लगभग 20 देशों तक फैला है। वियतनाम, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश में भी उनकी कंपनी का कारोबार है। भोपाल के मंडीदीप, मुंबई, गोवा, हिमाचल प्रदेश, हैदराबाद, दमन और सिक्किम में उनकी फैक्ट्रियां चल रही हैं। 
राज्यसभा में सबसे अमीर एमपी
एडीआर की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार राज्यसभा सदस्यों में किंग महेंद्र सबसे अमीर हैं। उनके पास चार हजार करोड़ से अधिक की चल संपत्ति है। दूसरे नंबर पर जया बच्चन हैं, जिनके पास एक हजार करोड़ रुपये हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए 13 मार्च 2018 को पर्चा दाखिल करते समय किंग महेंद्र ने अपने शपथ पत्र में चार हजार 10 करोड़ की चल संपत्ति बताई थी। दिल्ली एवं मुंबई के विभिन्न बैंकों में 2239 करोड़ रुपये जमा होने का ब्योरा भी दिया था।