Bihar Election 2020: एक्स डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे्य को झटका, जेडीयू व बीजेपी किसी ने नहीं दिया टिकट,बोले- संघर्ष में बीता मेरा जीवन

बिहार के डीजीपी पोस्ट से वीआरएस लेकर जेडीयू ज्वाइन करने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को राजनीति में बड़ा झटका लगा है। जेडीयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया है।

Bihar Election 2020: एक्स  डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे्य को झटका, जेडीयू व बीजेपी किसी ने नहीं दिया टिकट,बोले- संघर्ष में बीता मेरा जीवन
गुप्तेश्वर पांडे्य (फाइल फोटो)।
  • न माया मिली ने राम
  • फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'कृपया धीरख रखें और मुझे फोन नहीं करें

पटना। बिहार के डीजीपी पोस्ट से वीआरएस लेकर जेडीयू ज्वाइन करने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को राजनीति में बड़ा झटका लगा है। जेडीयू ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। जेडीयू ने अपनी सभी 115 कैंडिडेट का एलान कर दिया है। बीजेपी ने भी फस्ट फेज के लिए 29 कैंडिडेट का एलान कर दिया है। बीजेपी ने बक्सर से पशुराम चतुर्वेदी को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने ब्रह्मपुर सीट मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी (VIP) को दे चुकी है। एक्स डीजीपी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे्य बक्सर या ब्रह्मपुर से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी की थी। 


11 साल पहले भी खा गये थे मात
डीजीपी पोस्ट से वीआरएस लेनेवाले गुप्तेश्वर पाण्डेय को एक बार फिर चूक गए। उनके साथ दूसरी बार ऐसा हुआ है। 1987 बैच के आईपीएस अफसर रहे गुप्तेश्वर पाण्डेय ने राजनीति में इससे पहले भी उतरने की कोशिश की थी। आईजी रहते उन्होंने 2009 में वीआरएस लिया था। बताया जाता है कि वह बक्सर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे पर टिकट कंर्फ्म नहीं हुआ। बाद में उन्होंने वीआरएस वापस ले लिया। दूसरी बार चुनावी राजनीति में उतरने के लिए उन्होंने डीजीपी का पद छोड़ दिया। सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जदयू की सदस्यता भी ली। उनके बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें काफी दिनों से थी।यह सीट जदयू की बजाए भाजपा के खाते में रह गई। उनके बीजेपी प्रत्याशी होने की उम्मीद जतायी जा रही थी। बीजेपी ने यहां कैंडिडेट की घोषणा कर संभावना पर विराम लगा दिया। 

वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से भी टूटी आस
विधानसभा चुनाव के टिकट नहीं मिलने पर कयास लगाये जा रहे थे कि उन्हें वाल्मीकिनगर लोकसभा उपचुनाव से जेडीयू उम्मीदवार बनाये। लेकिन जेडीयू ने वाल्मीकि नगर से दिवंगत एमपी वैद्यनाथ प्रसाद महतो के छोटे बेटे सुनील कुमार कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है।

बोले- संघर्ष में बीता मेरा जीवन
गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक पोस्ट कर लिखा है कि मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। एक्स डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बुधवार की रात फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवा मुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश-निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा।'
उन्होंने लिखा, 'कृपया धीरख रखें और मुझे फोन नहीं करें। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी बड़े-छोटे, भाई-बहनों और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम। अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।'उनके समर्थक उन्हें फोन कर पूछ रहे हैं कि टिकट का क्या हुआ। समर्थकों के फोन से गुप्तेश्वर पांडेय परेशान हो गये हैं। उसके बाद फेसबुक पर उन्होंने सफाई दी है और समर्थकों से धीरज रखने के लिए कहा है।