बिहार: पिता के गढ़ में पहुंचे चिराग ने चाचा को दिखाई ताकत,कहा- पापा की कर्मभूमि है हाजीपुर, आशीर्वाद का हाथ सर से मत उठने दीजियेगा

लोक जनशक्ति पार्टी(LJP) में  टूट के बाद चुनाव चिह्न (बंगला) पर कब्जे की लड़ाई संसद और चुनाव आयोग के बाद सोमवार को बिहार की जमीन पर उतर गई। एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर पशुपति कुमार पारस व चिराग पासवान (चाचा-भतीजा)) ने अलग-अलग समारोह आयोजन शक्ति प्रदर्शन किया।

बिहार: पिता के गढ़ में पहुंचे चिराग ने चाचा को दिखाई ताकत,कहा- पापा की कर्मभूमि है हाजीपुर, आशीर्वाद का हाथ सर से मत उठने दीजियेगा
  • नीतीश कुमार पर भी जमकर बरसे,दलित विरोधी मानसिकता रखते हैं सीएम
  • रामविलास की आत्म की शांति के लिए मैंने लिया फैसला, चिराग के आचरण से आहत हुआ: पारस
  • अमित शाह ने की पारस से बात, मोदी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा तेज

पटना। लोक जनशक्ति पार्टी(LJP) में  टूट के बाद चुनाव चिह्न (बंगला) पर कब्जे की लड़ाई संसद और चुनाव आयोग के बाद सोमवार को बिहार की जमीन पर उतर गई। एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर पशुपति कुमार पारस व चिराग पासवान (चाचा-भतीजा)) ने अलग-अलग समारोह आयोजन शक्ति प्रदर्शन किया।

चिराग ने विरासत पर हक के लिए आशीर्वाद यात्रा निकाला। वहीं चाचा ने भाई की जंयती मनाकर अपना अधिकार जताया। बंगला पर कब्जा के लिए सोमवार को हुए शक्ति प्रदर्शन में चाचा पर भतीजा भारी पड़ा।अपने पिता की कर्मभूमि व चाचा पारस के संसदीय क्षेत्र में हुंकार भरी। चिराग ने चाचा के साथ-साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर भी जमकर हमला बोला।

पापा के गुजरे नौ महीने भी नहीं हुए कि मेरे चाचा ने खंजर भोंका

हाजीपुर में सुल्तानपुर में दलित बस्ती में आयोजित जयंती समारोह सह आशीर्वाद यात्रा आशिर्वाद यात्रा की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन में चिराग ने कहा कि पापा के गुजरे नौ महीने भी नहीं हुए कि मेरे चाचा ने खंजर भोंका। इसलिए आज आपके बीच आया हूं। आपलोग आशीर्वाद का हाथ कभी मेरे सर से उठने मत दीजियेगा। हाजीपुर को पापा मां समान मानते थे। हाजीपुर की वजह से ही पिता जी की पहचान थी।सुल्तानपुर में ही पिता जी की आत्मा बसती है. इसी वजह से इस जगह को चुना।आपका आशीर्वाद और स्नेह चाहता हूं।ये मेरे पिता की कर्मभूमि है।

 परिवार के लोगों ने ही पीठ में खंजर भोंका

चिराग ने यह कहा कि मेरे परिवार के लोगों ने मेरे पीठ में खंजर भोंका है। ऐसी स्थिति में मेरे पिता की कर्मभूमि में आप सभी से आशीर्वाद लेने आया हूं। ताकि पार्टी को फिर से पुन: मजबूती प्रदान कर सकूं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान अपने पूरे जीवन काल में भाई पशुपति पारस, रामचंद्र पासवान, भतीजे प्रिंस राज और मुझे समेत पूरी पार्टी को एक सूत्र में बांधकर चलते रहे हैं। आप सभी लोगों के बीच मैं इसी लिए आया हूं कि आपके आशीर्वाद से मैं पार्टी को मजबूती प्रदान करने का काम करूंगा।

चिराग पासवान ने हाजीपुर की जनता से आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि मेरे पिता की पहचान हाजीपुर क्षेत्र से थी और हाजीपुर की पहचान पूरे देश में रामविलास पासवान से हुई थी, जिसे मैं फिर से स्थापित करूंगा। चिराग ने सीएम सीएम नीतीश कुमार हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार दलित विरोधी मानसिकता रखते हैं। लोजपा को तोड़ने के लिए पिछले एक दशक से विभिन्न चुनावों में वे प्रयास करते आ रहे थे। पार्टी संस्थापक और मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान के मरने के महज कुछ ही महीनों बाद आखिरकार उन्होंने पार्टी तोड़ने की कोशिश की और इसमें सफल भी रहे।

 पटना से हाजीपुर के लिए तो बढ़ता गया गाड़ियों का काफिला

 आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत के लिए चिराग पासवान पहले पटना पहुंचे. लोजपा में टूट के बाद पहली बार पटना आए चिराग को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। पटना एयरपोर्ट से हाजीपुर तक रोड के दोनों ओर चिराग समर्थकों की लंबी कतार लगी रही। समर्थकों की लंबी कतार देखकर अपनी गाड़ी की छत पर बैठ गये। कार्यकर्ता उनका फूल-मालाओं से स्वागत करते रहे।चिराग के साथ चल रहा गाड़ियों का काफिला भी धीरे-धीरे बढ़ता गया और हाजीपुर पहुंचते पहुंचते यह संख्या 1500 से ज्यादा गया था।इनमें पटना एयरपोर्ट आये एलजेपी के 135 विधानसभा कैंडिडेट, सभी जिलों के अध्यक्ष शामिल थे। ये लोग अपने साथ चार-पांच गाड़ियों में समर्थकों को लेकर आये थे।

रामविलास की आत्म की शांति के लिए मैंने लिया फैसला, चिराग के आचरण से आहत हुआ: पारस

 लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के प्रदेश मुख्यालय में सोमवार को आयोजित रामविलास पासवान की जयंती समारोह में विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं व नेताओं की भागीदारी रही।चाचा पारस ने भतीजे चिराग पर जमकर हमला बोला।एलजेपी अध्यक्ष व संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस अपने बड़े भाई रामविलास के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करने के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय भावुक हो गये। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पद-प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं है। बड़े भाई की बदौलत और समर्पित कार्यकर्ताओं के स्नेह से जीवन में बहुत सम्मान मिला। आठ बार एमएलए और चार बार मंत्री बना। अब मेरा राजनीतिक सफर अंतिम पड़ाव पर है। मुझे आने वाली पीढ़ी और समॢपत कार्यकर्ता कभी माफ नहीं करते, यदि मैं पार्टी को बर्बाद होते हुए मूकदर्शक बना देखता रहता।

 चिराग की वजह से पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र था समाप्त

पारस ने कहा कि चिराग के एकतरफा फैसले, अपमानजनक व्यवहार और अहंकारी आचरण से आहत हुआ। चिराग के रवैये से पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका था। बिहार में पार्टी का अस्तित्व खतरे में था, मैंने पार्टी के अस्तित्व को बचाया है। मैंने जो फैसला लिया, वह रामविलास पासवान की आत्मा की शांति के लिए लिया। उनकी विचारधारा और सिद्धांत को मिलकर आगे बढ़ाना है। उन्होंने रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग प्रधानमंत्री से की।समारोह में  पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व एक्स एमपी सूरजभान सिंह, एमपी चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी और चंदन सिंह, महासचिव उषा शर्मा, वीरेश्वर सिंह, एक्स एमएलए सुनील पाण्डेय, अनिल चौधरी, दिवंगत रामचंद्र पासवान के बड़े पुत्र कृष्ण राज समेत अन्य नेताओं ने रामविलास पासवान की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।हलांकि एमप प्रिंस राज आयोजन में नजर नहीं आये। पार्टी प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने बताया कि पूरे प्रदेश भर से छह हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

अमित शाह ने की पारस से बात, मोदी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा तेज

एलजेपी संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस से सोमवार को सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने टेलीफोन पर बातचीत की। इसके बाद राजनीतिक हलकों में पारस के मोदी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा तेज हो गयी है। बताया जा रहा है कि सेंट्रल कैबिनेट का आठ जुलाई को विस्तार हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पारस उसी दिन कैबिनेटमें शामिल हो सकते है। मीडिया द्वारा पूछे गये सवाल पर पारस ने अमित शाह से बात की पुष्टि तो की लेकिन कहा कि इस बातचीत में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। उनके अनुसार अमित शाह ने उनसे रामविलास पासवान की जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए बात की थी। उन्होंने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी कमी हमेशा खलेगी।