बिहार: पदभार ग्रहण करने के तत्काल बाद एजुकेशन मिनिस्टर मेवालाल चौधरी का इस्तीफा, भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज है एफआइआर

बिहार के एजुकेशन मिनिस्टर मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को ही 12.00 बजे पदभार ग्रहण किया था। उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सीएम ने मेवालाल का इस्तीफा तत्काल गवर्नर भी भेज दिया। गवर्नर ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए सीएम की अनुशंसा पर अशोक चौधरी को शिक्षा विभाग का प्रभार दे दिया है।

बिहार: पदभार ग्रहण करने के तत्काल बाद एजुकेशन मिनिस्टर मेवालाल चौधरी का इस्तीफा, भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज है एफआइआर

पटना। बिहार के एजुकेशन मिनिस्टर मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को ही 12.00 बजे पदभार ग्रहण किया था। उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सीएम ने मेवालाल का इस्तीफा तत्काल गवर्नर भी भेज दिया। गवर्नर ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए सीएम की अनुशंसा पर अशोक चौधरी को शिक्षा विभाग का प्रभार दे दिया है।
मेवालाल ने बुधवार को सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने सबकुछ ठीक होने की बात कही थी। आज पदभार संभालने के बाद वे दोबारा सीएम नीतीश कुमार से मिले थे। इसके बाद दोपहर इस्तीफा दे दिया। तारापुर से निर्वाचित जेडीयू एमएलए डॉ मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया था
बिहार कृषि विवि में भ्रष्टाचार के आरोप
राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वह भागलपुर कृषि यूनिवसर्सिटी के वीसी थे। वर्ष 2015 में रिटायर के बाद पॉलिटिक्स में आये। इसके बाद जेडीयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किये गये।भागलपुर सबौर कृषि यूनिवर्सिटी में वर्ष 2012 में 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में योग्य अभ्यर्थियों को नजरअंदाज कर अयोग्य की बहाली कर ली गई थी। इसलके बाद फर्जीवाड़ा सामने आया था। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास किए बिना भी नौकरी दे दी गई।  जिस समय बहली में फरजीवाड़ा हुआ था उस समय मेवालाल यूनिवर्सिटी वीसी थे।

नियुक्ति में पात्रता और प्रावधानों की अवहेलना की गई। आरोप यह भी है कि जिनका एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतर था, उन्हें इंटरव्यू के लिए आवंटित 10-10 अंकों में कम नंबर देकर छांट दिया गया। कमजोर अभ्यर्थियो को पूरा मार्क्स देकर अवैध तरीके से नियुक्त कर लिया गया। धांधली के खिलाफ के कैंडिडेट ने सूचना के अधिकार के तहत मेधा सूची निकाली तो पर्दाफाश हुआ। पीएम से कंपलेन गई। इस बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन गवर्नर रामनाथ कोविंद से रिपोर्ट मांगी गई। गवर्नर ने एक्शन लिया तो जांच आगे बढ़ी। मामले में वर्ष 2017 में सबौर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर IPC की 409, 420, 467, 468, 471 और 120B धारा में मेवालाल चौधरी समेत अन्य आरोपी है। मेवालाल अभी बेल पर हैं। 

इस्तीफा देने से  पहले अपने उपर लगाये गये आरोप को बेबुनियाद कहा था


मेवालाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि मेरे ऊपर कोई चार्जशीट नहीं है। उन्होंने कहा था कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में संलिप्त नहीं रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा था कि अभी तक उनपर किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में उन्हें कैसे आरोपित बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पत्नी की मौत के लिए मुझे जिम्मेदार बताने वालों पर मानहानि का मुकदमा करेंगे। जिस आईपीएस अधिकारी ने यह आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ 50 करोड़ रुपये का मानहानि का केस कर रहा हूं। मेरे खिलाफ कोई तथ्य नहीं है जिसकी जांच की बात हो। 

ट्विटर पर वायरल हुआ वीडियो

मेवालाल का ट्विटर पर एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें वे झंडोतोलन के बाद राष्ट्रगान गाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में मेवालाल चौधरी राष्ट्रगान की सही पंक्तियां नहीं गा पा रहे हैं। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति और विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने खुद अपने ट्विटर अकॉउंट से इस वीडियो को अपलोड किया है। 

सुशासन बाबू कैबिनेट के इस्तीफा देनेवाले तीसरे मिनिस्टर
उल्लेखनीय कि मेवालाल चौधरी बिहार सरकार के तीसरे ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में काम करने के तुरंत बाद इस्तीफा दिया है। इसके पहले जीतन राम मांझी और मंत्री के रूप में कामकाज संभाले आरएन सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद इस्तीफा दे दिया था।

पत्नी की डेथ केस में पूछताछ की मांग
मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं। वह जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं। 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयीं। वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी। एक एक्स आईपीएस अफसर ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की है। इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा है।