Bihar: बंगाली कालोनी में बनाया गया था तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो, मनीष कश्यप समेत चार पर नई FIR

मिलनाडु में बिहारी श्रमिकों के साथ कथित हिंसा की जांच कर रही पुलिस को बरगलाने के लिए पटना के जक्कनपुर पुलिस स्टेशन एरिया के बंगाली कालोनी के किराये के मकान में फर्जी वीडियो शूट किया गया था। इस वीडियो में अनिल कुमार और आदित्य कुमार मरहम-पट्टी लगाकर नकली मजदूर बने थे। वीडियो को राकेश रंजन ने छह मार्च को यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था जिसे आठ मार्च को यूट्यूबर मनीष कश्यप ने ट्वीट कर प्रसारित कर दिया था।इस मामले में बिहार पुलिस की ईओयू ने शुक्रवार को राकेश रंजन कुमार, मनीष कश्यप और उसके दो सार्थियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

Bihar: बंगाली कालोनी में बनाया गया था तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो, मनीष कश्यप समेत चार पर नई FIR
जांच टीम ने कहा- वायरल हो रहे सारे वीडियो फर्जी।
  • एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा-मनीष के खिलाफ सात कांड मामले हैं दर्ज
  •  पुलिस पर हमला करने और सांप्रदायिक पोस्ट के मामले में है फरार

पटना। तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों के साथ कथित हिंसा की जांच कर रही पुलिस को बरगलाने के लिए पटना के जक्कनपुर पुलिस स्टेशन एरिया के बंगाली कालोनी के किराये के मकान में फर्जी वीडियो शूट किया गया था। इस वीडियो में अनिल कुमार और आदित्य कुमार मरहम-पट्टी लगाकर नकली मजदूर बने थे। वीडियो को राकेश रंजन ने छह मार्च को यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था जिसे आठ मार्च को यूट्यूबर मनीष कश्यप ने ट्वीट कर प्रसारित कर दिया था।इस मामले में बिहार पुलिस की ईओयू ने शुक्रवार को राकेश रंजन कुमार, मनीष कश्यप और उसके दो सार्थियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

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वीडियो बनाकर अपलोड करने वाले राकेश रंजन को गोपालगंज से अरेस्ट कर पटना लाया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।राकेश ने वीडियो बनाने की बात स्वीकार की है। मकान मालिक के द्वारा भी इसकी पुष्टि की गई है। वीडियो बनाने के लिए लाल दवा, पट्टी पास की दवा दुकान से खरीदी गई थी।पुलिस हेडक्वार्टर के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि इस तमिलनाडु प्रकरण में अब तक दो एफआइआप दर्ज की जा चुकी हैं।पहली एफआइआर में फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में चार अभियुक्तों पर नामजद दर्ज की गई थी। इसमें अमन कुमार को पहले ही जमुई से अरेस्ट कर लिया गया था।अब यूट्यूब चैनल चलाने वाले दूसरे अभियुक्त राकेश तिवारी को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। इस मामले में दो अन्य अभियुक्त मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत नोटिस देने के बाद भी पुलिस के समक्ष हाजिर नहीं हुए। पुलिस ने अब दोनों के विरुद्ध वारंट जारी करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मनीष कश्यप आदतन अपराधी: पुलिस
ईओयू की दोनों ही एफआइआर में नेम्ड एक्युज्ड मनीष कश्यप पर गिरफ्तारी की तलावार लटक रही है। एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि मनीष कश्यप आदतन अपराधी है। इसके विरुद्ध पहले से सात कांड दर्ज हैं। पुलिस पर हमला करने और सांप्रदायिक पोस्ट करने के मामले में वह फरार है।पुलवामा घटना के बाद पटना के लहासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों को पीटने के मामले में वह जेल भी जा चुका है। इसी तरह भोजपुर के नारायणपुर का युवराज भी गोलीबारी के कांड में तीन माह से फरार है।

तमिलनाडु पुलिस ने दर्ज किये 13 मामले, यूपी-दिल्ली जाकर भी करेगी जांच
पुलिस हेडक्वार्टर के अनुसार, बिहारी श्रमिकों पर हमले से जुड़ा फर्जी वीडियो प्रसारित किए जाने के मामले में तमिलनाडु पुलिस ने भी अलग-अलग जिलों में 13 मामले दर्ज किये हैं। एक टीम ने बिहार आकर बिहार पुलिस से भी संपर्क किया। भोजपुर के युवराज सिंह राजपूत पर तमिलनाडु के कोयम्बटूर में भी फर्जी वीडियो पोस्ट करने को लेकर कांड दर्ज किया गया है। तमिलनाडु पुलिस की टीम इस प्रकरण की जांच के लिए उत्तरप्रदेश, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी जाकर पूछताछ करेगी।

फर्जी खबरें चलाने वाले यूट्यूब चैनल हो सकते हैं बैन
फर्जी खबरें और वीडियो प्रसारित करने वाले यूट्यूब और फेसबुक चैनलों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि यूट्यूब व फेसबुक पर चल रहे चैनलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह आवश्यक है कि सही परिप्रेक्ष्य में खबरें प्रसारित की जाएं। किसी भी घटना पर पुलिस या संबंधित व्यक्ति का पक्ष भी हो।भ्रामक और झूठे वीडियो व खबरें प्रसारित करने वाले ऐसे यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है।
तमिलनाडु से बिहार लौटी जांच टीम, कहा- वायरल हो रहे सारे वीडियो फर्जी

बिहारी श्रमिकों पर कथित हमले की जांच कर तमिलनाडु से लौटी जांच टीम ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो और खबरों को फर्जी बताया है। बिहार के अफसरों की चार सदस्यीय टीम में शामिल ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरुगन डी, सीआइडी के आइजी पी कन्नन, श्रम आयुक्त आलोक कुमार और एसटीएफ के एसपी संतोष कुमार ने शुक्रवार को सूचना भवन में संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि तमिलनाडु में स्थिति सामान्य है। टीम का नेतृत्व कर रहे बाला मुरुगन ने बताया कि जांच दल ने चार से सात मार्च तक चेन्नई, कोयंबटूर और त्रिपुर जिलों का दौरा किया। इस दौरान जिलों के कलेक्टर, एसपी, राजस्व पदाधिकारी के साथ औद्योगिक संघ, श्रमिक यूनियन और किसान संगठन से जुड़े लोगों से भी बातचीत की गई। तमिलनाडु में काम करने गए श्रमिकों के साथ-साथ बिहारी उद्यमियों से भी संवाद कर स्थिति की जानकारी ली गई।

हेल्पलाइन नंबर पर कम होने लगीं शिकायतें
बिहार के अफसरों की टीम ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य सीनीयर अफसरों के साथ भी बैठक की। सभी ने बातचीत में स्थिति को सामान्य बताया है।फर्जी वीडियो प्रसारित करने का उद्देश्य क्या था, इस बाबत पूछे जाने पर आइएएस अधिकारी बाला मुरुगन ने कहा कि इसको लेकर अनुसंधान जारी है।जांच टीम ने बताया कि जब भ्रामक और फर्जी वीडियो प्रसारित किए गए तो अफवाहों को रोकने और सही जानकारी देने के लिए तमिलनाडु पुलिस के द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था। चार मार्च को इन हेल्पलाइन नंबरों पर लगभग 740 कॉल आईं। इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस के द्वारा वीडियो संदेश जारी किया गया, जिसके बाद धीरे-धीरे कॉल की संख्या घटने लगी। पांच मार्च को 632 कॉल आईं तो छह मार्च को 364 कॉल की गईं। 10 मार्च को महज 13 कॉल ही आए। इससे स्पष्ट है कि अब पैनिक कम हो गया है और स्थिति सामान्य हो चुकी है।

टीम ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट
बिहारी कामगारों पर कथित हमले की जांच के लिए तमिलनाडु गई टीम ने पटना लौटकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। ग्रामीण विभाग के सचिव बाला मुरुगन डी के नेतृत्व में टीम तमिलनाडु गई थी। विशेष दल ने मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी कि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित घटना इस संदर्भ में नहीं घटी। सभी प्रसारित वीडियो गलत पाए गए। विशेष दल ने यह भी बताया कि चार मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के स्तर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अतिथि श्रमिकों को उनकी सुरक्षा का भी आश्वासन दिया गया। अब लोग यह समझ रहे हैं कि प्रसारित वीडियो भ्रामक है। गलत और भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए तमिलनाडु सरकार के अधिकारी कड़े कदम उठा रहे हैं।