Bihar : बिहार केशरी पहलवान विवेकानंद सिंह का निधन, विवेका पहलान का अनंत सिंह से था खास रिश्ता
बिहार के प्रसिद्ध पहलवान विवेकानंद सिंह उर्फ विवेका पहलवान का दो अप्रैल बुधवार की देर रात पटना के आरोग्य हॉस्पिटल में निधन हो गया। विगत 27 मार्च को हार्ट अटैक के बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। बिहार केशरी विवेका पहलवान के निधन से खेल जगत और उनके प्रशंसकों में शोक व्याप्त है।

पटना। बिहार के प्रसिद्ध पहलवान विवेकानंद सिंह उर्फ विवेका पहलवान का दो अप्रैल बुधवार की देर रात पटना के आरोग्य हॉस्पिटल में निधन हो गया। विगत 27 मार्च को हार्ट अटैक के बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। बिहार केशरी विवेका पहलवान के निधन से खेल जगत और उनके प्रशंसकों में शोक व्याप्त है।
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‘बिहार केसरी’ का सफर और कई उप्लब्धियां
विवेकानंद सिंह बिहार के दिग्गज पहलवानों में से एक थे। अपनी कुश्ती प्रतिभा के दम पर उन्होंने राज्य और देश में पहचान बनायी। ‘बिहार केसरी’ की उपाधि से सम्मानित किये गये। उन्होंने अपने कुश्ती करियर में कई प्रतिष्ठित मुकाबले जीते और बिहार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया।
गांव में दी गयी अंतिम विदाई, खेल जगत ने जताया शोक
पहलवान विवेकानंद सिंह के पार्थिव शरीर को तीन अप्रैल को बाढ़ में उनके पैतृक गांव लदमा ले जाया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने पहलवान का अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजिल दी। उनके निधन पर राज्य के खेल और सामाजिक संगठनों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार तीन अप्रैल को बाढ़ के नदावा गंगा तट पर किया गया। बड़ी संख्या में लोगों से अंतिम यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि दी।
राजनीति से भी गहरा नाता था पहलवान का
विवेकानंद सिंह मोकामा के एक्स बाहुबली विधायक अनंत सिंह के भाई थे, जिससे उनका राजनीति से भी गहरा नाता रहा। खेल जगत से इतर वे सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। उनके निधन से बिहार ने एक महान खिलाड़ी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खो दिया है। मोकामा की एमएलए नीलम देवी ने विवेका पहलवान के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार केसरी श्री विवेका पहलवान जी के निधन से मन व्यथित है। काफी समय से इलाजरत थे, उन के निधन से ना केवल बाढ़, मोकामा अपितु पूरे बिहार ने एक महान पहलवान और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खो दिया। उनका जीवन संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की मिसाल था।ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और इस कठिन समय में हम पारिजनों समेत हर एक सदस्यों को संबल प्रदान करें। उनके योगदान और विरासत को हमेशा याद किया जायेगा।
अनंत सिंह से कई दशकों तक चली थी पहलवान की अदावत
विवेका पहलवान का एक्स बाहुबली एमएलए अनंत सिंह से कई दशकों दुशमनी तक चली। खून-खराबे में दोनों ने अपने कई लोगों को खोया। दोनों आपस में गोतिया (रितेदार) थे। एक दौर था जब टाल क्षेत्र में इन दोनों की आपसी रंजिश और गैंगवार से दहशत मेंरहता था। एक बार विवेका पहलवान ने अनंत सिंह के शरीर में गोली भी उतरवा दी थी, हालांकि उनकी जान बच गई थी। यह मनी दशकों तक चली और कई बार गैंगवार हुए, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग मारे गये। विवेक पहलवान कुती खेलते थे, उहोंने बिहार केसरी का खिताब भी जीता था। मोकामा और आसपास के टाल क्षेत्र में वर्चस्व कायम रखने के लिए विवेका पहलवान और अनंत सिंह के बीच टकराव होता रहा।
अनंत सिंह के भाई की मर्डर से शुरुआत हुआ था गैंगवार
अनंत सिंह के बड़े भाई विरंची सिंह की वर्ष1986 में मर्डर कर दी गयी। इसके बाद सेदोनों गैंग के बीच खून-खराबा शु्रु हो गया। छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह मोकामा से एमएलए बन गये। वहीं, विवेका पहलवान ने भी अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित कर खुद को मजबूत किया। विभिन्न पार्टियों के प्रमुख नेताओं से उनके भी करीबी रिश्ते रहे।
विवेका पहलवान के करीबी रहे संजीत पहलवान की 2006 में पटना के बेऊर में गोली मारकर मर्डर कर दी गयी। अनंत सिंह के गैंग पर मर्डर का शक हुआ। इससे दोनों गैंग के बीच तनाव और बढ़ गया। वर्ष 2009 में लदमा गांव मेंफिर से खून-खराबा हुआ। अनंत सिंह के घर में घुसकर विवेका पहलवान ने हमला बोल दिया। उनके भाई संजय सिंह ने अनंत सिंह के शरीर में गोली उतार दी। गंभीर रुप से घायल अनंत को ठेलेपर लादकर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज से उनकी जान बच गयी। इशी वर्ष संजय की पटना में मर्डर कर दी गयी जिसमें तो अनंत सिंह का नाम उसमें उछला।
एके-47 रखने में अनंत समर्थकों को विवेका गुट पर था शक
लदमा स्थित पैतृक घर से एके-47 जैसे खतरनाक आर्म्स बरामद होने पर अनंत सिंह जेल गये। उनके समर्थकों को संदेह था कि विवेका पहलवान ने ही साजिश के तहत उन्हें फंसाने के लिए यह एके-47 घर में रखवाया था। अनंत सिंह और विवेका पहलवान के बीच 80 के दशक में शुरु हुई दुशमनी वर्ष 2020 तक चली। इस दौरान दोनों पक्षों से दो दर्जन लोग मारे गये। हालांकि, समय के साथ हालात बदलेऔर दोनों के रितों में नरमी भी आई। जेडीयू के कद्दावर लीडर व मुंगेर एमपी ललन सिंह की मध्यस्थता से दोनों के बीच सुलह हुई। विगत वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह सजा के कारण जेल में बेद थे। मोकामा से चुनाव लड़ रही अनंत सिंह की वाइफ को विवेका पहलवान ने अभिभावक ती तरह साथ रह मदद कर जीताने में अहम रोल निभायी। 2024 के लोकसभा चुनाव में अनंत सिंह ने मुंगेर से लड़े ललन सिंह को अपना सपोर्ट दिया और वे जीते भी।