अयोध्या: श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा: पीएम मोदी

एम नरेंद्र मोदी ने बुधवार पांच अगस्त को राम मंदिर के निर्माण लिए भूमि पूजन किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए अधारशिला की पट्टिका का अनावरण किया। कार्यक्रम स्थल पर बने मंच पर पीएम के साथ आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।

अयोध्या: श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा: पीएम मोदी
  • पीएम ने भूमि पूजन कर राम मंदिर का शिलान्यास किया

अयोध्या।पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार पांच अगस्त को राम मंदिर के निर्माण लिए भूमि पूजन किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए अधारशिला की पट्टिका का अनावरण किया। कार्यक्रम स्थल पर बने मंच पर पीएम के साथ आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।

भूमि पूजन समारोह में पीएम ने अपना संबोधन जय सिया राम के साथ प्रारंभ किया। आज इस जय घोष की गूंज पूरे विश्व में है। सभी देश वासियों, भारत भक्तों को और राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई। यह मेरा सौभाग्य है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का अवसर दिया। आना बड़ा स्वाभाविक भी था क्योंकि राम काज कीने बिन मोहि कहां विश्राम। भारत आज भगवान भास्कर के सामने सरयू किनारे एक नया अध्याय रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। हर मन दीप मय है। पूरा देश रोमांचित है हरमन दीप में है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। आज पूरा भारत भावुक। सदियों का इंतजार आज समाप्त।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है।आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है। सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई। राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है,  जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।

उन्होंने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है।'पीएम ने कहा कि कोई काम करना हो तो हम भगवान राम की ओर देखते हैं। राम संस्कृति के आधार हैं। भारत की मर्यादा हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। इसी आलोक में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर के लिए आज भूमि पूजन हुआ है। यहां आने से पहले मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलयुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है। हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राम मंदिर भूमि पूजन का आयोजन शुरू हुआ। श्री राम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आजा आंदोलन ना चला हो देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान ना दिया गया हो। स्वतंत्रता की कि उस उत्कट इच्छा भावना का प्रतीक है ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई कई सदियों तक कई कई पीढ़ियों ने अखंड अविरत एक निष्ठा प्रयास किया। त्याग बलिदान और संघर्षों से आज यह सपना साकार हो रहा है। मैं उन सब लोगों को 130 करोड़ देश वासियों की तरफ से सर झुका कर के नमन करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।

पीएम ने कहा कि  सदियों से चल रहे टूटने और उठने के क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है।वर्षों से टाट में रहे हमारे राम लला के लिए भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। सदियों से चल रहे टूटने और उठने के क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है। राम मंदिर के लिए कई सदियों तक कई पीढ़ियों ने संघर्ष किया। नींव की तरह जिनकी तपस्या राम मंदिर में गड़ी है उनको देश वासियों की तरफ से नमन।पीएम ने कहा कि देशभर के धामों, मंदिरों से लाई गई मिट्टी, नदियों का जल वहां के लोगों की भवानाएं यहां की अमोघ शक्ति बन गई है। वाकई ये न भूतो, न भविष्यति। भारत की आस्था, भारत के लोगों की सामूहिकता और इसकी अमोघ शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का यह पुण्य कार्य शुरू हुआ है। जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर राम सेतु बनाया गया था। वैसे ही घर-घर, गांव-गांव से श्रद्धापूर्क पूजी शिलाएं यहां ऊर्जा का श्रोत बन गई है।विश्व के कई लोग खुद को राम से जुड़ा हुआ मानते हैं। कंबोडिया, थाईलैंड, मलेशिया, ईरान में भी राम कथाओं का विवरण मिलेगा। नेपाल और श्रीलंका में तो राम का आत्मीय संबंध जुड़ा है। राम दुनिया के हर रूप में रचे-बसे हैं। राम विभिन्न रूपों में मिलेंगे। वह भारत की अनेकता में एकता के सूत्र हैं। तमिल, मलयालम, बांग्ला, कश्मीर, पंजाबी में राम हैं।

पीएम ने कहा कि तुलसी के राम सगुण राम हैं। नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं। आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के रघुपति राम हैं।भारत की आस्था में राम, दिव्यता में राम, दर्शन में राम हैं। राम भारत की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि जैसे दलित, पिछड़ों, आदिवासियों हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी को सहयोग किया। विदेश आक्रांताओं के खिलाफ राजा सुहेलदेव का सहयोग मिला। उसी तरह सबके सहयोग से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है। गिलहरी से लेकर वानर, केवट के वनवासी बंधुओं को राम का साथ मिला।आज का यह दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का यह दिन सत्य, अहिंसा और आस्था, बलिदान को न्यायप्रिय भारत की अनुपम भेंट है। कोरोना के कारण यह कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। राम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण पेश किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही किया। इसी मर्यादा का पालन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी किया गया था। तब सभी देशवासियों ने शांति के साथ सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया है। आज भी वही मर्यादा देखी जा रही है।उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच श्रीराम के कार्य में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए। जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, तब देशवासियों ने शांति सद्भावना का परिचय दिया था।राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया वर्तमान को अतीत से, स्व को संस्कार से, नर को नारायण से जोड़ने का प्रतीक है। युगों-युगों तक कीर्तिपताका फहराती रहेगी। सत्य, अहिंसा, बलिदान को न्यायप्रिय भारत की देन है।आस्था, श्रद्धा, संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। केवल अयोध्या की भव्यता नहीं बढ़ेगी। पूरे क्षेत्र का अर्थतंत्र बदल जायेगा।पूरी दुनिया से लोग यहां प्रभु राम और माता सीता का दर्शन करने आएं।श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा। यह मंदिर करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का प्रतीक भी बनेगा। यह आने वाली पीढ़ियों को साधना और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। मंदिर बनने से अयोध्या का पूरा अर्थतंत्र बदल जायेगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि करोड़ों-करोड़ों की इच्छा है कि रामलला का विराट मंदिर बने, जिसका शुभारंभ आज हो गया है। भाक्तों की भावनाओं का आज श्रीगणेश हो गया है। अब विलंभ नहीं होना चाहिए। एक ओर मोदी एक ओर योगी खड़े हैं। यह बड़ा सुहावना समय है और करोड़ों करोड़ों हिंदू राम भक्तों की अभिलाषा इच्छा है शीघ्र अति शीघ्र जहां रामलला विराजमान हैं वहां दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए। इसलिए तन मन धन अर्पण करने के लिए सभी तैयार हैं। मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाए मंदिर का निर्माण होगा समस्त भक्तों की कामनाओं की पूर्ति होगी।

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि आज सदियों की आस की लहर है।आनंद का छड़ है बहुत प्रकार से आनंद है। एक संकल्प लिया था पर मुझे स्मरण है तब कि हमारे संघ के सरसंघचालक बाला साहब देवरस जी ने यह बात हमको कदम आगे बढ़ाने से पहले याद दिलाई थी।। जिस 30 साल काम करना होगा तब यह काम होगा हमने किया संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है अनेक लोगों ने बलिदान दिए हैं और सूक्ष्म रूप में यहां उपस्थित है। ऐसे भी हैं जो यहां आ नहीं सकते आडवाणी जी अपने घर में बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। पूरे देश में आनंद की लहर है सदियों की आस पूरे होने की आनंद है सबसे बड़ा आनंद है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी। जिस आत्म भान की आवश्यकता थी उस का शुभारंभ आज हो रहा है।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए उमंग और उत्साह का दिन है।राम मंदिर के निर्माण कार्य को भले ही राम मंदिर ट्रस्ट करे लेकिन पूरी अवधपुरी के भौतिक विकास और सांस्कृतिक विसारत को क्षुब्ध किए बिना इस नगरी को वैभवशाली बनाने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं।'उन्होंने कहा कि जिस अवधपुरी का एहसास कराने के लिए 500 साल से प्रतीक्षा थी, उसकी पूरे दुनिया को, समस्त भारतवासियों की उन्होंने कहा कि इस घड़ी की प्रतीक्षा में हमारी कई पीढ़ियां चली गईं। राम मंदिर के निर्माण का सपना लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया।
अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन


इससे पहले अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की मिट्टी को अपने माथे पर लगाया और प्रणाम किया। कांची के शंकराचार्य की ओर से भेजी गई नवरत्न जड़ित सामग्रियों को भूमि पूजन अनुष्ठान में में समर्पित किया गया।प्रधान शिला के पूजन के पश्चात अष्ट उप शिला का पूजन किया गया। इसके पश्चात प्रभु श्रीराम की कुलदेवी के पूजन के साथ ही सभी देवियों का पूजन किया गया।जिस स्थल पर रामलला विराजमान थे उसी स्थल पर शिलाओं का पूजन किया गया। 12 बजकर 40 मिनट 08 सेकेंड तक अभिजीत मुहूर्त के अंदर ही संपूर्ण भूमि पूजन प्रक्रिया को संपादित किया गया। बाबा भैरवनाथ का स्मरण कर भूमि पूजन की ली गई अनुमति। इसी के साथ नौ शिलाओं का पूजन प्रारंभ हुआ।यजमान के रूप में पीएम नरेंद्र दामोदरदास मोदी को संकल्प दिलाया गया।

पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रभु राम के भक्त हनुमान के पूजन और दर्शन के बाद रामलला की दर्शन किया। वैदिक मंत्रों के बीच प्रधानमंत्री ने रामलला के श्री चरणों में पुष्प अर्पित किया माल्यार्पण किया। शंख ध्वनि से संपूर्ण परिसर गुंजायमान हो उठा। पीएम ने कैंपस में पारिजात का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 

पीएम हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रभु राम के भक्त हनुमान के पूजन और दर्शन किया। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मंदिर की परिक्रमा भी की। हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन श्रीमंहत प्रेमदास जी ने पीएम मोदी को चांदी का मुकुट व रामनामी भेट कर स्वागत किया।

राम मंदिर भूमि पूजन कराने वाले पंडित जी ने पीएम से मांगी दक्षिणा

पीएम नरेंद्र मोदी से अनुष्ठान करा रहे पंडित जी भी इस ऐतिहासिक पल को लेकर बेहद खुश थे।ब दक्षिणा की बारी आई तो पंडित जी ने कहा, किसी भी यज्ञ में दक्षिणा आवश्यक होती है। ऐसे जजमान कहां मिलेंगे हम लोगों को। यज्ञ की पत्नी का नाम दक्षिणा है, यज्ञ रूपी पुरुष और दक्षिणा रूपी पत्नी के संयोग से एक पुत्र की उत्पत्ति होती है, जिसका नाम है फल।पंडित जी ने कहा कि दक्षिणा तो इतनी दे दी गई कि अरबो आशीर्वीद इनकों प्राप्त होंगे। कुछ समस्याएं हैं भारत में अभी भी, जिनको दूर करने का पीएम ने संकल्प लिया ही है। पांच अगस्त में सोने में सुगंध हो जाए कुछ और उसमें जुड़ जाए तो भगवान सीता राम की कृपा। इससे पहले भी पंडित जी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि इस तरह के जजमान मिले हैं। उन्होंने कहा कि शायद उनका जन्म ही इसी काम की वजह से हुआ है।

अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन कर पीएम मोदी ने एक बनाये तीन रिकॉर्ड

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को शुभ मुहूर्त में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भूमि पूजन किया। इस एक काम के साथ पीएम मोदी ने तीन रिकॉर्ड बना दिए। प्राप्त जानकारी अनुसार पीएम मोदी श्री राम जन्मभूमि जाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गये हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए किसी नेता ने राम जन्मभूमि की यात्रा नहीं की थी।यह पहला मौका था जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने अयोध्या के हनुमानगढ़ी का दर्शन किया हो। अयोध्या पहुंचने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर आरती की। उन्होंने मंदिर की परिक्रमा की। यह दसवीं सदी का मंदिर है। यहां पर मंदिर के पुजारी ने पीएम मोदी को मुकुट और रामनामी से स्वागत किया।

पीएम नरेंद्र मोदी आज 28 साल बाद रामलला की नगरी पहुंचे हैं। वे इससे पहले वर्ष 1992 में यहां पहुंचे थे। राम मंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ उस वक्त पीएम मोदी एक साधारण कार्यकर्ता की तरह रामनगरी में पधारे थे। बताया जाता है कि उनसे एक पत्रकार ने संयोग से दोबारा आने का समय पूछा था। उस समय उन्होने मुस्करा कर कहा था कि अब अयोध्या तभी आऊंगा जब राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। भव्य राम मंदिर के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही पीएम मोदी का नाम देश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के प्रतीक किसी मंदिर के शुभारंभ कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले पहले प्रधानमंत्री के तौर पर दर्ज हो गया है। इससे पहले सोमनाथ मंदिर के जिर्णोद्धार और पुनर्निमाण के कार्यक्रम से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने खुद को अलग कर लिया था।पीएम मोदी रामभक्त हनुमान का दर्शन पूजन कर उनसे भूमि पूजन की अनुमति मांगी। दस मिनट प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी में बिताने के बाद वह करीब 12 बजे राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। जहां  उन्होंने विधिवत रामलला विराजमान का दर्शन पूजन किया।