बिहार: शराबबंदी को ले सीएम नीतीश कुमार ने की समीक्षा , जिन स्टेट से हो रही तस्करी उनकी बोर्डर होंगी सील

सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को शराबबंदी की हाइ लेवल रिव्यू मीटिंग में अफसरों को कहा कि वे इस मानसिकता के साथ काम करें कि न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को पीने देंगे। शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता से कार्रवाई करें। 

बिहार: शराबबंदी को ले सीएम नीतीश कुमार ने की समीक्षा , जिन स्टेट से हो रही तस्करी उनकी बोर्डर होंगी सील
  • बिहार में न आने देंगे शराब और न किसी को पीने देंगे
  • पटना में होगी विशेष सतर्कता
  • शराबबंदी पर सख्ती को ले कई बड़े निर्णय

पटना। सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को शराबबंदी की हाइ लेवल रिव्यू मीटिंग में अफसरों को कहा कि वे इस मानसिकता के साथ काम करें कि न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को पीने देंगे। शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता से कार्रवाई करें। 

चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद को 23 नवंबर को पटना कोर्ट में पेशी का आदेश, सभी 28 आरोपित रहेंगे उपस्थित

सीएम ने कहा कि बार्डर एरिया में शराब सप्लाई के रूट्स को चिह्नित कर लगातार छापेमारी करें। एडीजी, आइजी व डीआइजी लेवल के अफसर नियमित रूप से क्षेत्र का भ्रमण करें और निचले लेवल तक क्रियान्वयन का जायजा लें। उन्होंने कहा कि गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करें ताकि डिपार्टमेंटल अफसरों व कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके। हर पंद्रह दिनों के अंतराल पर डीएम-एसपी, उत्पाद अधीक्षक एवं विशेष लोक अभियोजक एक बार बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा करें। सीएम की समीक्षा बैठक में मद्य निषेध विभाग ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। 

लोगों को शराब के नुकसान के विषय बताएं
सीएम ने कहा कि मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम  से लोगों को शराब से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें। शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाये गये नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।
पटना में बरतनी है विशेष सतर्कता
सीएम ने रीव्यू मीटिग में यह निर्देश दिया कि शराबबंदी को ले पटना में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। गड़बड़ करने वाले सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई हो किसी को भी बख्शना नहीं है।
नीरा का उत्पादन पुन: शुरू कराएं 

सीएम ने कहा कि नीरा का उत्पादन पुन: शुरू कराएं। यह उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। 
कई महत्वपूर्ण निर्णय
शराबवंदी पर संवाद कक्ष में हुई सात घंटे की बैठक में इस बाबत सख्ती बढ़ाने के कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। यह फैसला लिया गया कि जिन राज्यों से बिहार में शराब की तस्करी हो रही है उनके रूट को चिह्नित कर उसे सील किया जाए। शराब की होम डिलेवरी वाले चैनल पर नजर रखने के लिए इंटेलिजेंस को नीचे के स्तर से दुरुस्त किया जाए। शराब की होम डिलेवरी के खिलाफ बड़ा अभियान आरंभ किया जायेगा। चौकीदार-दफादर से भी नियमित रूप से इंटेलिजेंस इनपुट लिया जाए। हेडक्वार्टर लेवल अगले दिन डीजीपी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव व मद्य निषेध विभाग के अधिकारी यह समीक्षा करें कि शराबबंदी को लेकर जो निर्देश दिए गये हैं उसका अनुपालन हो रहा है या नहीं। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद व डीजीपी एसके सिंघल ने सीएम की मेराथन बैठक में लिये गये निर्णयों की विस्तार से जानकारी दी।
शराबबंदी में लापरवाह थानेदारों पर होगी कार्रवाई
सीएमकी समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर भी विमर्श हुआ कि कई थाना क्षेत्रों में विगत तीन-चार वर्षों से शराबबंदी के मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएम ने यह निर्देश दिए कि ऐसे थानों को चिह्नित कर उनके थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सरकारी कर्मी अगर शराब के धंधे में लिप्त मिले तो जाएगी नौकरी
यह निर्देश गया कि अगर कोई सरकारी कर्मी शराब के धंधे में लिप्त पाया जाता है तो उसकी नौकरी जाएगी। मुख्यमंत्री ने तल्ख अंदाज में कहा कि किसी भी कीमत पर ऐसे कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा।
जिलों के प्रभारी सचिव भी अब शराबबंदी की समीक्षा करेंगे
आसीएमकी बैठक में यह तय हुआ कि प्रभावी सचिव विकास योजनाओं के साथ-साथ शराबबंदी को लेकर हो रहे कार्यों की भी समीक्षा करेंगे। जिलों के प्रभारी मंत्री भी इस संबंध में सूचना लेंगे। 

हेडक्वर्टर की टीम की रेड में शराब बरामद होने पर वहां थानेदार सस्पेंड
हेडक्वार्टर से गयी टीम अगर किसी थाना क्षेत्र में शराब की बरामदगी करती है तो संबंधित थाने के थानेदार को तुरंत निलंबित कर दिया जायेगा। उसके खिलाफ विभाग के स्तर पर अन्य कार्रवाई होगी।थानेदार की संलिप्तता स्पष्ट होने पर अगले दस वर्षों तक किसी थाने का जिम्मा उन्हें नहीं मिलेगा।