आंध्र प्रदेश: शासकों में होती हैं 14 खराब बातें जिनसे उन्हें बचना चाहिए: CJI एनवी रमना

सीजेआइ एनवी रमना ने कहा कि शासक को अपने फैसलों को लेकर रोजाना आत्ममंथन करने की जरूरत है। उसके फैसले अच्छे हैं या खराब, इनको लेकर उसको रोज चिंतन करना चाहिए। CJI सोमवार को आंध्र प्रदेश अनंतपुरमु जिले के पुट्टपर्थी में श्रीसत्य साईं इंस्टीट्यूट आफ हायर लर्निग के 40वें दीक्षा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

आंध्र प्रदेश: शासकों में होती हैं 14 खराब बातें जिनसे उन्हें बचना चाहिए: CJI एनवी रमना
  • शासक को अपने फैसलों को लेकर रोजाना आत्ममंथन करने की जरूरत 
  • पुट्टपर्थी में श्रीसत्य साईं इंस्टीट्यूट आफ हायर लर्निग के 40वें दीक्षा कार्यक्रम को किया संबोधित 

अनंतपुरमु (आंध्र प्रदेश)। सीजेआइ एनवी रमना ने कहा कि शासक को अपने फैसलों को लेकर रोजाना आत्ममंथन करने की जरूरत है। उसके फैसले अच्छे हैं या खराब, इनको लेकर उसको रोज चिंतन करना चाहिए। CJI सोमवार को आंध्र प्रदेश अनंतपुरमु जिले के पुट्टपर्थी में श्रीसत्य साईं इंस्टीट्यूट आफ हायर लर्निग के 40वें दीक्षा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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लोकतंत्र में जनता ही भगवान

सीजेआइ ने रामायण और महाभारत का उल्लेख करते हुए कहा कि शासक में 14 खराब बातें होती हैं, जिनसे उन्हें बचना चाहिए।उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी शासकों को अपना रोज का कार्य शुरू करने से पहले यह आत्मचिंतन करना चाहिए कि उनमें क्या कोई खराब बात है। न्यायसंगत प्रशासन देने की आवश्यकता है। यह लोगों की आवश्यकताओं के अनुसार होना चाहिए। यहां बहुत से बुद्धिमान लोग हैं जो देश और दुनिया में हो रहे घटनाक्रम को देख रहे हैं। सीजेआइ ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही परम प्रभु है और सरकार ने जो भी फैसला लिया है, उसका लाभ उनको मिलना चाहिए।
सभी व्यवस्थाएं स्वतंत्र और ईमानदार होनी चाहिए

उन्होंने कहा कि देश में सभी व्यवस्थाएं स्वतंत्र और ईमानदार होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश आधुनिक शिक्षा प्रणाली केवल उपयोगितावाले कार्यो पर ही ध्यान देती है। इस तरह की प्रणाली शिक्षा के नैतिक अथवा आध्यात्मिक पहलु से निपटने में सुसज्जित नहीं है जो छात्रों के चरित्र का निर्माण करती है और उनमें सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी की भावना का विकास करती है।

सत्य साई बाबा की ज्ञान की बातें हमेशा मेरे साथ

सीजेआइ ने कहा कि सच्ची शिक्षा वह है जो नैतिक मूल्यों और नम्रता के गुण, अनुशासन, नि:स्वार्थता, करुणा, सहिष्णुता, क्षमा और परस्पर सम्मान से जुड़ी होती है। उन्होंने कहा कि मुझे सौभाग्य मिला है कि मैंने सत्य साईं बाबा के दर्शन किए हैं। उनकी ज्ञान की बातें हमेशा मेरे साथ रहती हैं।