बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति की मिसाल: प्रेम कुमार निर्विरोध स्पीकर चुने गये

बिहार विधानसभा में प्रेम कुमार निर्विरोध स्पीकर चुने गए। नीतीश–तेजस्वी ने मिलकर चेयर तक पहुंचाया। सदन में सर्वसम्मति और राजनीतिक सौहार्द की मिसाल।

बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति की मिसाल: प्रेम कुमार निर्विरोध स्पीकर चुने गये
सदस्यों ने दी प्रेम कुमार को बधाई।
  • नीतीश–तेजस्वी ने मिलकर उन्हें अध्यक्ष को तक लाया
  • जय श्री राम के नारों के बीच नया नेतृत्व; सत्ता–विपक्ष एकजुट
  • तेजस्वी बोले—‘सरकार भटकेगी तो आईना दिखाएंगे’

पटना। (Threesocieties.com Desk)। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राजनीति में दुर्लभ दिखने वाली एकता देखने को मिली। वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार को निर्विरोध रूप से बिहार विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। स्पीकर पद के लिए किसी अन्य नामांकन के न आने पर सदन ने सर्वसम्मति से उनका चयन किया।

यह भी पढ़ेंं: Sanchar Sathi APP : हर फोन में संचार साथी ऐप, सरकार बोली-न अनिवार्य… न रखना ज़रूरी, चाहें तो डिलीट कर दें

चुनाव की घोषणा होते ही सदन में ‘जय श्री राम’ के नारे गूंज उठे और इसके बाद सदन के इतिहास में अनूठा क्षण आया—मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने साथ में खड़े होकर प्रेम कुमार को अध्यक्षीय कुर्सी तक पहुंचाया। दोनों बड़े नेताओं द्वारा दिखाई गई यह एकता राजनीतिक मर्यादा और लोकतांत्रिक परंपरा का प्रतीक बन गई।

नीतीश कुमार ने की सराहना, सदन को खड़े होकर प्रणाम करने को कहा

प्रेम कुमार के पदभार ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई दी और सदन में उनके लंबे संसदीय अनुभव की प्रशंसा की।
उन्होंने सभी विधायकों को खड़े होकर नए अध्यक्ष को प्रणाम करने के लिए भी कहा। नीतीश ने कहा कि सर्वसम्मति से चुना जाना प्रेम कुमार की स्वीकार्यता और सभी दलों के विश्वास का परिणाम है।

प्रेम कुमार बोले—‘सर्वसम्मति सम्मान भी, जिम्मेदारी भी’

अपने प्रथम संबोधन में प्रेम कुमार ने गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता ने जिस ऐतिहासिक जनमत के साथ जनप्रतिनिधियों पर भरोसा जताया है, उसकी रक्षा करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा— “सर्वसम्मति से चयन मेरे लिए सम्मान है, लेकिन जिम्मेदारी अब पहले से अधिक बढ़ गई है। मैं पूरी निष्पक्षता और मर्यादा के साथ सदन चलाऊंगा।” प्रेम कुमार ने अपने गृह क्षेत्र गया की जनता का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया और कहा कि जनता के विश्वास पर खरा उतरना उनका सबसे बड़ा लक्ष्य होगा।

तेजस्वी यादव ने कहा—‘हमारा लक्ष्य नया बिहार, व्यक्तिगत विरोध नहीं’

अध्यक्षीय संबोधन के बाद महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने सदन में अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि विपक्ष सरकार का विरोध केवल उद्देश्यहीन राजनीति के लिए नहीं करेगा। तेजस्वी ने कहा— “हमें किसी से व्यक्तिगत विद्वेष नहीं। लेकिन अगर सरकार जनहित से भटकेगी, तो हम उसे आईना दिखाने में एक पल भी नहीं लगाएंगे।”

उन्होंने आगे कहा— “हमारा लक्ष्य है—नया बिहार। ऐसा बिहार जो बेरोजगारी, पलायन और गरीबी से मुक्त हो। सत्ता पक्ष संख्या बल में है, इसलिए असली संरक्षण की जरूरत विपक्ष को है।”तेजस्वी ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष से नियमावली के तहत निष्पक्ष तरीके से सदन चलाने की उम्मीद जताई।

आज पांच विधायकों ने ली शपथ, दो रहे गैरहाजिर

आज के सत्र में पांच विधायकों ने शपथ ग्रहण किया—

मदन सहनी

विनय बिहारी

जीवेश मिश्रा

केदार नाथ सिंह

डॉ. सुनील कुमार

जबकि दो विधायक आज भी अनुपस्थित रहे—

अमरेंद्र कुमार पांडेय (कुचायकोट)

अनंत सिंह (मोकामा)

आगे तीन दिनों में क्या होगा?

तीसरे दिन—राज्यपाल सदन को संबोधित करेंगे और सरकारी नीतियों व योजनाओं का विवरण प्रस्तुत करेंगे।

चौथे और पांचवें दिन—राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी, जहां सत्ता और विपक्ष आमने–सामने होंगे।

राजनीतिक संदेश क्या?

प्रेम कुमार का निर्विरोध चयन न केवल राजनीतिक सहमति का मजबूत संकेत है, बल्कि आने वाले दिनों में सदन की कार्यवाही के अधिक सुचारु और सौहार्दपूर्ण होने की उम्मीद जगाता है। नीतीश–तेजस्वी का साथ आना और विपक्ष की रचनात्मक भूमिका का ऐलान—दोनों मिलकर यह संदेश देते हैं कि बिहार की राजनीति अभी भी संवाद और परंपरा को महत्व देती है।